क्या अधिकारी ही बन गए है भूमाफिया .?
निगम के अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप .
निजी जमीन पर चला दिया बुलडोजर .!
कोर्ट के आदेश की अवमानना का लगा आरोप .!
बिलासपुर……प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े शहर में नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ भू स्वामी ने कोर्ट की आवमानन का गंभीर आरोप लगाया है .. प्रार्थी आदित्य गुप्ता ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी निगम के अधिकारी द्वारा जबरन उनकी निजी जमीन पर बनी बाउंड्री वॉल पर बुलडोजर चलवा दिया गया है …जमीन मालिक आदित्य गुप्ता का कहना है कि वर्ष 1984 से व्यापार विहार इलाके में उनकी पुस्तेनी जमीन सरकारी दतावेजो पर उनके नाम पर दर्ज है ..और यह 37 डिसमिल जमीन उनकी पैतृक संपत्ति है …जो राजस्व रिकार्ड में आनलाइन भी दिखाई दे रही है …
जमीन मालिक का कहना है कि पहले तो निगम इस जमीन को रेलवे द्वारा अधिग्रहित करने की जानकारी देते हुए उनकी निजी जमीन को निगम की जमीन बताकर अलग अलग लोगो को गलत तरीके से बेच भी दिया गया..
आरोप है की नगर निगम ने बीते 1 फरवरी को भू स्वामी के द्वारा किए गए बाउंड्री वॉल को अवैध बता कर वहां नोटिस चस्पा किया था। जिसके तुरंत बाद यानी कि दूसरे दिन भू स्वामी ने भी उस जमीन पर मालिकाना अधिकार और तमाम दस्तावेज के आधार पर हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर दिया था। याचिका के जवाब में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भी नगर निगम को 7 दोनों का मोहलत देते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल के लिए निर्देश जारी कर जांच पड़ताल तक बाउंड्री वॉल यथावत रहने देने की बात कही थी।बावजूद इसके 14 फरवरी को नगर निगम ने उनके बाउंड्री वॉल पर एक सूची चस्पा कर सिरगिट्टी हल्का नम्बर 41 और खसरा नम्बर 31/1 को रेलवे के द्वारा अधिग्रहित करना बता दिया।और दूसरे दिन यानी कि 15 फरवरी को उसमे बुलडोजर चलवा दिया। जो की पूरी तरह कोर्ट के आदेश की अवमानना का मामला है…
कार्यवाही से क्षुब्ध पीड़ित भू स्वामी फिर से कोर्ट के शरण में पहुंच गया और इस घटना की जानकारी दी। जिसके बाद कोर्ट ने तत्काल सुनवाई करते हुए अमित कुमार और जोन क्रमांक 4 की कमिश्नर विभा सिंह को अवमानना का नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होकर जवाब प्रस्तुत करने निर्देशित किया। कोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद नगर निगम के अफसरो में हड़कंप मच गया है। जमीन स्वामी ने बताया कि पहले नगर निगम के अफसर कहते हैं कि यह जमीन निगम की है और उसे अवैध तरीके से अलग-अलग टुकड़ों में 10 लोगों को बेच देते हैं ।उसके बाद जब जमीन मालिक के द्वारा तमाम दस्तावेज प्रस्तुत किया जाता है तो बाद में उसे जमीन को निगम की ओर से रेलवे के द्वारा अधिग्रहित कर लेना बताया जाता है।उन्होंने कहा कि अबतक लीगल दस्तावेज के आधार पर सुनवाई उनके पक्ष में हुई,,इसलिए वे चाहते है कि इस मामले में दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए…
गौरतलब है कि नगर निगम के ऊपर किसी और की जमीन को खुद की बता कर अवैध तरीके से फर्जी वाड़ा कर बेचने का बड़ा गंभीर आरोप लगा है,,वहीं पीड़ित पक्ष ने तो नगर निगम के अधिकारियों को भू माफिया भी करार दे दिया है….आरोप है कि जिस तरह से नगर निगम के द्वारा फर्जीवाड़ा किया गया है पीड़ित पक्ष के पास उससे जुड़े तमाम दस्तावेज भी मौजूद है। वही अब तो कोर्ट ने भी नगर निगम के अफसरों को अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है। इस पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए मीडिया ने नगर निगम के अफसरों से भी संपर्क करना चाह लेकिन अफसरों ने इस संबंध में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी। अब देखना होगा मीडिया के सवालों से बचने वाले निगम अधिकारी कोर्ट में क्या जवाब प्रस्तुत करते है ।।