जेल में अवैध वसूली का चर्चित मामला .!
खबर पर कलेक्टर और पुलिस कप्तान ने दिखाई गंभीरता.!
केंद्रीय जेल का किया निरीक्षण बताया सब कुछ परफेक्ट .!
बड़ा सवाल ! पत्र लिखने वाले से कब करेंगे जिम्मेदार पूछताछ .?
डेस्क खबर बिलासपुर ./ एक बार फिर डंकाराम वेब न्यूज पोर्टल की खबरों को जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने गभीरता से लिया है । केंद्रीय जेल बिलासपुर के जेल अधीक्षक के संरक्षण में बहुचर्चित अपरहण कांड के मुख्य आरोपी अनिल सिंह और उसके भाई सुनील सिंह सहित नंबरदार और प्रहरियों पर खाने सोने और नशे के सामान सहित सुविधा देने के एवज में लाखों रु वसूली का आरोप लगाते हुए कैदियों के परिजनों द्वारा लिखी गई चिट्ठी के वायरल होने के बाद से जेल प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया था । इस पत्र के द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप के बाद बिलासपुर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने आौचिक निरीक्षण किया और जेल से बाहर आने के बाद सब कुछ सही होने के बात कहते हुए पत्र में लगे आरोप की जांच का आश्वाशन भी दिया ।
जेल अधीक्षक को नहीं लगी भनक । मीडिया में खबर हुई लीक..
वहीं अचानक अधिकारियों के निरीक्षण की खबर भले मीडियाकर्मियों को लग गई हो लेकिन जिला प्रशासन को भनक तक नहीं लगी ..? कई कैदियों से बातचीत और निरीक्षण के बाद अधिकारी संतुष्ट नजर आए ।
जेल अधीक्षक के अनुसार जेल के अंदर दाखिल होते ही कितना बड़ा भी अधिकारी हो उसे आवक जावक रजिस्टर में एंट्री करनी होती है ऐसे में कुछ समय भी लगता है और उसके बाद भी कोई भी हो उसे जेल के अंदर जाने की अनुमति मिलती है और इसमें समय भी लगता है ।
क्या पत्र के मुख्य बिंदुओं पर होगी जांच ….
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिज को लिखे गए पत्र में परिजनों ने नाम सहित जेल डीजी से लेकर जेल अधीक्षक पर कैदियों द्वारा पैसे वसूलने का दावा किया है .। इतना ही नहीं शिकायकर्ता ने बाकायदा विराट अपरहण के मुख्य आरोपी अनिल सिंह के कहने पर उसके भाई सुनील सिंह जो कि प्रदेश के गृहमंत्री के इलाके कवर्धा का रहने वाला है उसके एकाउंट में और मोबाइल के जरिए 4 से पांच लाख रु जमा करने का दावा भी किया है । तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सुनील सिंह के खातों की जांच के बाद सच सामने आ पाएगा । सवाल यह भी है कि क्या पत्र के वायरल होने के बाद आनन फानन में केंद्रीय जेल पहुंचे अधिकारी शिकायकर्ताओं से मुलाकात कर उस एकाउंट का पता लगाएंगे जिसमें पैसा जमा करने का दावा कर रहे है । और सबसे बड़ा सवाल है क्या विवादों में रहने वाले आरोपी अनिल सिंह को किसी दूसरे जेल में शिफ्ट करने की योजना पर विचार किया जाएगा ..?
पत्र के बाद मचे बवाल के बाद कई सवाल भी है जिसका जवाब जांच के बाद ही सामने आ सकेगा कि परिजनों के आरोप में सच्चाई है या फिर जेल अधीक्षक के बयान में .?
बिलासपुर की केंद्रीय जेल से कैदियों के साथ प्रताड़ना और उगाही की खबरों के बाद प्रदेश में मचे हड़कंप के बाद
गुरुवार शाम कलेक्टर अविनाश शरण और एसपी रजनेश सिंह, निगम आयुक्त अमित कुमार, एसडीएम पीयूष तिवारी सहित अन्य अधिकारियों के साथ केंद्रीय जेल पहुंचे और करीब 45 मिनट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने कहा कि जेल की स्थिति “ओके” है, हालांकि कुछ कमियों पर ध्यान दिया गया और जेल अधीक्षक को उन्हें दूर करने के निर्देश दिए गए।
जब कलेक्टर अविनाश शरण से वायरल पत्र के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस पत्र की जानकारी मीडिया के माध्यम से ही मिली है। आरोपों की पुष्टि के लिए जेल अधीक्षक से जानकारी मांगी गई है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने जेल में बंदियों की संख्या के बारे में भी बात की और बताया कि जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए नए जेल भवन के निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू कराई जाएगी।
एसपी रजनेश सिंह ने भी मीडिया से बातचीत में बताया कि मीडिया के माध्यम से मिली जानकारी की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि चार महीने पहले एक मामले में कार्रवाई की गई थी, लेकिन फिलहाल जेल में प्रताड़ना या उगाही जैसी कोई गतिविधि नजर नहीं आई है। उन्होंने यह भी कहा कि जेल में अचानक निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया गया, लेकिन अभी तक ऐसी कोई स्थिति सामने नहीं आई है जो वायरल पत्र के आरोपों की पुष्टि करती हो।