पेन की स्याही की इतनी कीमत…. हस्ताक्षर करने के ये महोदया मांगती है 20 रुपए….
डेस्क खबर ...भाजपा सरकार के द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए महतारी वंदन योजना की शुरुआत की गई है जिसके जरिए महिलाएं अपने खुद के खर्च के लिए मोहताज नहीं रहेगी… पंचायत से शहरी क्षेत्रों की गरीब महिलाओं के लिए सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत की जा रही है… इस योजना का अच्छा प्रतिसाद भी देखने मिल रहा है हर जिले मैं लाखो की संख्या में महिलाएं इस योजना का फार्म भर रही है… फार्म भरने के साथ ही जरूरी दस्तावेज भी मांगे जा रहे है जिसे sartifaid करने का जिम्मा स्थानीय, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को दिया गया है… लेकिन छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर के रिसाली में वार्ड क्रमांक 15 की कांग्रेस पार्षद और एम आई सी सदस्य ईश्वरी साहू पर दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के 20 रुपए मांगे जा रहे है…. बता दे की शहरी क्षेत्रों में महतारी वंदन योजना से जुड़े दस्तावेज को प्रमाणित करने की जिम्मेदारी निगम क्षेत्रों में वार्ड पार्षद को सौंपी गई है… उन आरोप लग रहे है कि महतारी वंदन से जुड़ी महिलाएं अगर उनके पास दस्तावेजों को लेकर पहुंच रही है तो उनके द्वारा 20 रुपए हस्ताक्षर करने के मांगे जा रहे है…. जब उनसे इस बारे में मीडिया ने सवाल किया कि वे … 20 रुपए क्यों मांग रही है तो उनका जबाव था की सुबह … 9 बजे से रात 11 बजे तक काम करती हूं…
आप भी सुन लीजिए पार्षद मैडम 20 रुपए के लिए क्या दलील दे रही है….
चूंकि मामला कांग्रेस पार्षद से जुड़ा है ऐसे में भाजपा को कांग्रेस को घेरने एक मौका मिल गया है… भाजपा पार्षद धर्मेंद्र भगत ने संभाग आयुक्त को एक लिखित शिकायत की है जिसमे उन्होंने पार्षद पद से उन्हे बर्खास्त करने की मांग कर डाली है…. उधर वायरल वीडियो में भले ही पार्षद महोदया 20 रुपए लेते हुए न दिख रही हो लेकिन माथे पर आई शिकन, उनकी चुप्पी और मीडिया द्वारा पूछे जानें पर खुद मीडिया से सवाल कर रही पार्षद महोदया की भाव भंगिमा इस बात की चीख चीख कर गवाही दे रही है कि हस्ताक्षर के बीस उनके पर्स में जरूर जा रहे हैं.
सवाल ये नही कि 20 रुपए ने इतना बड़ा बवाल खड़ा कर दिया सवाल ये है कि महिला ही महिला के दर्द को नही समझ रही है… महिलाओं की योजना पर तो महिला को कम से कम अपनी नियत साफ रखनी चाहिए…. शायद ऐसा लगता है की 20 रुपए की गिनती में हजारों लाखों का वारा न्यारा करने का हिसाब किताब पार्षद महोदय ने बिठा रखा था… इसी चक्कर में वे भूल गई की केंद्र में तो वैसे ही अब कुछ नही है राज्य में भी कुछ है नही, जो इस तरह के मामले पर लीपा पोती हो जाती … बहरहाल प्रशासन जानें की पार्षद महोदय के इस कृत्य के लिए वह क्या करता है… फिलहाल ऐसा लगता है कि 9 बजे से रात 11 बजे तक दस्तखत करते करते या तो हाथ में दर्द हो जाता होगा या फिर सिर में…. जाहिर दर्द से राहत के लिए कुछ मलहम, बाम तो खरीदना ही पड़ेगा , जो फ्री में आएगा नही, ऐसे में विक्स और आयोडेक्स के लिए 20 रुपए तो बनता है… …