डेस्क खबरबिलासपुर

तखतपुर स्वास्थ्य विभाग में मनमानी, राशि मिलने के बावजूद कर्मचारियों के मेडिकल बिल अटके, लिपिक पर ‘नजराना’ मांगने के आरोप ? बिलासपुर कलेक्टर से शिकायत की तैयारी .!!

डेस्क खबर बिलासपुर। न्यायधानी बिलासपुर के तखतपुर स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और तानाशाही का मामला सामने आया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) बिलासपुर द्वारा जून 2025 में तखतपुर, बिल्हा, मस्तूरी और कोटा के खंड चिकित्सा अधिकारियों को कर्मचारियों के लंबित मेडिकल बिलों के भुगतान हेतु दो-दो लाख रुपये की राशि प्रदान की गई थी। लेकिन पांच महीने बीत जाने के बाद भी तखतपुर ब्लॉक के कर्मचारियों को उनके मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया गया है।

जानकारी के अनुसार, तखतपुर में पदस्थ कर्मचारि विनायक शरण चंद्रवंशी, राजेश तिवारी, संयोग श्रीवास, शकुंतला दुबे और अंजनी मिश्रा ने कई बार खंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) को भुगतान हेतु आवेदन प्रस्तुत किया, किंतु हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। कर्मचारियों का आरोप है कि कार्यालय में पदस्थ लिपिक भुगतान के एवज में “नजराना” मांग रहा है और खंड चिकित्सा अधिकारी उसके विरुद्ध कार्रवाई करने से बच रहे हैं। स्थिति यह है कि BMO तखतपुर द्वारा राशि होने के बावजूद कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया जा रहा, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। पीड़ित कर्मचारियों ने अब कलेक्टर से शिकायत करने की तैयारी कर ली है।

आश्चर्यजनक रूप से CMHO बिलासपुर को भी इस मामले की जानकारी दी गई थी, लेकिन उनकी ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यह उदासीनता इस बात का संकेत है कि खंड चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नियंत्रण में नहीं हैं।बार बार आवेदन देने के बाद भी भुगतान नहीं मिलने पर प्राथी कर्मचारियों का कहना है कि यदि मेडिकल बिल जैसी छोटी राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा, तो अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के फंड का उपयोग किस तरह हो रहा होगा, यह आसानी से समझा जा सकता है। अगर इस मामले की गंभीर जांच की जाए, तो सिर्फ तखतपुर ब्लॉक में ही करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हो सकता है। अब देखना होगा कि आवेदकों को कब तक मेडिकल बिल का भुगतान मिल पाता है .??

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