बिलासपुर

जब राजस्व विभाग और भूमाफियाओं की हो जाये दोस्ती तो भूमाफिया क्यों ना हो मालामाल ?
नामचीन भूमाफिया के खिलाफ कब होगी कार्रवाई ? जनता पूछ रही है सवाल ,.?
अधिकारियों और जमीन चोरों में मचा घमासान .?




बिलासपुर —  भूमाफिया और राजस्व विभाग की जुगलबंदी से बिलासपुर जिले के शहरी और ग्रामीण इलाको में जमीनों का काले कारोबार का खेला जमकर खेला जा रहा है । कांग्रेसी राज में जमीन चोरों के साथ सांठगांठ कर अपनी जेब गर्म करने वाले अधिकारियों द्वारा भूमाफियाओं के खिलाफ की जा रही कार्यवाही पर सवाल खड़े हो रहे है …और जनता शासन प्रशासन से सवाल कर रही है  *जमीन के अवेध कारोबार को संरक्षण देने वाले दोषी अफसरों पर कब होगी कार्यवाही???


बिलासपुर शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में  में भूमाफिया कांग्रेस राज से ही सक्रिय हो गए है .. सरकारी नियमों को ताक में रखकर बिना अनुमति के कृषि भूमि को बिना किसी डर भय के टुकड़ों में गैरकानूनी तरीके से बेचा जा रहा है । जमीन चोरों के ऊपर नकेल कसने और जांच  के लिए तत्कालीन कलेक्टर के निर्देश के बाद सयुक्त टीम भी बनाई गई थी .? लेकिन परिणाम शिफर ही रहा .?


बिलासपुर कलेक्टर द्वारा नगर निगम और टाउन & कंट्री विभाग के नियमों को दरकिनार कर भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश भी जारी किए गए है
लेकिन उसके बाद भी अवैध जमीन का धंधा ग्रामीणों क्षेत्रों में जमकर फलफूल रहा है .!
सरकारी दफ्तरों निजी कालोनियों और चौक चौराहों पर भूमाफिया बकायदा बिना किसी भय के आम लोगो को बड़े बड़े सपने दिखाने वाले पंपलेट भी चस्पा किए हुए है ..!
इन भूमाफियाओं के खिलाफ शिकायते का अंबार भी लगा राजस्व विभाग की टेबल में लगा हुआ है लेकिन अधिकारियों के संरक्षण में भूमाफियाओं द्वारा बिना अनुमति के बेची गई जमीनों के नामतरण से लेकर रिकार्ड दुरुस्ती का काम आसानी से चंद पैसे लेकर अधिकारियों द्वारा कर दिया ज्ञाता है । राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत के चलते भूमाफियाओं ग्रामीण क्षेत्रों में निजी जमीन के अलावा सरकारी जमीनों को भी बेचने में बिलकुल नहीं हिचक रहे है क्योंकि उन्हें भी मालूम है कि सरकारी जमीनों को रिकार्ड में निजी करने का काम भीं इन सरकारी अधिकारियों द्वारा ही किया जाएगा .शायद यही वजह है कि शहर से लगे ग्रामीण इलाके लोखंडी , हांफा, जोकी,सहित कानन पेंडारी जू से लगे पेंडारी में  निजी सहितसरकारी जमीनों पर अवैध प्लाटिंग का खेल खेला जा रहा है ।

इनके खिलाफ हुई है गंभीर शिकायते .!

गजमुख कंट्रशन के संचालक द्वारा उसलापुर , हांफा , सकरी ,मंगला आदि क्षेत्रों में चल रहे अवैध जमीन के धंधे सहित फर्स्ट मेन इंफ्रा द्वारा पेंडारी ( जू से लगे क्षेत्रों में )  और हांफा लोखंडी में सरकारी जमीनों सहित वन विभाग की जमीन पर चल रही इन अवैध गतिविधियों की शिकायत  खसरो नंबर सहित एसडीएम ,तहसीलदार,पटवारी तक जांच करने की मांग की गई है । कई साल बीत जाने के बाद भी इन रसूखदार के खिलाफ कड़ी ठोस कार्यवाही नही होने से अधिकारी सवालों के घेरे में है .? क्योंकि अवैध जमीन कारोबार के खिलाफ खसरा नंबर सहित इनके द्वारा सकरी ,मंगला ,उसलापुर , पेंडारी , हांफा ,सहित कई ग्रामीण क्षेत्रो में बिना किसी अनुमति के चल रहे अवैध प्लाटिंग और निर्माण की  शिकायते निगम कमिश्नर, एसडीएम तहसीलदार सहित ग्राम पंचायतों स्तर तक की गई है ।
पर शिकायतों पर कार्यवाही नही होने से ग्राम पंचायत से लेकर राजस्व विभाग के अधिकारियों पर सवाल खड़े हो रहे है ? और शिकायतकर्ता इन अधिकारियों  पर भूमाफियाओं के साथ मिलीभगत का गंभीर आरोप लगा रहे है ।


निगम के पीले पंजे से बचने के लिए भूमाफिया ग्रामीण क्षेत्रों में भीलेभालो ग्रामीणों से एग्रीमेंट कर अपने पंजे में दबोच कर काले कारोबार का खेल खेलते है । बिना टी एनसी एप्रूबल., बिना रेरा के पंजीयन  के चल इन गोरखधंधों को संचालित करने वाले भूमाफियाओं ने बकायदा इन अवैध कालोनी में जनता को आकर्षित करने के लिए सीसी रोड , नाली  ,और खंबे भी लगा दिए है .।  तखतपुर क्षेत्र के अलग अलग इलाकों में भूमाफियाओं को राजस्व विभाग ने खुली आजादी दी गई थी जिसके फलस्वरूप भू माफिया अपना काम पूरी आजादी के साथ करते हुए अवैध प्लाटिंग कर नाली और सड़क का भी निर्माण कर डाला लेकिन रसूखदारों की सहभागिता और मिलीभगत के चलते काबिल अफसरों ने अपनी आंखे मूंद ली थी ।


अब देखना होगा कि कई क्षेत्रों में भूमाफियों के खिलाफ हो रही ताबड़तोड़ कार्यवाही करने वाले अधिकारियों को नजरे कब इन बड़े भूमाफिया पर पड़ती है और कब इनके द्वारा सरकारी जमीन और निजी जमीन पर अवैध तरीके से करवाए गए निर्माण को ध्वस्त कर इनके खिलाफ जांच बैठा कर बिक्री हुई जमीनों के नामतरण और रजिस्ट्री को रोकने के निर्देश जारी किए जाते है ।

भूमाफियो के खिलाफ डंकाराम की मुहिम लगातार जारी रहेगी  .और भू माफियाओं के काले कारनामों का पर्दाफाश अगले अंको में पुख्ता दस्तावेज के साथ प्रकाशित होता रहेगा . .।।।
लेकिन बड़ा सवाल अभी भी यही है कि  जमीन के अवैध कारोबार को संरक्षण देने वाले दोषी और जिम्मेदार अफसरों पर कार्यवाही कब होगी क्योंकि भूमाफिया और राजस्व विभाग की जुगलबंदी से ही जिले में खेला होता रहा है और अब एकतरफा कार्यवाही की चर्चा से दोषी अधिकारी सवालों के घेरे में है ।

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