
डेस्क खबर बिलासपुर../ बिलासपुर जिला कांग्रेस मे चुनाव मे मिली करारी हार के बाद तूफानी घमसान मचा हुआ है। जिला अध्यक्ष विजय केसरवानी ने इसके लिए सीधे सीधे कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव को जिम्मेदार बताते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी कर हल्लाबोल दिया है।
माननीय विधायक कोटा श्री अटल श्रीवास्तव जी ने नगर निगम में टिकट वितरण ,बागियों के ऊपर निष्कासन की कार्यवाही एवम जिला अध्यक्षो को जो बेलगाम होने का बयान जारी किया है।
उन्हें इस बात का एहसास होना चाहिए कि वे कोटा विधान सभा के विधायक है।
विधायक जी को पहले अपने निर्वाचन क्षेत्र कोटा में कांग्रेस की स्थिति को संज्ञान में लेना चाहिए। उनके अभी वर्तमान में विधायक रहते कोटा विधान सभाके अन्तर्गत आने वाले 4 नगर पालिका / पंचायत में
3 नगर पालिका एवं 1 नगर पंचायत में कांग्रेस की बुरी हार हुई है।
@ जिसमे रत्नपुर नगर पालिका अध्यक्ष में कांग्रेस 4 चौथे स्थान पर रही है (लगभग 2000 वोट) वोट से बीजेपी से
@ गौरेला नगर पालिका में कांग्रेस अध्यक्ष तीसरे स्थान पर (लगभग 5600 वोट ) से बीजेपी से
@ वही कोटा नगर पंचायत में अध्यक्ष (लाभाग 3300 वोट) से अध्यक्ष बडी अंतर बीजेपी से परास्त हुई है
@ एवं पेंड्रा नगर पालिका में कांग्रेस निर्दलीय प्रत्याशी से परास्त हुई है।
माननीय विधायक श्री अटल श्रीवास्तव जी के रहते उनके निर्वचन क्षेत्र में 60 वार्डो में मात्र 18 वार्ड में कांग्रेस के पार्षद जीतकर आये है। इस परिणाम का दोषी विधायक जी किसको मानेंगे ?
कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के बनने के बाद उनकी कार्य शैली से छुबद्ध होकर कोटा विधान सभा के रहने वाले कांग्रेस पार्टी से निर्वाचित ज़िला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान ने लोकसभा के समय कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी में चले गये ही अभी हुए नर निगम चुनाव में वर्षों से कांग्रेस संगठन में काम करने वाले 3 , ब्लॉक अध्यक्षों सहित 2 नगर पालिका अध्यक्षों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी ! –
१- ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पेंड्रा प्रशांत श्रीवास ,
२- पेंड्रा नगर कांग्रेस अध्यक्ष जय दत्त तिवारी ,
३- ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ४- गौरेला अमोल पाठक ने पार्टी छोड़ दी
५- पूर्ब पेंड्रा नगर पालिका अध्यक्ष इक़बाल सिंह
४- ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रमेश सूर्या ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा !
५- पूर्ब अभी वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष राकेश जलॉन ने भी कांग्रेस पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की
इसके साथ ही कोटा विधायक की कार्यशैली के कारण कोटा विधान सभा के बहुत से निष्ठावाँन कांग्रेसियों ने भी नगर निगम चुनाव में कांग्रेस छोड़ दिया !
