छत्तीसगढ़बिलासपुर

कब लागू होगी अवैध चखना दुकान में आदर्श आचार संहिता .?
शराबबंदी पर कोलाहल ! अवैध चखना सेंटर गुलजार ?
जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन क्या दिला पाएंगे नशे की दुकान से निजात .?
धारा 144 का मखौल उड़ा रही अवैध चखना दुकाने..!

बिलासपुर।छत्तीसगढ़ में चुनावी हलचल पूरे शबाब में है चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तिथि घोषित होते ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है । एक तरफ जहां बीजेपी से लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस शराबबंदी को लेकर एक दूसरे पर हमला करती नजर आ रही है मुख्य विपक्षी पार्टी जहा एक तरफ कांग्रेस पर 20 हजार करोड़ का शराब घोटाला का बड़ा आरोप लगाकर हल्लाबोल के रखा हुआ है । तो दूसरी तरफ इस तरह के किसी भी शराब घोटाला से सरकार साफ इंकार करती नजर आ रही है ।

प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े शहर न्यायधानी जिले में खुलेआम सरकारी दुकानों के पास अवैध चखना सेंटर बिना किसी भय के संचालित हो रहे है इन अवैध चखना दुकानों पर न तो पुलिस प्रशासन कार्यवाही कर रहा है और न ही जिला प्रशासन कोई सख्ती दिखा पा रहा है ।

पुलिस प्रशासन बिलासपुर पुलिस कप्तान के निर्देश के बाद से समाज को नशा मुक्त करने के लिए जिले के सभी थाना क्षेत्रों में निजात अभियान की मुहिम चला रहा है । पुलिस विभाग द्वारा शराब पीकर वाहन चलाने और अवैध तरीके से शराब बिक्री करने वाले को पकड़ कर कानूनी कार्यवाही भी कर रही है ।
निजात अभियान के तहत की गई कार्यवाही के आकडे और फोटो भी मीडिया की सुर्खियां बन रही तो दूसरी तरफ आबकारी विभाग भी पुलिस विभाग की तर्ज पर कच्ची शराब की कार्यवाही मीडिया से साझा कर अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रहा है ।
लेकिन जिले में हर थाना क्षेत्र में सरकारी शराब दुकानों के बगल में चखना सेंटर गुलजार हो रही है लेकिन अवैध चखना दुकानों पर कार्यवाही नही होने से पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे है ।

शराबबंदी को लेकर प्रदेश में मचे सियासी कोलाहल के बीच अवैध चखना सेंटर की गूंज नही सुनाई देती है ,सूत्रों की माने तो इन चखना दुकानों को राजनैतिक सरक्षणा भी मिला हुआ है और इसलिए सत्ता किसी भी पार्टी की हो पर इन चखना दुकानों की खिलाफत किसी भी राजनैतिक पार्टियां नही कर रही है । क्योंकि सबकी अपनी मजबूरी है ।

बड़ा सवाल यह है कि जब बिलासपुर जिले में धारा 144 लागू हो गई है तो फिर इन चखना दुकानों पर इसका असर क्यों नहीं दिख रहा है ? और किसके इशारे पर या गुलजार हो रहे है ?
पुलिस प्रशासन कब दिला पाएगा जनता को इन अवैध चखना दुकान से निजात .?
क्या शराबबंदी को मुद्दा बनाने वाली पार्टियां चखना सेंटर पर करेगी तालाबंदी .?
और सबसे बड़ा सवाल क्या किसके संरक्षण में चल रहे है अवैध चखना सेटर ..?

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