छत्तीसगढ़बिलासपुर

खबर का हुआ असर ..
खनिज विभाग ने कसा रेत चोरो पर शिकंजा ..!
अवैध रेत परिहवहन करते ट्रेक्टर सपडाये ..!
बडा सवाल –छात्र को धमकी देने वाले गुंडे किसके-?
खनिज विभाग की क्या मजबूरी .! पुलिस प्रशासन ने क्यो साधी चुप्पी .?
पढिये पूरी खबर .!

बिलासपुर।एक बार फिर डंकाराम वेब पोर्टल की खबर को जिला प्रशासन ने गम्भीरता से लिया है । बिलासपुर कलेक्टर के निर्देश के बाद खनिज विभाग की टीम ने अस्वीकृत निरतु रेत घाट में छापामार कार्यवाही की और अवैध रूप से रेता का अवैध परिवहन करते 8 ट्रेक्टरों की जब्त किया है । मिली जानकारी के अनुसार खनिज विभाग के अधिकारी भी जब निरतु रेत घाट पहुचे तो पूरी अरपा नदी में ट्रेक्टरों के मेले को देखकर दंग रह गए । खनिज विभाग की अचानक हुई कार्यवाही से खुलेआम रेत चोरी कर रहे रेत चोरो में हड़कंप मच गया और नदी में छापेमार कार्यवाही के दौरान अवैध रूप से रेत चोरी में लगे दर्जनों ट्रेक्टर अलग अलग रास्ते से भागने में कामयाब हो गए है लेकिन रेत चोरो के इशारे में चल रहे 8 ट्रेक्टर को विभाग ने रेत के साथ जब्त कर लिया और उनके खिलाफ कार्यवाही कर रही है ।

बिलासपुर जिले में रेत चोरो के आतंक की खबर हमने प्रसारित की थी जिसमे हमने रेत चोरो के गुंडों के चेहरे भी बेनकाब किये थे । बिलासपुर के गुरुघासीदास केंद्रीय विद्यालय के छात्र को रेत चोर के गुर्गे डंके की चोट में धमकी देकर मोबाइल में अपने आका से बात कर छात्र की फोटो खींच अंजाम भुगतने की धमकी देते है । भयभीत छात्र किसी तरह रेत चोरो के गुंडों से सुरक्षित निकल कर मोबाईल में कैद रेत चोरो के गुंडों की करतूत उजागर कर देता है ।

लेकिन केन्द्रीय यूनिवर्सिटी के छात्र को मिली धमकी के बाद भी अभी तक इस मामले में पुलिस विभाग ने इन गुर्गो के खिलाफ स्वतः संज्ञान नही लिया और न ही भयभीत छात्र के पास पहुचने की कोई कोशिश की । जबकि सोशल मीडिया में वायरल वीडियो के आधर पर स्वयं संज्ञान लेकर कार्यवाही करने के सख्त आदेश उच्च अधिकारियों ने थानेदारो को दिए है । वही इस बारे में कोनी पुलिस गम्भीर नही दिख रही है शायद कोनी पुलिस को छात्र की खुद थाने पहुचकर शिकायत का इंतजार है ? ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या पुलिस को शिकायत का इंतजार करना चाहिये ?
सवाल यह भी है कि आज खनिज विभाग की कार्यवाही से आक्रोशित रेत चोरो द्वारा यदि कोई अनहोनी छात्र के साथ कर दी जाती है तो उसका जिम्मेदारी किसकी होंगी पुलिस प्रशासन की या जिला प्रशासन की .?
जबकि सूबे के मुखिया के निर्देश पर बिलासपुर कलेक्टर के आदेश पर रेत माफियो पर अंकुश लगाने टास्क टीम के गठन किया गया है । इस टास्क फोर्स में खनिज , रेवेन्यू, फॉरेस्ट, के साथ साथ पुलिस प्रशासन को भी रखा गया है । खनिज विभाग खनिज चोरो के खिलाफ बल की कमी का रोना रो कर अपने आप को पाक साफ साबित करता हमेशा नजर आता है इसके अलावा खनिज विभागकलेक्टर के आदेश पर गठित टीम के बाकी विभाग का सहयोग नही मिलने की दलील भी मीडिया में पेश करता अक्सर नजर आता है । क्या वाकई कलेक्टर के आदेश पर टास्क फोर्स से उचित मदद नही मिलने से रेत , कोयला , मुरुम मिट्टी आदि जैसे अवैध कारोबार पर पूरी तरह अंकुश नही लगने के कारण सरकार को करोड़ो रु के राजस्व का नुकसान हो रहा है या राजस्व नुकसान के चलते विभागों के अपना फायदा हो रहा है ये भी बड़ा सवाल है ..? अब सच क्या है ये तो जिम्मेदार ही बता सकते है पर ये जरूर सच है कि यदि कलेक्टर के आदेश पर गठित टास्क टीम मिलकर कार्यवाही करती तो पकड़े गए 8 ट्रैक्टरों की संख्या 100 से ज्यादा होती ।

रेत चोरो और कोयला चोरो के और कारनामे जल्द ही आगामी अंको में ..?

error: Content is protected !!