विश्व मानक दिवस पर मुख्यमंत्री बोले — गुणवत्ता ही आत्मनिर्भर भारत की पहचान, सराफा उद्योग के लिए बनेगी नई नीति.! अध्यक्ष कमल सोनी ने जताया आभार .!


डेस्क खबर ../ राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित “मानक महोत्सव” में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि गुणवत्ता ही आत्मनिर्भर भारत की वास्तविक पहचान है। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में मानकों का पालन पारदर्शिता, उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा और नवाचार के लिए अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि बीआईएस का हॉलमार्क उपभोक्ता विश्वास का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने जनता को गुणवत्ता शपथ दिलाई और कहा कि मानक केवल नियम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न संस्थाओं और मानक क्लबों को सम्मानित किया तथा बीआईएस और अन्य संस्थानों द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया।

इस कार्यक्रम में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि “जागो ग्राहक जागो” का संदेश समाज में सजगता और गुणवत्ता की भावना को मजबूत करता है।
विशेष रूप से छत्तीसगढ़ ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कमल सोनी ने मुख्यमंत्री के समक्ष सराफा उद्योग के हित में स्वर्णकला बोर्ड गठन की मांग रखी। उन्होंने कहा कि जैसे मध्यप्रदेश और राजस्थान में स्वर्णकला बोर्ड हैं, वैसे ही छत्तीसगढ़ में भी सुनारी कला और कारीगरों के संरक्षण के लिए बोर्ड बनना चाहिए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मांग को लोकहित से जुड़ा विषय बताते हुए कहा कि सरकार जल्द ही इस पर नीति बनाएगी। उन्होंने सराफा व्यवसाय से जुड़ी नीतियों को और सरल व पारदर्शी बनाने का आश्वासन भी दिया।
कमल सोनी ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुणवत्ता, पारदर्शिता और विश्वास पर आधारित व्यापारिक वातावरण छत्तीसगढ़ के सराफा उद्योग को नई दिशा देगा।
कार्यक्रम में एनआईटी रायपुर के निदेशक एन. व्ही. रमन्ना राव, चेम्बर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष सतीश थोरानी, कैट अध्यक्ष परमानंद जैन सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।