छत्तीसगढ़बिलासपुर

ऐतिहासिक ,दुर्लभ गरुण गणेश जी को कलयुगी चोरो ने किया गायब …!
ग्रामीणों की सुरक्षा की मांग को प्रशासन ने किया था अनदेखा ..?
वारदात की हकीकत सेवादार और एसएसपी की जुबानी !

बिलासपुर। बिलासपुर जिले मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम पाली (इटवा) में बीती रात एक बार फिर ऐतिहासिक और दुर्लभ गरुण गणेश की ग्रेनाइट की मूर्ति को अज्ञात चोरों ने निशाना बनाते हुए चुरा लिया । मंदिर के पुजारी को बंधक बना चेहरे को टेप से बांध अज्ञात आरोपियों ने मंदिर में स्थित गरुण जी (भवर गणेश)की मूर्ति को अज्ञात लोगों ने मूर्ति को तोड़कर चुराकर ले गए जिसकी अनुमानित कीमत करोड़ो में बताया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम पाली (इटवा) में बीती रात को 2 बजे के आसपास ग्राम पाली के स्थित अरपा नदी के किनारे स्थित गरुण जी की मंदिर में अज्ञात 6 के संख्या मे मंदिर पंहुचे जिन्होंने मंदिर के ही बगल में बने एक मकान में मंदिर का पुजारी महेश राम केवट सो रहा था जिसको अज्ञात आरोपियों ने बंधक बनाकर मारपीट कर मंदिर की चाबी को लूट हाथ पैर को बांधकर मुँह और आंख में टेप लगाकर पुजारी को जहा सो रहे थे वही छोड़ दिया और बगल में स्थित मंदिर में पहुँच करीब 3 फिट की ऊँचाई 65 किलो वजनी काले ग्रेनाइट की गरुण जी (भवर गणेश)की मूर्ति को किसी वजनी औजार से मूर्ति को निकालने का प्रयास करने लगे जब मूर्ति नही निकली तब कलयुगी चोरो इसे तोड़कर ले गए

जिसके वजह से मूर्ति की थोड़ी सा भाग मंदिर में ही बचा हुआ है
पुजारी महेश केवट ने बताया कि घटना बीती रात करीब 1 बजे की है जिसके बाद पुजारी पैर का बंधे हुए को छुड़ाकर धीरे धीरे किसी तरह सुबह भोर 4 बजे सरपंच के पहूंचे और सरपंच को इसकी जानकारी दी।जिसके बाद जानकारी होने पर धीरे धीरे ग्रामीणों की भीड़ लगना शुरू हो गई।

चोरी की खबर मिलते ही मस्तूरी पुलिस की टीम के साथ SSP पारुल माथुर के साथ पुलिस के कई अधिकारी और जवान मौके पर पहुंच गए। उन्होंने डॉग स्क्वायड, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट टीम की मदद से चोरो की जानकारी जुटाने में जुट गई है ।

सबक नही ले रहा प्रशासन….

मस्तूरी मल्हार क्षेत्र में मूर्ति चोरी की घटना कोई नई बात नही है। इससे पहले मल्हार के प्रसिद्ध माँ डिडनेश्वरी देवी की प्रतिमा की चोरी 1991 में हुई थी जिसको बड़ी मसक्कत के बाद उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से बरामद की गई थी। मल्हार की यह घटना तत्कालीन मध्यप्रदेश की बड़ी घटना थी जिसमे पूरे शासन प्रशासन की साख दांव पर लगा था क्योंकि इस घटना से मल्हार व क्षेत्र के नागरिकों में भारी आक्रोश था। पुलिस विभाग ने इस घटना को सुलझाने पूरी ताकत लगा दी थी अंततः 2 महीने बाद मूर्ति बरामद हो गई थी जिसके बाद मल्हार के मंदिर में 1-4 के नगर सेना के जवानों को तैनात कर दिया गया। परन्तु इन निहत्थे जवानों के भरोशे इस महत्वपूर्ण स्थल की सुरक्षा पर्याप्त नही है। लोगो की मांग है कि बंदूकधारी जवानोँ को मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा देना चाहिए।

खंडित हो गई प्रतिमा…

भाँवर गणेश की बेशकीमती प्रतिमा को चोरों ने आसानी से नही निकलने पर लोहे के औजार से मारकर खंडित कर दिया। पूर्व जनपद उपाध्यक्ष विनोद सिंह ने बताया कि 2004 में जब पहली बार इस प्रतिमा की चोरी हुई थी तब यह स्थान निर्जन था और मूर्तियां ऐसे ही खुले में पड़ी थी परन्तु चोरी के बाद मूर्ति मिलते ही ग्रामीणों ने मंदिर का निर्माण कराया जिसके बाद धीरे धीरे ग्रामीणों के सहयोग से इस जगह की रौनकता बढ़ती गई इसके बाद 2007 में भी चोरी की घटना हुई हालांकि कुछ दिनों में मूर्ति बरामद कर ली गई थी। दो बार हुई मूर्ति चोरी की घटना के बाद ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से सुरक्षा की मांग की थी पर किसी ने इसे गम्भीरता से नही लिया, परिणामस्वरूप तीसरी बार घटना हो गई।

आपको बता दे ग्रामीणों ने बताया कि भाँवर गणेश की मूर्ति 2004 एवं 2007 में दो बार चोरी हो चुकी है एक बार 2004 में पुलिस ने बिलासपुर स्थित सिरगिट्टी थाना क्षेत्र से 4 लोगो को पकड़ा था जिसके कब्जे से मूर्ति को बरामद किया था वही दूसरी बार 2007 मे चोरी होने के कुछ दिन बाद मूर्ति अपने आप मंदिर में स्थापित हो गई थी ।

ग्रामीणों ने बार बार चोरी होने की वारदात के बाद से डरे हुए थे । दुर्लभ और प्रचीन ऐतिहासिक मूर्ति की सुरक्षा की मांग भी ग्रामीणों ने कई बार शासन और प्रशासन से की थी । लेकिन कई बार चोरी की वारदात होने के बाद भी शासन और प्रशासन ने गम्भीरता से नही लिया जिसका नतीजा अब सब के सामने है !

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