छत्तीसगढ़डेस्क खबरबिलासपुर

खुद की कुर्सी वाली फोटो देख आक्रोशित हुए निगम ठेकेदार मनीष ..!
इंजीनियर की कुर्सी में बैठ सरकारी दस्तावेजों में बैठ कर रहे थे लिखा पढ़ी ..!
आयुक्त ने दिया टीम गठित कर जांच का आश्वाशन ..!
वाट्सअप ग्रुप मेसेज और फोटो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप



बिलासपुर डेस्क खबर ./ एक न्यूज पोर्टल में पत्रकार द्वारा निगम के ठेकेदार मनीष सोनी पर सरकारी कर्मचारी की कुर्सी में बैठ कर कुछ दस्तावेजों में लिखा पढ़ी करती हुई प्रतीत होती एक तस्वीर को खबर सहित प्रकाशित करने पर ठेकेदार साहब आक्रोशित हो गए । और इस फोटो पर बिना कोई अपना पक्ष रखे उल्टे पत्रकार के खिलाफ फेक न्यूज चलाने का आरोप लगाते हुए थानेदार के पास पहुंचे गए साहब ने भी मामले को समझा और ठेकेदार को संबंधित विभाग जाने को कहा ।
वहीं इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और इस तरह की फोटो से अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्चचिन्ह खड़े हो रहे है क्योंकि एक बार देखने से यह प्रतीत होता है कि मनीष सोनी कुर्सी में बैठ फाइलों के बीच कुछ दस्तावेज पर लिखते हुए साफ साफ दिख रहे है । रही सही कसर ठेकेदारों के वाट्सअप ग्रुप में हुए कॉमेंट्स ने पूरी कर दी मामला गंभीर होते देख मनीष सोनी ने इस मामले में जवाब देने की बजाय पत्रकार पर ही सवाल खड़े कर दिए ।


वहीं इस मामले में निगम आयुक्त ने भी इस फोटो को गंभीरता से लिया है । अब यह फोटो कहा है कि और किसकी कुर्सी पर बैठ मनीष सोनी किन दस्तावेजों पर क्या लिख रहा है .? इसकी जांच के लिए टीम गठित की जाएगी और यदि यह फोटो सही पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ निगम की तरफ से कड़ी कार्यवाही की जाएगी.
कोई भी इस फोटो और मैसेज ग्रुप को देखकर अंदाजा लगा सकता है कि  मनीष सोनी का नगर निगम में बढ़ता प्रभुत्व कितना आगे निकल गया है कि वे खुलेआम निगम अधिकारी की कुर्सी में बैठकर सरकारी दस्तावेज में अपने हिसाब से लिखते नजर आ रहे है । ऐसे में अधिकारियों के साथ मिलीभगत से विकास कार्यों पर सवाल उठना तो लाजिमी है ।
बिलासपुर नगर निगम के जोन क्रमांक 7 में ठेकेदार मनीष सोनी का बढ़ता प्रभुत्व और अधिकारियों के साथ उसकी मिलीभगत शहर के विकास और प्रशासनिक शुचिता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। हाल ही में मनीष सोनी को सब इंजीनियर की कुर्सी पर बैठकर माप पुस्तिका जैसी संवेदनशील सरकारी दस्तावेज़ पर लिखते देखा गया, जिससे भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, सोनी की मंजूरी के बिना निगम में कोई भी कार्य नहीं होता, और वह अन्य ठेकेदारों के कार्यों में भी हस्तक्षेप करता है। ठेकेदार संघ के व्हाट्सएप ग्रुप में उसे इंजीनियर बनने की बधाई दी गई, जो नगर निगम के अंदर गहरे भ्रष्टाचार का संकेत है। अधिकारियों से मिलीभगत के कारण शहर के विकास कार्यों में देरी और गुणवत्ता में गिरावट देखी जा रही है।

इस गठजोड़ को तोड़ने और नगर निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कठोर सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है। और ऐसे ठेकेदार द्वारा किए गए कार्यों की निष्पक्षता से जांच कर उनकी कंपनी को किए गए भुगतान की पूरी तरह ईमानदारी से जांच होनी चाहिए और यदि उन्होंने सरकारी दस्तावेज में खुद से लिखा पढ़ी कि है तो निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को मनीष सोनी के खिलाफ उसी थाने में FIR दर्ज करवानी चाहिए जिस थाने मनीष सोनी पत्रकार के खिलाफ पहुंचे थे ।क्योंकि यह काफी गंभीर और संवेदनशील मामला है ।

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