बिलासपुर

बिलासपुर में शंकराचार्य का बयान: राजनीति और धर्म पर महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ



बिलासपुर में श्रीगोवर्धनमठ पूरीपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती ने प्रेसवार्ता के दौरान कई मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। वह तीन दिवसीय प्रवास पर यहां पहुंचे हैं।

शंकराचार्य ने तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू प्रसाद के विवाद पर कहा कि “शंकराचार्य का पद सर्वोच्च न्यायधीश का होता है। जब तक पूर्ण जानकारी न हो, तब तक कुछ बोलना ठीक नहीं है।” यह बयान दर्शाता है कि वह तथ्यों को जानने के बिना किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं करना चाहते।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि “प्रधानमंत्री दाढ़ी रखे हैं, वे खुद को संत मानते होंगे, लेकिन वे किसी से कम नहीं हैं। रामजी ने भाजपा का भट्टा बिठा दिया है।” इस टिप्पणी से यह स्पष्ट होता है कि वह राजनीतिक परिस्थितियों पर अपनी नजर रखते हैं और भाजपा की स्थिति पर आलोचना कर रहे हैं।

शंकराचार्य ने आगे कहा कि “मोदी की गारंटी अब नकारे नीतिश और नायडू के सहारे चल रही है। इसलिए ज्यादा महत्वाकांक्षी नहीं होना चाहिए।” इस संदर्भ में उनका इशारा मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों की अनिश्चितता की ओर था।


हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पर उन्होंने कहा कि “हर व्यक्ति का जीवन लक्षित होता है। सनातन धर्म में चारों वर्ण अपने कर्म को लेकर लक्षित हैं।” यह स्पष्ट करता है कि वे धर्म की मूलभूत शिक्षाओं पर जोर देते हैं और सभी वर्णों की समानता की बात करते हैं।

महंगाई के मुद्दे पर उन्होंने गंभीरता से कहा, “25 रुपए किलो में बनने वाली सामग्री अब 250 रुपए तक बिक रही है। अब इतने दलाल हो गए हैं तभी महंगाई हो गई है।” यह टिप्पणी समाज में बढ़ती महंगाई की समस्याओं को उजागर करती है।


धर्मांतरण के संदर्भ में उन्होंने तालिबान के शासनकाल का उल्लेख किया, जहां चार क्रिश्चन और मुसलमानों के बीच विवाद हुआ। उनका कहना था कि “मुसलमानों ने उन्हें फांसी पर लटका दिया।” यह बयान धार्मिक उन्माद और उसके परिणामों को दर्शाता है।

इन बयानों के माध्यम से शंकराचार्य ने राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखी है, जो उनके प्रभाव और दृष्टिकोण को दर्शाता है।

error: Content is protected !!