आरोपी इतने शातिर की रायपुर में अपराध दर्ज होने के बावजूद रायपुर पुलिस की नाक के नीचे ही रह रहे थे नाम बदल कर,चिटफंड के मामले में राज्य में पहली बार हुई किसी महिला आरोपी की गिरफ्तारी,
बिलासपुर/16 दिसम्बर- चिटफंड की कमाई से खरीदे गए सोना व नगद रकम के साथ आरोपी दम्पति बिलासपुर पुलिस की गिरफ्त में आये हैं। फेसबुक व इंस्ट्राग्राम के सहारे हुई आरोपियो की गिरफ्तारी में प्रदेश में पहली बार चिटफंड सम्बंधित मामले में महिला आरोपी की गिरफ्तारी हुई हैं। आरोपी दम्पति इतने शातिर हैं कि रायपुर में भी चिटफंड के मामले में अपराध दर्ज होने के बावजूद वही रायपुर पुलिस की नाक के नीचे ही नाम बदल कर रह रहे थे पर इसकी भनक तक रायपुर की सजग पुलिस को नही लग सकी। आरोपी दम्पति धमतरी के एक आपराधिक प्रकरण में जमानत मिलने के बाद से फरार चल रहे थे और नाम पता बदल कर रह रहे थे जिन्हें तकनीकी साक्ष्यों के अवलोकन के आधार पर पकड़ा गया हैं।
मामले में मिली जानकारी के अनुसार जीएन गोल्ड कम्पनी ने 6 साल में रकम दुगनी करने का झांसा दे कर जिले समेत राज्य के लोगो से लगभग 5 करोड़ रुपये की रकम वसूली थी। रकम की एवज में उन्हें बॉन्ड भी जारी किए गए थे। पर रकम वापसी से पहले ही कम्पनी में ताला लगा कर फरार हो गए थे। कम्पनी के खिलाफ जिले के कोटा,तोरवा, बिल्हा, रतनपुर, तखतपुर,सरकण्डा,मस्तूरी, बिल्हा में
7 प्रकरण और अन्य जिलों धमतरी,कोरबा, सूरजपुर,रायपुर, दुर्ग ,बेमेतरा,में 10 अपराध( टोटल17) अपराध दर्ज थे।
कम्पनी के अन्य डायरेक्टरों जिनमे सतनाम सिंह रंधावा की गिरफ्तारी पूर्व में ही हो चुकी थी। इसके बाद एक डायरेक्टर नरेंद्र सिंह को इसी माह पूर्व पुलिस कप्तान दीपक झा के कार्यकाल में हरियाणा से गिरफ्तार किया गया था। कम्पनी के तीसरे डायरेक्ट खेमेन्द्र बोपचे को कल ही महाराष्ट्र के गोंदिया से गिरफ्तार किया गया था।
इसके अतिरिक्त कम्पनी का एक अन्य डायरेक्टर शैलेन्द्र बन गोस्वामी व अपराध में उसकी सहयोगी पत्नी मुंजुला गोस्वामी भी फरार चल रहे थे। इनकी सम्पति की कुर्की के लिये पूर्व पुलिस अधीक्षक दीपक झा ने धमतरी के कलेक्टर को पत्राचार कर कार्यवाही शुरू करवाई थी। इसके पश्चात नई पुलिस कप्तान पारुल माथुर ने पिछले सप्ताह पदभार ग्रहण करते ही शासन की चिटफंड आरोपियो के खिलाफ अभियान चला कर गिरफ्तारी व उनकी सम्पति कुर्क कर पीड़ितों की रकम वापसी की मंशा को प्राथमिकता में लेते हुए चिटफंड के फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु अभियान चलाया हुआ था।
एसएसपी पारुल और उनकी टीम द्वारा चलाये गए अभियान को लगातार सफलता मिल रहीं हैं और उनकी जॉइनिंग के एक सप्ताह के भीतर ही चिटफंड के मामलो में आज तीन गिरफ्तारीया हुई। आज हुई गिरफ्तारी का खुलासा करते हुए एसएसपी ने बताया कि जीएन चिटफंड कंपनी के फरार डायरेक्टर शैलेन्द्र बन गोस्वामी के खिलाफ जिले के थानों में 6 अपराध व कम्पनी के विरुद्ध राज्य में 17 अपराध दर्ज हैं। आरोपी धमतरी के एक आपराधिक प्रकरण में गिरफ्तारी पश्चात जमानत मिलने के बाद अपराध में सहयोगी रही अपनी पत्नी मुंजुला के साथ फरार हो गया था और कही नाम बदल कर रह रहा था। जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे थे। और आज बड़ी मशक्कत से उसकी गिरफ्तारी हो गयी।
बेटी के फेसबुक इंस्टाग्राम एकाउंट से पुलिस सुराग लगाते हुए पहुँची आरोपी तक;-
आरोपी की गिरफ्तारी के लिये पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर द्वारा निर्देश मिलने पर नोडल अधिकारी एडिशनल एसपी रोहित बघेल ने आरोपियो की गिरफ्तारी हेतू सायबर सेल के उपनिरीक्षक मनोज नायक,उपनिरीक्षक सागर पाठक, थाना बिल्हा प्रभारी उपनिरीक्षक पारस पटेल,कोटा प्रभारी उपनिरीक्षक दिनेश चंद्रा उप निरीक्षक श्याम गढ़ेवाल, सहायक उपनिरीक्षक बंजारे महिला आरक्षक योगिता कैवर्त, आरक्षक शैलेन्द्र दिनकर की टीम बनाई थी। टीम द्वारा चिटफंड मामलो के आरोपी के बारे में पता करने पर पता चला कि उसकी बेटी सिंगर हैं। तब पुलिस ने फेसबुक व इंस्ट्राग्राम में उसकी बेटी की आईडी ढूढी। और फेसबुक के इंस्ट्राग्राम व आईडी का अवलोकन कर आरोपी के पते सालासर ग्रीन कालोनी सरोना रायपुर तक पहुँची। वहां आस पास पता करने पर पता चला कि आरोपी शैलेन्द्र चन्दर गोस्वामी बन कर रह रहा हैं। जिसके बाद पुलिस ने तस्दीक करने के पश्चात आरोपी व उसकी आरोपिता पत्नी को दबिश दे कर पकड़ लिया।आरोपियो के कब्जे से 18 तोला सोना व 1 लाख 9 हजार रुपये रकम नगद भी बरामद किया गया। उल्लेखनीय हैं कि चिटफंड के मामलो में प्रदेश में पहली बार महिला आरोपी की गिरफ्तारी की गई हैं।