डेस्क खबरबिलासपुर

कलेक्टर के सामने सरेंडर पुलिस की लापरवाही से घर पहुंच पिया सेनिटाइजर ??  रिश्वतखोरी की ऑनलाइन सबूत पत्नी ने पेश किए ! बिलासपुर SSP बोले गंभीर चूक की होगी जांच ..!!



डेस्क खबर बिलासपुर../  पुलिस की प्रताड़ना और ब्लैकमेलिंग तंग अंबिकापुर जेल से कुछ दिन पहले हत्या के मामले में फरार हुए आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी मुकेश कांत का मामला अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। फरारी के बाद जहां पुलिस और जेल प्रशासन उसकी तलाश में जुटे थे, वहीं मंगलवार को उसकी पत्नी ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए बिलासपुर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर पति का आत्मसमर्पण कराया। आत्मसमर्पण के दौरान उसने अधिकारियों को एक लिखित ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।


पत्नी ने आरोप लगाया कि अंबिकापुर जेल में उसके पति से जेलकर्मी जबरन पैसों की उगाही करते हैं। जब पैसा नहीं दिया जाता, तो मुकेश कांत के साथ मारपीट की जाती है और अमानवीय व्यवहार किया जाता है। उसने यह भी आग्रह किया कि उसके पति को किसी भी हाल में दोबारा अंबिकापुर जेल न भेजा जाए, क्योंकि वहां उसकी जान को खतरा है। उसकी पत्नी ने बकायदा इसके आनलाइन पैसे ट्रांसफर के सबूत भी पेश किए ।



इसी बीच, आत्मसमर्पण के कुछ घंटे बाद ही घटनाक्रम ने ड्रामाई मोड़ ले लिया। जानकारी के मुताबिक, मुकेश कांत ने कथित रूप से किसी जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। उसकी हालत अचानक बिगड़ने पर उसे तत्काल सिम्स अस्पताल बिलासपुर में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की टीम उसका उपचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। फरार होने के बाद रमेश कांत मंगलवार को बिलासपुर पहुंचे और कलेक्टर के सामने सरेंडर कर दिया। इसके बाद सिविल लाइन पुलिस ने दोपहर 2 बजे उसे जेल में दाखिल कराया। जेल प्रशासन को जब उसके फरार होने और पुराने अपराधों की जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस को बुलाया।
रात होने के चलते कोई पुलिस टीम नहीं आई, इसलिए कैदी को वापस सिविल लाइन थाने भेजा गया। यहीं पर सिविल लाइन पुलिस और जेल प्रशासन के बीच बड़ा झोल और लापरवाही सामने आई है । जेल के प्रहरी तो उसे थाने में छोड़कर लौट गए, लेकिन पुलिस ने उसे थाने में रखने से इनकार कर दिया। कारण बताया गया कि जेल में उसे दाखिल दिखाया जा चुका है, इसलिए लिखित आदेश के बिना नहीं रखेंगे।थाने के बाहर देर तक भटकने के बाद किसी ने उसकी पत्नी अमरिका बाई को खबर दी और वह उसे घर ले कर चली गई । जहां हत्या के आरोपी ने जहरीला पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या करने की कोशिश की ।



पुलिस और जेल प्रशासन अब इस पूरे घटनाक्रम की जांच में जुटे हैं। हालांकि, सवाल यह उठ रहा है कि आत्मसमर्पण करने के बाद मुकेश कांत ने जहरीला पदार्थ क्यों खाया? क्या यह जेल में हुए कथित उत्पीड़न का परिणाम है या किसी अन्य मानसिक दबाव का नतीजा? जेल विभाग के अधिकारियों ने फिलहाल इस पर कोई टिप्पणी करने से इंकार किया है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है । बरहाल बिलासपुर जिले के एसएसपी ने गंभीर लापरवाही के मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। कैदी को थाने में न रखने और उसके घर चले जाने के मामले में एसएसपी रजनेश सिंह ने कहा कि जेल से किसी कैदी को लाने पर संबंधित थाने को सूचना दी जाती है, जिसके आधार पर थाना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करता है और आगे की कार्रवाई की जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पूरे प्रकरण में सूचना के आदान-प्रदान में कहाँ गलती हुई, इसकी जांच की जा रही है। इसके लिए पुलिस कप्तान से सिविल लाइन थाना प्रभारी से जवाब तलब किया है ।

error: Content is protected !!