बिलासपुर

SP रजनेश सिंह की टीम ने किया कमाल..बिलासपुर पुलिस की कार्यवाही बनेगी मिसाल…!
आर्थिक चोट के जरिये नशे के सौदागरो पर किया तगडा प्रहार…!




डेस्क खबर बिलासपुर…/ बिलासपुर पुलिस कप्तान रजनेश सिंह की काबिल टीम के होनहार अफसरों ने अवैध नशा कारोबार के खिलाफ अपनी कड़ी कार्यवाही से एक मिसाल पेश की है। प्रदेश भर मे बिलासपुर पुलिस की इस कार्यवाही की प्रशंसा की जा रही है ..नशे के सौदागरो द्वारा पुलिस अर्जित संपति को जप्त करने के लिए बिलासपुर पुलिस द्वारा किये जा रहे इमानदारी से दिये गए आवेदन पर मुंबई सफ़ेमा कोर्ट ने मुहर लगाते हुए फ्रीज करने के आदेश जारी किये है  ,प्रदेश मे इसे  पहली कार्यवाही बताया जा रहा है।  कप्तान रजनेश  की टीम ने गिन्नी जांगडे उर्फ गोदावरी जांगडे पर शिकंजा कसते हुए करोड़ों रुपये के लेन-देन की जांच की। गिन्नी जांगडे, जो सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मिनी बस्ती की निवासी हैं, लंबे समय से अवैध नशीली दवाओं के कारोबार में शामिल थीं। पुलिस की जांच पड़ताल  के दौरान यह खुलासा हुआ कि उन्होंने इस अवैध गतिविधि और नशे के व्यापार से 35 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की थी।

जांच में गिन्नी के बैंक खातों में करोड़ों रुपये का संदिग्ध लेन-देन पाया गया, और यह भी स्पष्ट हुआ कि उनका कोई वैध व्यवसाय नहीं था। इसके अलावा, राजस्व विभाग की रिपोर्ट में यह सामने आया कि गिन्नी ने अवैध रूप से अर्जित धन से कई संपत्तियां खरीदी थीं। इसके बाद, 15 दिसंबर 2024 को बिलासपुर पुलिस ने सफेमा कोर्ट, मुंबई में गिन्नी की संपत्ति को जब्त करने के लिए आवेदन भेजा था।

कोर्ट ने 2 जनवरी 2025 को एनडीपीएस एक्ट की धारा 68F(2) के तहत उनकी संपत्ति को फ्रीज करने का आदेश दिया। यह आदेश सफेमा एक्ट 1976 के तहत दिया गया है, जो तस्करी और अवैध लेन-देन के आरोपियों की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया को निर्धारित करता है। इस कानून के तहत, यदि आरोपी अपनी संपत्ति की वैधता साबित नहीं कर पाता, तो कोर्ट उसे जब्त कर नीलाम करने का आदेश देती है।
यह कार्यवाही अवैध कारोबार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का एक उदाहरण है और समाज में अपराधों को रोकने के लिए आर्थिक चोट को एक प्रभावी तरीका साबित कर सकती है।जिसके चलते निश्चित रूप से अपराध और नशे के कारोबार मे काफी हद तक लगाम लग पायेगी.।

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