

डेस्क खबर ..बिलासपुर की धार्मिक नगरी रतनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम रानीगांव में पंचायत सचिव की दबंगई और अवैध वसूली का मामला उजागर हुआ है। आरोप है कि पंचायत सचिव संतोष गंधर्व ने महिला ढाबा संचालक को धमकाकर ₹1,20,000 की मोटी रकम वसूल ली..पीड़ित ने इस पूरे मामले की शिकायत एसएसपी से की, जिसके बाद पुलिस जांच में जुट गई है।
बिलासपुर जिले के रतनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम रानीगांव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ पंचायत सचिव द्वारा एक ढाबा संचालक से कथित रूप से एक लाख बीस हजार रुपए की अवैध वसूली की गई, पीड़ित ने इस संबंध में एसएसपी से शिकायत की है, जिसके बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है.. घटना 28 अगस्त की है, जब पंचायत सचिव संतोष गंधर्व अपने कुछ साथियों के साथ रात तकरीबन 120 बजे ढाबा एवं रेस्टोरेंट पर पहुंचा.. आरोप है कि सचिव ने ग्राम मदनपुर का अधिकारी बताकर महिला कर्मचारी की पहचान के बहाने ढाबा बंद कराने की धमकी दी और एक लाख बीस हजार रुपये की मांग की, मजबूर होकर ढाबा संचालक ने रकम दे दी..
पीड़िता का कहना है कि जब उसने पैसे नहीं दिए तो ढाबा बंद कराने की चेतावनी दी गई, बाद में सचिव द्वारा पीड़िता को सीडियो कार्यालय तक बुलाया गया और वहीं पर पैसे लेकर दबाव बनाया गया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें डाबा में सचिव को बातचीत करते देखा सुना जा सकता है।
वहीं पीड़िता का आरोप है कि अगले दिन रतनपुर थाना में पीड़िता ने लिखित शिकायत की महिला का आरोप है कि पुलिस ने इस दौरान उसे डराया धमकाया और कई घंटों थाने में बैठाकर शिकायत की पावती दिए बिना किसी कार्यवाही के उसे थाने से चलता कर दिया । रतनपुर थाना में महिला से संबंधित शिकायत और पुलिस का भय दिखा कर वसूलने के गंभीर आरोप के बाद भी कार्यवाही नहीं होता देख पीड़िता ने एसएसपी रजनेश सिंह को लिखित आवेदन देकर न्याय की मांग की है। पुलिस ने आरोपी सचिव के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, साथ ही, पूरे मामले में बिल्हा सीईओ की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है, जिसकी जांच की जा रही है.. पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज और वीडियो की पुष्टि के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच को तेज कर दिया गया है। वहीं पीड़िता ढाबा संचालक ने इस बारे में मीडिया से बातचीत में सनसनीखेज खुलासा किया है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ढाबा क्षेत्र कोटा जनपद के अंतर्गत आता है और जिस नोटिस को चस्पा किया गया उसको भी देखने से यह विधिवत नहीं लग रहा है । सूत्रों का कहना है कि जांच पड़ताल में और मोबाइल लोकेशन की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हो सकता है अब देखना होगा कि पुलिस का भय दिखा कर लाखों रु वसूलने का सच कब तक सामने आता है और पुलिस की जांच कब तक पूरी होकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होती है ।


