

डेस्क खबर बिलासपुर../ गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में निष्कासित छात्र के समर्थन में एनएसयूआई और कांग्रेस नेताओं ने कुलपति निवास के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं ने कुलपति आलोक चक्रवाल के खिलाफ नारेबाजी की और यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर छात्रों के साथ अन्याय का आरोप लगाया। प्रदर्शन के दौरान माहौल इतना गरमाया कि विधायक ने कई विवादित बयान दे डाले। उन्होंने कहा, “ढाई साल बाद जब सरकार बदलेगी, तब गुजरात की कब्र से निकालकर भी इन्हें यहां लेकर आएंगे।”
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडे ने कहा कि अगर कुलपति छात्रों की बात नहीं सुनते तो उन्हें “चड्डी पहनाकर घुमाया जाएगा।” प्रदर्शन के बाद पुलिस ने एनएसयूआई नेताओं और छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, एनएसयूआई ने अब 4 नवंबर को प्रदेश व्यापी आंदोलन करने का एलान किया है।
प्रदर्शन के दौरान विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी बाबा गुरु घासीदास के नाम पर बनी है और यह छात्रों की है, किसी की जागीर नहीं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर छात्र सुदीप शास्त्री का निष्कासन वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश का सबसे बड़ा आंदोलन यहीं से शुरू होगा। उन्होंने यूनिवर्सिटी में भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का भी आरोप लगाते हुए कहा कि “हमने इस संस्थान को खड़ा करने के लिए जेल भी काटी है, लेकिन छात्रों पर ज्यादती बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” विधायक ने आगे कहा कि कुलपति आलोक चक्रवाल के आने के बाद से यूनिवर्सिटी में प्रोफेसरों, छात्रों और कर्मचारियों के साथ अन्याय हो रहा है। विचारधारा से असहमति रखने वालों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज कर आंदोलन को दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इससे आंदोलन और तेज होगा।दरअसल, 25 अगस्त को छात्रों ने परीक्षा में फेल करने का आरोप लगाकर यूनिवर्सिटी परिसर में तीन घंटे तक धरना दिया था। इसके बाद प्रशासन ने छात्र सुदीप शास्त्री को निष्कासित कर उसका टीसी और माइग्रेशन डाक से भेज दिया। इसी के विरोध में छात्र सुदीप शास्त्री और सार्थक मिश्रा तीन दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्रदर्शन के बाद कोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने एनएसयूआई नेता नीरज पांडे, लक्की मिश्रा, सुदीप शास्त्री, सार्थक मिश्रा समेत 30 अन्य पर केस दर्ज किया है। हालांकि, विधायक अटल श्रीवास्तव और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को एफआईआर में नामजद नहीं किया गया है। कांग्रेस और एनएसयूआई नेताओं का कहना है कि एफआईआर दमन की राजनीति का हिस्सा है और 4 नवंबर को इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।