डेस्क खबरबिलासपुर

जप्त कबाड़ बना कारोबार का जरिया: निगम की गाड़ी बनी दलाल, कबाड़ियों की सेटिंग से उजागर हुआ बड़ा खेल..!!  जप्त माल को दूसरे कबाड़ी को बेचते निगमकर्मी कैमरे में हुए कैद .! निगम की गाड़ी के चलते लगा लंबा जाम ..!!



डेस्क खबर बिलासपुर../ बिलासपुर में नगर निगम की अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई एक ओर जहां दिखावे की सख्ती का प्रतीक बनी, वहीं दूसरी ओर जप्त कबाड़ के सौदे ने पूरे सिस्टम की साख पर सवाल खड़े कर दिए। शहर के सरकंडा स्थित चर्चित कबाड़ी संतोष रजक के अवैध निर्माण पर निगम का हथौड़ा चला तो लगा कि अब कबाड़ माफिया की कमर टूटेगी, लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली।

  निगम की टीम ने सरकंडा स्थित कबाड़ दुकानों  से बड़ी मात्रा में कबाड़ जब्त कर गाड़ी में भर तो लिया, लेकिन उसे सीधे डंपिंग यार्ड ले जाने की बजाय गाड़ी को सिटी कोतवाली क्षेत्र स्थित एक अन्य कबाड़ी ‘गन्नू’ की दुकान पहुंचा दिया गया। यहां पहले से ही सड़क पर कब्जा कर कबाड़ फैलाने वाले ‘दिनेश ट्रेडर्स’ के मालिक ने निगम की गाड़ी से कबाड़ उतरवाना शुरू कर दिया। इस दौरान निगम आयुक्त और बिलासपुर एसएसपी के निर्देश के बाद निगमकर्मी के कुछ कर्मचारी जप्त माल को चंद पैसों के लालच में सिटी कोतवाली क्षेत्र के कबाड़ी को खुलेआम बेचते कैमरे में कैद हो गए ।  मीडिया की नजर पड़ी तो ड्राइवर और कबाड़ी की घबराहट साफ झलकने लगी। 2600 रुपये में हुए सौदे का भंडाफोड़ होते ही निगम कर्मचारी आधा सामान उतारकर गाड़ी भगाकर निकल लिए।



इससे पहले भी चोरी के लोहे के और धारदार हथियार के साथ कई बार पकड़े गए संतोष रजक पर सरकंडा पुलिस की सख्त कार्रवाई के बावजूद कोई खास असर नहीं दिखा। जानकारों का दावा है कि निगम व पुलिस की मिलीभगत से यह कबाड़ माफिया वर्षों से सड़क पर अवैध कारोबार चला रहा था लेकिन थाना प्रभारी निलेश पांडे की लगातार कार्यवाही से कबाड़ियों में खौफ मचा हुआ है ।
अब बड़ा सवाल यह है कि जप्त सामान कब तक बिकता रहेगा और कबाड़ी राज पर आखिर किसका हाथ है? पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कबाड़ के खिलाफ मुहिम लगातार जारी रहेगी और अवैध कबाड़ियों के साम्राज्य पर अंकुश लगाने के लिए सरकंडा की तरह अलग अलग क्षेत्रों में भी जल्द ही निगम और पुलिस की संयुक्त कार्यवाही देखने को मिलती रहेगी

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