
डेस्क खबर…/ बिलासपुर सिविल लाइन थाना क्षेत्र में हाईप्रोफाइ 1.75 करोड़ रुपये के जमीन फर्जीवाड़े के मामले में पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस जिन्हें रिकार्ड में फरार बता रही है वे आरोपी अपने रसूख के दम पर खुलेआम घूम रहे है लेकिन पुलिस को नजर नहीं आ रहे है । इन करोड़ों के ठगो को पकड़ने में पुलिस का सूचना तंत्र और खुफिया विभाग पूरी तरह असफल नजर आ रहा है । इस हाईप्रोफाइल मामले में बीजेपी नेता राजेश पांडे, राजस्व निरीक्षक सुरेश सिंह ठाकुर, एलआईसी एजेंट राजकुमार बजाज और विकास मांझी के खिलाफ गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, लेकिन अन्य आरोपी महीनों बीत जाने के बाद भी अब तक पुलिस रिकॉर्ड में फरार हैं।

करोड़ों रु की ठगी कर पुलिस रिकॉर्ड में फरार इस फर्जीवाड़े मुख्य मास्टरमाइंड बताए जा रहे एलआईसी एजेंट राजकुमार बजाज की एक मंदिर में मौजूदगी की तस्वीरें सामने आई हैं। हालांकि पुलिस रिकॉर्ड और सोशल मीडिया में आरोपी की तस्वीर तक नहीं है लेकिन करोड़ों की ठगी कर पुलिस रिकॉर्ड में फरार राजकुमार बजाज आज रतनपुर के मंदिरों में देखा गया जहां वह पूजा अर्चना करता नजर आ रहा है । उनके करीबी ने इस तस्वीरों की पुष्टि करते हुए नाम न छापने की शर्त में दावा किया कि एलआईसी एजेंट के नाम पर अलग अलग जगहों पर अटूट संपति है और इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए तो जमीन के कई और फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है ।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गैरजमानती धाराओं के बावजूद बीजेपी नेता राजेश पांडे को बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में थाने से फरार होने का मौका दे दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस जांच में आरोपी की संलिप्तता होने के बाद से बीजेपी नेता नाराज इनसे नाराज बताए जा रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी के दिग्गज नेता भी जिन्हें इनका संरक्षण मिलने की चर्चा शहर में चल रही है उन्होंने भी पुलिस को हरि झंडी देकर आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की खुली झूट दे दी है । जिसके चलते बीजेपी नेता अपनी गिरफ्तारी को लेकर काफी परेशान बताया जा रहा है । इन आरोपियों की तस्वीरें तक पुलिस के पास मौजूद नहीं हैं, जिससे गिरफ्तारी और कठिन हो गई है। सूत्रों के अनुसार, आरोपी कई सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में दिखाई दे रहा है और मोबाइल पर बातचीत भी कर रहा है, लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं पा रही है। एक सूत्र ने यहां तक खाटू श्याम मंदिर में भी फरार बीजेपी नेता राजेश पांडे को देखने का दावा किया था

जबकि इस मामले में फर्जी दस्तावेजों को तैयार करने वाले राजस्व निरीक्षक सुरेश सिंह ठाकुर की भी कोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो गई है । पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे खेल में सुरेश सिंह की भूमिका काफी अहम रही है पुलिस दावा कर रही है कि फरार आरोपी सुरेश सिंह की गिरफ्तारी के बाद चौंकाने वाले खुलासे हो सकते है ।

अब देखना होगा कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों रु की ठगी कर इन चर्चित और हाईप्रोफाइल आरोपियों को पुलिस कितनी जल्दी और कब तक गिरफ्तार कर पाती है ताकि पुलिस की साख पर उठ रहे सवालों पर विराम लग सके ..?? और मंदिर मंदिर घूम रहे इन जालसाजों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके ।
आरोपियों को अभी तक जमानत मिली या नहीं इसकी पुष्टि पुलिस विभाग ने नहीं की है ।
इस मामले में पुलिस से क्या हुई बड़ी चूक खुलासा अगले अंकों में

