चौड़ीकरण के नाम पर आशियाना तोड़ने का आदेश.. पार्षद के नेतृत्व में जनता का सैलाब उतरा सड़कों पर .. क्या नगर निगम कर रहा भेदभाव और पक्षपात ..?

बिलासपुर के लिंगियाडीह क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर अतिक्रमण हटाने का काम नगर निगम द्वारा किया जा रहा है, जिसके विरोध में आज सैंकड़ों की संख्या में क्षेत्र वासियों ने विरोध प्रदर्शन किया.. शिकायत लेकर पहुंचे लोगों का कहना है कि, जिला प्रशासन एवं निगम के द्वारा बसंत विहार चौक से दयालबंद पुल तक प्रस्तावित 120 फीट सड़क चौड़ीकरण बनाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाना है..
जबकी लिंगियाडीह से लेकर दयालबंद पुल तक घनी बस्ती एवं बसाहट है लिंगियाडीह चौक से आबादी भूमि में 1984 से दर्ज है अभी दयालबंद पुल से वसंत विहार चौंक तक पर्याप्त चौड़ी सड़क लगभग 60 फीट से अधिक है, इससे पूरी गरीब जनता बेघर हो जाएंगे लिंगियाडीह में 2 महीना पहले तोड़फोड़ की कार्रवाई भी की गई थी, नाली निर्माण , पोल शिफ्टिंग के बाद अब फिर से नगर निगम के द्वारा तोड़फोड़ की कार्रवाई हेतु नोटिस जारी किया गया है। जिस पर यहां के नागरिकों ने आपत्ति दर्ज करते हुए नगर निगम द्वारा जारी नोटिस को निरस्त करने की मांग की है। नागरिकों के द्वारा यह भी मांग की गई है कि लिंगियाडीह में किसी भी प्रकार की जमीन , शासकीय योजनाओं के तहत प्रस्तावित ना किया जाए।

लिंगियाडीह एवं आसपास के वार्डों को जैसे चिंगाराज पारा, चांटीडीह ,जिला प्रशासन के द्वारा आबादी घोषित किया जाए एवं भू स्वामी तथा स्थाई पट्टा तत्काल प्रदान किया जाए.. लिंगियाडीह के लोगों ने मांग की है, कि लिंगियाडीह के जितने मकान को तोड़ा गया है उन्हें अटल आवास इमली भाटा, बहतराई ,सरोज बिहार एवं अन्य जगहों में विस्थापित किया गया है, जहां पर बुनियादी सुविधा का अभाव है, पानी निकासी एवं पेयजल समस्या से लोग जूझ रहे हैं, इन मकानों में खिड़की दरवाजा भी नहीं है..

ऐसी स्थिति में इन विस्थापित गरीब परिवारों को पुनः लिंगियाडीह में बने ईडब्ल्यूएस के मकान जैसे पर्ल हाईट,शीला पार्क, दिव्या माउंट ,एटमॉस्फेयर, जाब एनक्लेव आदि आवासीय कॉलोनी में बने हुए ईडब्ल्यूएस के मकान में उन्हें वापस लाकर विस्थापन किया जाए। ताकि उन्हें बच्चों के पढ़ाई लिखाई एवं अन्य सुविधाए उपलब्ध कराया जा सके..
