डेस्क खबर बिलासपुर../ प्रदेश के उपमुख्यमन्त्री के क्षेत्रलोरमी इलाके में संदिग्ध अवस्था में हाथी का शव मिला है। हाथी का ये शव टिंगीपुर के जंगल मिला है। शव 5 से 6 दिन पुराना बताया जा रहा है। हाथी के सिर और गले के हिस्से में चोंट के निशान है ऐसे में शिकारियों के द्वारा करेंट तार बिछाकर शिकार किए जाने की आशंका जताई जा रही है।पूरे मामले पर मुंगेली वनमण्डल के अधिकारियों की गंभीर लापरवाही देखने को मिली है।अचानकमार टाइगर रिज़र्व के जंगल से लगे लोरमी रेंज में स्थित टिंगीपुर में खुलेआम हाथी के शिकार की घटना को अंजाम दे दिया गया।बावजूद उसके वन महकमा बेपरवाह बना रहा।यही वजह है कि लोरमी के नजदीक होने के बावजूद 5 से 6 दिनों तक वन महकमें को हाथी के शव के पड़े होने की जानकारी तक नहीं मिल पाई।त्यौहारी सीजन में पूरा वन अमला जंगल की सुरक्षा को छोड़कर त्यौहार मनाने में मशगूल है।दूसरी तरफ शिकारी खुलेआम जंगल के अन्दर जाकर शिकार जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
वहीं हाथी के मौत के बाद भी मुंगेली वनमंडल के जिम्मेदार बड़े अधिकारी मौके से नदारद है।सिर्फ छोटे कर्मचारी ही हाथी के शव की सुरक्षा में तैनात दिखे। गौरतलब है की लोरमी इलाके में लगातार एक के बाद एक शिकार की कई घटनाएं सामने आते रहती हैं। 2 वर्ष पूर्व इसी इलाके में बाघ के दो शावकों की संदिग्ध अवस्था में शव बरामद हुआ था।उस वक्त भी शिकार की।आशंका जताई गई थी। उसके बाद भी अधिकारी वन ज़ीव की जान बचाने मे गंभीर नहीं दिखाई दे रहे है। और इस मामले मै सामने आये वीडियो के बाद सवाल उठ रहे है कि हाथी कि मौत के बाद अधिकारियों के लिया क्या जरूरी था .? मौके पर पहुँचना या त्यौहार मनाना..?