

डेस्क खबर बिलासपुर./ मंगलवार की शाम करीब 7 बजे के आसपास बिलासपुर का राजीव प्लाज़ा उस वक्त अफरा-तफरी का केंद्र बन गया, जब उड़ीसा पुलिस की एक टीम अचानक शहर पहुंची। बताया जा रहा है कि उड़ीसा के भुवनेश्वर पुलिस टीम ने तारबहार थाना पुलिस की मदद से राजीव प्लाज़ा स्थित दो मोबाइल दुकानों — “एस एस मोबाइल” और “मोबाइल मेनिया” — पर दबिश दी। मामला कथित रूप से नकली बिल बनाकर महंगे iPhone और चोरी के मामले से खरीदने से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है

सूत्रों के मुताबिक, इन मोबाइलों को बाद में रायपुर में ऊँचे दामों पर किसी ग्राहक को बेचा गया। खरीद-फरोख्त में फर्जी बिलिंग की जानकारी उड़ीसा पुलिस तक पहुँची, जिसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ समन्वय में कार्रवाई की गई। रात करीब 8 बजे से शुरू हुई यह हलचल देर रात 11 बजे तक जारी रही। इस दौरान राजीव प्लाज़ा और थाना परिसर दोनों जगहों पर व्यापारियों के बीच तनाव का माहौल बना रहा।

जानकारी यह भी सामने आई है कि व्यापारी को पूछताछ के लिए थाने ले जाया गया, जहाँ कथित रूप से “सेटिंग” और “मिठाई” के नाम पर मामले को रफा-दफा करने की चर्चा चलती रही। स्थानीय सूत्रों ने दावा किया कि “थाना प्रभारी ने पूरे घटनाक्रम को हल्के में लेते हुए उच्च अधिकारियों तक सूचना पहुँचाने से परहेज़ किया।”


जब इस मामले पर तारबहार थाना प्रभारी से सवाल किया गया, तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा — “ऐसी कार्रवाई जरूर हुई है लेकिन मामले की पूरी जानकारी उन्हें नहीं है । दो मोबाइल उड़ीसा पुलिस ने जब्त किए थे । लेकिन व्यापारियों से पूछताछ ओडिशा पुलिस ने अपने हिसाब से की है और यह उनका मामला था । थाना प्रभारी ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने इस मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को देने की जरूरत नहीं समझी इसलिए उन्होंने उच्च अधिकारियों को इस घटना से अवगत भी नहीं करवाया । लेनदेन की चल रही चर्चा को थाना प्रभारी ने सिरे से खारिज कर दिया ।

मोबाइल दुकान संचालकों से मिली जानकारी के अनुसार मामले को रफा दफा कर दिया है और उन्होंने इस मामले में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया । वही राजीव प्लाजा के सूत्रों के अनुसार ओडिशा पुलिस एक आरोपी को साथ लेकर मार्केट पहुंची थी और आरोपी की निशानदेही पर एसएस मोबाइल और मेनिया मोबाइल नाम की दुकान से 2 से तीन आइफोन भी बरामद किए थे और जब पुलिस ने पुलिसगाड़ी में दुकान संचालकों को थाने ले जाने की कोशिश की तो वहां के व्यापारियों ने विरोध किया और आरोपी को अलग गाड़ी से तारबहार थाने लाया गया । सूत्र का दावा है कि राजीव प्लाज़ा और थाने सहित मार्केट में जगह जगह CCTV कैमरे मौजूद हैं, जिनमें पूरी घटना रिकॉर्ड होने की संभावना जताई जा रही है।

इस घटना होने के बाद राजीव प्लाजा में चल रही चर्चा से पुलिसिया कार्यवाही संदेह के घेरे में जिसका जवाब या तो उड़ीसा पुलिस के पास है या फिर तारबहार पुलिस के पास ?? या फिर दुकान संचालकों के पास ..?? फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि जिस आइफोन के चलते बवाल मचा हुआ है उस मोबाइल का किस घटना में इस्तेमाल किया गया है ?? और जो लेनदेन राजीव प्लाजा में चर्चा का विषय बना हुआ है उस लेनदेन की भूमिका किसने अदा की थी ओडिशा पुलिस या फिर ..???
