डेस्क खबरबिलासपुर

माननीय पर विश्वास करें या बिलासपुर के कोतवाल पर !!
गृहमंत्री और बिलासपुर पुलिस कप्तान के आंकड़ों से भ्रम.?
15 दिनो में शहर को अपराध मुक्त करने में नाकाम विधायक अमर अग्रवाल दे इस्तीफा .– शैलेश पांडे


डेस्क खबर बिलासपुर ../  विधानसभा चुनाव से पहले न्यायधानी में बढ़ते अपराध को महज 15 दिनो में खत्म करने वाले शहर विधायक अमर अग्रवाल के बयान को पूर्व  विधायक शैलेश पांडे ने लपक लिया है । पूर्व विधायक ने न्यायधानी में लगातार बढ रही अपराधिक घटनाओं में गहरी चिंता जाहिर करते हुए बीजेपी विधायक से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की सलाह भी दी है । इतना ही नही  ध्वस्त होती कानून व्यवस्था के सरकार के ज़िम्मेदार माननीय गृह मंत्री, जो कि उप मुख्यमंत्री भी हैं को भी निशाने पर लिया है । पांडे ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए आरोप लगाया की  विधानसभा में एक विधायक के बिलासपुर के अपराधों से संबंधित प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि बीजेपी की सरकार में 30 जून तक कुल 7056 अपराध हो चुके हैं। इसके विपरीत, बिलासपुर के कोतवाल यानी पुलिस अधीक्षक का आँकड़ा जो कि मुख्यमंत्री जी को वाहवाही के लिए कलेक्टर्स और एसपी कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया गया है, वह केवल 5538 अपराध का बताया गया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि गृह मंत्री जी का आँकड़ा केवल 30 जून तक का है।


सवाल यह है कि जब 30 जून तक अपराधों की संख्या 7000 पार है तो क्या इन ढाई महीनों में कोई अपराध नहीं हुआ या अपराध कम कैसे हो गए? यह स्थिति अविश्वसनीय प्रतीत होती है।

गृह मंत्री द्वारा पेश किए गए आँकड़ों के मुताबिक, 30 जून तक मारपीट के 1743 मामले दर्ज थे, जबकि बिलासपुर पुलिस के आँकड़ों में यह संख्या केवल 28 है। इसी तरह, गृह मंत्री ने बलात्कार के मामले 129 बताए, जबकि बिलासपुर पुलिस के आँकड़े 134 बताते हैं, यानी पिछले ढाई महीनों में केवल पाँच मामलों का इज़ाफा हुआ है, जो विश्वास को कमजोर करता है।

गृह मंत्री द्वारा हत्या के आँकड़े 30 जून तक 28 बताए गए हैं, और बिलासपुर पुलिस का आँकड़ा भी 28 ही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पिछले ढाई महीनों में कोई हत्या नहीं हुई है, जो अविश्वसनीय प्रतीत होता है।

कुल मिलाकर यह समझ से परे है कि क्या बिलासपुर पुलिस ने भ्रामक जानकारी दी है या मंत्री जी ने। लगातार हत्या और चाकूबाजी से बिलासपुर में भय का माहौल बना हुआ है और दुष्कर्म की घटनाएँ भी बढ़ी हैं, लेकिन आँकड़ों में इतना बड़ा अंतर क्यों है, यह सवाल महत्वपूर्ण है।

बिलासपुर में अपराध बढ़ रहे हैं, और यहाँ के विधायक ने चुनाव के समय जनता से वादा किया था कि वह पंद्रह दिनों में बिलासपुर को अपराध मुक्त कर देंगे। आज, उनके कार्यकाल में बिलासपुर प्रदेश की अपराधों की राजधानी बन गया है, और उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफ़ा देना चाहिए। बिलासपुर पुलिस निश्चित ही प्रयास कर रही है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। पुलिस को जनता की रक्षक के रूप में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

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