
डेस्क खबर बिलासपुर- एक बार फिर डंकाराम न्यूज वेब पोर्टल की खबर का बड़ा असर हुआ है । लगातार सरकारी राशन दुकानों में सरकारी चावल की कालाबाजारी करने वालो के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम का बड़ा असर हुआ है । सटीक खबरों से बौखलाए और विभागीय जांच में दोषी पाए खुद को संगठन का अध्यक्ष बताने वाला गरीबों के पेट पर डाकेबाजी कर कथित राशन घपलेबाज ऋषि उपाध्याय पर विभागीय चाबुक चला है, दरअसल हितग्राहियों को जबरिया राशन के बदले रुपए देने के मामले में खाद्य विभाग ने मगरपारा में स्थित जय महालक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह के विक्रेता ऋषि उपाध्याय, अध्यक्ष और सचिव पर कार्रवाई करते हुए दुकान को निलंबित कर दिया है.. डंकाराम वेब पोर्टल में हितग्राही को चावल के बदले पैसे लेते हुए एक वीडियो वायरल होने के बाद खाद्य विभाग ने संबंधित उचित मूल्य दुकान पर कार्रवाई की है। मामले में जवाब संतोषजनक न होने पर दुकान को निलंबित कर दिया गया है..
शहर के वार्ड क्रमांक 23 मदर टेरेसा नगर, मंगरापारा में जय महालक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान पर चावल के बदले पैसे लेने का वीडियो बीते दिनों वायरल हुआ था, खाद्य विभाग ने इस वीडियो व शिकायत की जांच 7 जून को की थी.. जांच में अनियमितता पाए जाने पर दुकान के अध्यक्ष श्रीमती सत्यशीला उपाध्याय सचिव श्रीमती पुष्पा दीक्षित विक्रेता सहायक ऋषि उपाध्याय को कारण बताओ नोटिस 16 जून को जारी किया गया था..।
ऋषि उपाध्याय के इस वीडियो पर हुई कार्यवाही ।
हालांकि संबंधित संचालक द्वारा जवाब प्रस्तुत किया गया, लेकिन वह संतोषजनक नहीं पाया गया.. इसके बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2016 के तहत उक्त दुकान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया..
खाद्य विभाग ने जानकारी दी है कि जल्द ही क्षेत्र में दूसरी दुकान खोलकर राशन कार्डधारियों को राशन वितरण की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी, साथ ही उक्त उचित मूल्य दुकान को आदर्श प्राथमिक उपभोक्ता भंडार में संलग्न कर दिया गया है..
विभागीय सूत्रों द्वारा बताया जाता है कि, मामला बहुत ही गंभीर है, विक्रेता संघ का अध्यक्ष होने की वजह से ऋषि उपाध्याय और भी विक्रेताओं को चावल की अफरा तफरी करने के लिए कहता था, ताकि कालाबाजारी में पूरा संगठन बदनाम हो सके, और विभागीय अधिकारी से मामा भांजा वाली सेंटिंग के जरिए जनता के चावल पर डाकेबाजी का खेल निरंतर चलता रहे, लेकिन पूर्व में इस घपलेबाज का वीडियो वायरल हो गया था, जिसके बाद विभाग ने मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई कर दी, देखने वाली बात होगी कि, विक्रेता संघ के कथित अध्यक्ष ऋषि उपाध्याय पर कार्रवाई के बाद उसकी सरपरस्ती पर घपलेबाजी करने वाले दुकानदारों पर किस तरह की कार्रवाई होती है..वही इस पूरे मामले में खाद्य विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत और मामले की फाइल को दबाने की बात भी सामने आ रही है । विभागीय सूत्रों की माने तो वीडियो वायरल होने के बाद तत्कालीन कलेक्टर के सख्त निर्देश के बाद खाद्य विभाग के उच्च अधिकारियों ने संघ के अध्यक्ष ऋषि उपाध्याय की सरकारी राशन दुकान की जांच की थी और जांच के उपरान्त दुकान के अध्यक्ष श्रीमती सत्यशीला उपाध्याय सचिव श्रीमती पुष्पा दीक्षित विक्रेता सहायक ऋषि उपाध्याय के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत गैर जमानतीय दंडनीय अपराध माना था और इनके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्यवाही करने प्रतिवेदन भी जारी किया था ।

विभागीय सूत्रों से मिली जांच प्रतिवेदन की कापी ।

छत्तीसगढ़ उचित मुल्य दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ के पदाधिकारियों ने भी ऋषि उपाध्याय के कृत्य को गंभीर माना है और बातचीत में कहा कि कोई भी दूकानदार नियम का पालन करते दुकान संचालन करते जांच में नही पाया जाता है तो खास कर संगठन में पदाधिकारी अगर नियम का पालन नही कर रहा है तो विभाग नियमनुसार कार्यवाही कर सकता है और इनके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्यवाही करने की बात भी पदाधिकारियों ने कही है ।
अब देखने वाली बात होगी कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार में कसौटी में खरा नहीं उतरने वाले और गरीबों को दिए जाने वाले सरकारी चावल की कालाबाजारी करने वाले इन कालाबजारियों के खिलाफ जिला प्रशासन और खाद्य विभाग कब नियमानुसार कार्यवाही कर मामला दर्ज करवाता है और वर्षों से रसूख के दम पर जिले में जमे विवादित खाद्य अफसर पर कितनी जल्दी एक्शन लेता है ??

गौरतलब है तालपारा वार्ड क्रमांक 25 मे संचालित अन्नपूर्णा प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार में भी गरीबो को दिये जाने वाले राशन के एवज मे नगद रुप का भुगतान किया जा रहा था खुद को बीजेपी कार्यकर्ता बताने वाले दुकानदार गोविंद नायडू भी वीडियो में राशन के बदले पैसा देने देते साफ नजर आया था । 12 अप्रैल को डंकाराम वेब पोर्टल में इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित भी किया गया था । जिसके बाद गोविन्द नायडू ने खबर से बौखला कर 14 जुलाई को झूठी fir दर्ज करवाई थी जिसकी जांच पुलिस विभाग कर रहा है ।
वही सूत्र का दावा है की खाद्य विभाग के संरक्षण मे सरकारी राशन दुकानों मे जमकर हेराफेरी और काला बाजारी की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार राशन मे चावल की हेराफेरी के लिए सिडिकेट का सिस्टम काम कर रहा है, राशन दुकानो से लेकर खुलेबजार मे चावल का अवैध व्यापार किया जा रहा है जो बड़े दुकानों और गोदामो से होकर राइस मिलो मे जाकर समाप्त होता है। अब देखना होगा की इस मामले मे जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कितनी गंभीरता से इस मामले की जाँच करते है।


