
डेस्क खबर बिलासपुर ../ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। प्रदेश व देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के संकल्प को यहां के कुछ अधिकारी खुलेआम ठेंगा दिखा रहे हैं। 2021 से 2024 के बीच विभिन्न सरकारी योजनाओं, DMF फंड, मुख्यमंत्री राहत कोष, कोविड-19 टीकाकरण प्रोत्साहन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं दानदाताओं से मिली राशि का लगभग 30 से 35 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किए जाने की गंभीर शिकायत सामने आई है।

छ.ग. प्रांतीय स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष रविंद्र तिवारी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की थी। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए माननीय कलेक्टर बिलासपुर ने 7 जुलाई को CMHO को 7 दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।


लेकिन हैरानी की बात यह है कि वर्तमान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने न तो जांच कमेटी बनाई और न ही कलेक्टर के पत्र को गंभीरता से लिया। आरोप है कि उन्होंने अपने पूर्ववर्ती सीएमएचओ, खंड चिकित्सा अधिकारियों और अन्य संलिप्त सहयोगियों को संरक्षण प्रदान करते हुए जांच को दबा दिया।

इस लापरवाही और आदेश उल्लंघन को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने कलेक्टर कार्यालय से ही उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करने की मांग की है, जिससे निष्पक्ष जांच संभव हो सके और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

