बिलासपुर

शिक्षित युवक की खुदकुशी का मामला .! रसूखदार कारोबारी को केंद्रीय जेल में VIP ट्रीटमेंट.? रिश्तेदार के साथ इन लोगो ने की मुलाकात .! जेल अधीक्षक बोले ! होगी मामले की जांच .!

बिलासपुर / शिक्षित बेरोजगार युवक खुसखुशी मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस की गिरफ्त में आए शहर के बड़े होटल कारोबारी को बिलासपुर के केंद्रीय जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट मिलने की खबर से एक बार फिर केंद्रीय जेल प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है ।
शहर के बहुचर्चित सिद्धू आत्महत्या मामले में रायपुर से गिरफ्तार आरोपी दीपेश की नियमित याचिका खारिज होने के बाद उसे जेल दाखिल कर दिया गया था ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी दीपेश का जेल में भी रसूख देखने को मिल रहा है । तय समय के बाद भी जेल प्रशासन आरोपी की कई लोगो से अलग स्पेशल मुलाकात करवा रहा है .?
सूत्र नाम न छापने की शर्त में दावा कर रहे है की आरोपी दीपेश से मिलने के लिए उसके रिश्तेदार सहित युवा नेताजी एक युवा नेताजी और बड़े कॉलेज प्रबंधन से जुड़े हुए लोग थे । सूत्र का दावा है की मुलाकात का तय समय की मियाद खत्म होने के बाद भी इन लोगो की जेल के अंदर खास मुलाकात करवाई गई ।
इतना ही नहीं इन सब के हाथो में थैला और बैग होने का दावा भी सूत्र कर रहे है ।

वही इन आरोपों के जवाब में बिलासपुर केंद्रीय जेल अधीक्षक ने मामले को गंभीरता लेते हुए चर्चा में बताया कि कल वह छुट्टी में थे । इस मामले की जांच की जाएगी और रजिस्टर के माध्यम से पता किया जायेगा की किन किन लोगो ने आरोपी दीपेश से मुलाकात की थी । साथ ही हाथों में बैग के सवाल पर भी जेल अधीक्षक ने जेल परिसर पर मौजूद सीसीटीवी के माध्यम से पता करवाने का आश्वाशन भी दिया है । साथ ही जेल अधीक्षक ने यह भी माना है की मुलाकात का तय सीमा खत्म होने के बाद भी विशेष मुलाकात का अधिकार जेल अधीक्षक को रहता है और परिस्थिति देख कर मुलाकात करवा सकता है ।

अब ऐसी विशेष परिस्थिति में सिर्फ रिश्तेदार को ही आरोपी का मुलाकात का अधिकार है या अन्य लोगो को भी .? यह स्पष्ट नहीं हो पाया है ।
कयास यह भी लगाए जा रहे है की जेल दाखिल होने के पूर्व पूरी तरह मेडिकल जांच में स्वस्थ होने वाला आरोपी जेल में बीमार भी हो सकता है और उसे इलाज के लिए अस्पताल रेफर किया जा सकता है .? इतिहास भी गवाह है की कई रसूखदार के जेल दाखिल होते ही तबियत बिगड़ जाती है और उन्हें इलाज के लिए कई दिनों तक अस्पताल में डाक्टर की निगरानी में रहना पड़ता है ।

इस मामले का सच अगले इस मामले से जुड़े अंक में ..

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