मस्तुरी में अदानी के सीमेंट प्लांट का विरोध करने वाले कांग्रेसी नदारद .!पिछले साल कांग्रेसियों ने किया था एकजुट होकर विरोध .!क्या कांग्रेसी हो गए है मैनेज .?
बिलासपुर …मस्तूरी में एसीसी सीमेंट प्लांट की अब तक की जनसुनवाई का जमकर विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी इस बार शांत नजर आ रही है .. जहां आज अदानी के सीमेंट प्लांट की जनसुनवाई को लेकर ग्रामीण आक्रोशित है तो वही दूसरी ओर कांग्रेस के नेता चुप्पी साधे नजर आ रहे है ..
एक तरफ कांग्रेस पार्टी बिलासपुर सहित कई स्थानों में कानून व्यवस्था को लेकर धरना प्रदर्शन की तैयारी में जुटी हुई है ..तो वही दूसरी तरफ ग्रामीणों के जनहित के मामले में मौनी बाबा बनी हुई है …
बिलासपुर के नेहरू चौक में जुटने वाले इन्हीं कांग्रेसियों ने विगत वर्ष एसीसी कंपनी जिसका मालिक अडानी ग्रुप हैं,जिसकी जनसुनवाई लोहरसी के मैदान में रखा गया था जिसका विरोध एक मंत्री के इशारे पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय केसरवानी,नागेंद्र रॉय अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मस्तूरी सहित मस्तूरी क्षेत्र के कांग्रेस नेताओ, ग्रामीणों के द्वारा भारी विरोध किया गया था इस विरोध प्रदर्शन में टेंट,कुर्सी भी तोड़फोड़ में नष्ट कर दिए गए थे, जिसका वीडियो और तस्वीर भी सामने आई थी …ग्रामीणों में आक्रोश को देखते हुए प्रशासन ने उक्त जनसुनवाई को निरस्त करने की घोषणा अधिकारियो द्वारा की गई थी जिसके बाद ग्रामीण, नेता एवं किसान शांत हुए और लोगो ने खूब खुशियां भी मनाई थी लेकिन पुन: आगामी 18 जून को एसीसी सीमेंट की जनसुनवाई हैं मगर अभी तक कांग्रेसियों का कोई विरोध प्रदर्शन करने सम्बन्धी किसी भी प्रकार की रणनीति दिखाई नहीं दे रही जानकारों का कहना है एसीसी सीमेंट का जिन लोगो के द्वारा विरोध किया जा रहा है उन सभी के घरों के बाहर सुबह- शाम अडानी का टैंपो देखा जा रहा हैं।
सूत्र बताते हैं की पिछले 6 माह से अडानी ग्रुप के लोग मस्तूरी क्षेत्र मे डेरा डाले हुए हैं, जो प्रभाव सील लोगो को शाम,दाम,दंड, भेद का इस्तेमाल कर मनाया जा रहा हैं और जो जिस लेबल का है उसे उसी लेबल का लिफाफा दिया जा रहा हैं। विदित हो प्रदेश में कांग्रेस सरकार बदलते ही एसीसी(अडानी) ग्रुप ने फिर से जनसुनवाई करने अपनी तैयारी जोर – शोर कर लिया है।सूत्रों की मानो तो उक्त कंपनी की ओर से पीपी पांडे (प्रेम प्रकाश पांडे) प्रदेश में जब से कांग्रेस सरकार गई हैं तब से सक्रिय हो गया है,और आए दिन क्षेत्र वासियों को ऊल जलूल झांसा देते फिर रहा,जैसे सरकार की योजनाओं में एसीसी कंपनी का बोर्ड लगा कर अपनी वाहवाही लिया जा रहा हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है।
जनसुनवाई 18 जून को पर जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की क्या रहेगी सक्रियता
विगत वर्ष जिस तरह से जिला अध्यक्ष विजय केसरवानी ब्लॉक अध्यक्ष नागेंद्र रॉय क्या स्थानीय मुद्दों पर क्या एसीसी कंपनी का धुलेआम विरोध रहेगा या खामोश रहेंगे इस तरह मस्तूरी विधानसभा ही नही बल्कि प्रदेश भर में ये ज्वलंत मुद्दे की चर्चा चाहे ये बात पचपेड़ी के नामदेव होटल की बात करे या फिर बिलासपुर के काफी हाउस की बात बोले या फिर रायपुर स्थित मरीन ड्राइव या फिर सर्किट हाउस की बात करे सबके जेहन में केवल एक चर्चा हो रही 18 को एसीसी के जनसुनवाई को लेकर क्या योजना है।उक्त मुद्दे पर कुछ कांग्रेस जनों से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया जिला कांग्रेस और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा तो ऐसा कुछ नही बताया गया हैं,उक्त कार्यकर्ता ने ये जरूर कहा हमारे कांग्रेस पार्टी के स्टार नेता तो शुरू से अडानी ,अंबानी ग्रुप का विरोध करते आ रहे हैं तो ब्लॉक कांग्रेस कमेटी और बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी को भी विरोध करने रणनीति तैयार करनी चाहिए तभी हमारा क्षेत्र बच पाएगा वर्ना सरगुजा,बस्तर परसा कोल ब्लॉक की दुर्गति तो सब देख रहे हैं।
पिछली जनसुनवाई में दिखा था जनाक्रोश, सबसे ज्यादा ग्रामीणों में है रोष
ग्रामीण हंगामा मचाते हुए जनसुनवाई स्थगित करने की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट से कोई फायदा हमें नहीं है। पूर्व में भी एक प्लांट खुला है। 18 साल हो गए पर कोई भी फायदा नही हुआ। ग्रामीणों का कहना था कि प्लांट खुल जाने से गांव विस्थापित तो होगा ही साथ ही आस पास के दस गांवों की फसल भी चौपट हो जाएगी। इसके अलावा बीमारियां भी फैल जाएंगी। यहां ग्रामीणों का समर्थन करने पहुँचे कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि फर्जी रिपोर्ट के आधार पर जनसुनवाई का आयोजन किया जा रहा है। इस एरिया में 135 तालाब, शिव मंदिर, विख्यात मंदिर डिडेश्वरी मंदिर, शिव मंदिर,जंगल, वन्यजीव व हज़ारों इमारती पेड़ो की जानकारी छुपा कर रिपोर्ट बनाई गई है। जिसका हम विरोध करते हैं। वही पुलिस का कहना था कि लाठीचार्ज नही किया गया है अपितु स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया है। वही स्थिति को देखते हुए एडिशनल कलेक्टर आर ए कुरुवंशी ने जनसुनवाई को स्थगित कर दिया।
अब देखना होगा कि कानून व्यवस्था पर बीजेपी के खिलाफ हल्लाबोल कार्यकर्म करने वाली पार्टी के नेता चंद किलोमीटर दूर होने वाली जनसुनवाई का विरोध करते है या फिर ..?