डेस्क खबर — प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही न्यायधानी में अवैध रूप से चल रही चखना दुकानों पर आखिरकार बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया । जिले की हर सरकारी शराब दुकानों के बिलकुल पास चल रहे इन अवैध चखना दुकानों के खिलाफ राजनैतिक संरक्षण के कारण आबकारी विभाग भी कार्यवाही नही कर रहा था । मीडिया भी समय समय पर इन अवैध चखना सेंटरों की खबरों को प्रसारित प्रकाशित करता रहा लेकिन जिले के आबकारी विभाग इन पर कार्यवाही से हमेशा से बचता रहा आबकारी विभाग से मिली सूचना और अवैध चखना दुकान के संचालक नाम नही छापने की शर्त पर जानकारी भी देते रहे की जिले में चल रही 65 से ज्यादा सरकारी शराब दुकानों के आसपास संचालित अवैध सेंट्रो से प्रतिदिन के हिसाब से वसूली की जाती है । और अवैध वसूली का आंकड़ा लगभग 1 करोड़ महीने के आसपास पहुंचता था ।
आबकारी विभाग हमेशा से इन अवैध सेंटरों के लिए राजनैतिक दवाब की मजबूरी बताकर अपने आप को बचाता रहा लेकिन सेंटर संचालकों की माने तो आबकारी विभाग भी प्रतिदिन के हिसाब से अपनी जेब गर्म कर लाखों रु की कमाई हर महीने कर रहा था ।
वही पुलिस प्रशासन भी नशे में लगाम कसने के लिए अवैध शराब बेचने वाले और शराब पीकर गाड़ी चलाने वालो पर आपरेशन निजात के तहत कार्यवाही करता नजर आता रहा। लेकिन पुलिस विभाग का आपरेशन निजात इन अवैध चखना दुकानों पर गायब ही रहा । खाकी के संरक्षण में देर रात तक बार संचालित होते रहे पर पुलिस कार्यवाही से बचती रही ।
बरहाल देखना होगा कि निगम अमला,आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन के तत्वाधान में की गई चखना सेंटरों पर की गई कार्यवाही कितने दिनों तक प्रभावशील रहती है .? या फिर मंत्रिमंडल के शपथ लेते ही फिर यह अवैध चखना दुकान स्वतः वैध हो जाएंगे और फिर एक बार गुलजार हो जायेगे .? यह तो आने वाले कुछ दिनो बाद पता चल ही जाएगा फिलहाल इस कार्यवाही को सराहना की जा रही है और जनता उम्मीद कर रही है की नई सरकार के आने के बाद इन चखना दुकानों को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा ताकि रियाहशी इलाको और भीड़ भाड़ वाले इलाकों में महिलाएं शराबियो के तल्ख टिप्पणी से सुरक्षित रहे और ट्राफिक जाम की समस्या से भी निजात मिल सके।