बिलासपुर। राजधानी बिलासपुर में समय से पहले वोटिंग बंद करवाने को लेकर हंगामा मच गया। समय से पहले ही एक पोलिंग बूथ में वोटिंग बंद करवा दिया गया था। जिसके चलते वहां पहुंचे डॉक्टर दंपति व उनके बच्चों को वोटिंग से वंचित होना पड़ा हंगामा करने पर अधिकारियों के द्वारा पहुंचकर बैलट पेपर से वोटिंग करवाया गया।
सरकंडा के बसंत विहार कॉलोनी के बूथ क्रमांक 233 में समय से 10 मिनट पहले ही वोटिंग मशीन बंद कर दी गई थी। जबकि निर्माण अनुसार 5:00 बजे से पहले जो भी मतदाता पोलिंग बूथ के अंदर प्रवेश कर लेता है उसे अनिवार्य रूप से मतदान करवाया जाना चाहिए। आज बूथ क्रमांक 233 में शाम पांच बजने से पहले जिला चिकित्सालय में पदस्थ वरिष्ठ प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ वंदना चौधरी और उनके पति जो एसईसीएल के बसंत बिहार हॉस्पिटल में डिप्टी चीफ मेडिकल ऑफिसर है अपने दो बच्चों के साथ पहुंचे थे। उनके दोनों बच्चे सौम्या चौधरी और आदित्य चौधरी नवमतदाता है और पहली बार वोटिंग कर रहें है। डॉक्टर दंपति का परिवार वोटिंग खत्म होने से पहले ही पोलिंग बूथ के अंदर पहुंच गया था। पर यहां बूथ के खाली रहने के चलते पोलिंग टीम ने ईव्हीएम मशीन बंद कर दी थी। जिसके चलते वहां डॉक्टर परिवार को वोट नहीं डलवाया जा सका। जिसके बाद वहां हंगामा मच गया। डॉक्टर परिवार के साथ ही वहां मौजूद भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी डॉक्टर परिवार के पक्ष में हंगामा मचाना शुरू कर दिया। उन्होंने समय से पहले वोटिंग बंद करवाने का आरोप लगा जमकर हंगामा मचाया।
हंगामा मचने के बाद एसडीएम व पुलिस पार्टी मौके पर पहुंची और एसडीएम हंगामा शांत करवाने लगे। पर जनता वोट डलवाने की मांग पर अड़ी थी। जिस पर एसडीएम ने अधिकारियों से निर्देश लेकर पंचनामा बनवा कर बैलेट पेपर से चारों मतदाताओं का मतदान संपादित करवाया। जिसके बाद हंगामा शांत हुआ।
मतदान के बाद नवमतदाता सौम्या चौधरी ने बताया कि हम पहली बार वोट डालने वाले थे। जिसके लिए हम दिल्ली से बिलासपुर आए थे। मैं दिल्ली में पढ़ाई करती हूं। दिल्ली से वोट डालने आने के बाद आज मतदान केंद्र में पहुंचने पर वोट नही डालने दिया गया। काफी हंगामे के बाद हमें बैलेट पेपर से मतदान करवाया गया। पहली बार वोटिंग की खुशी तो रही पर ईव्हीएम मशीन से वोट नहीं कर पाने का मलाल रहा।