समंदर की गहराइयों में ही बन गई कब्रगाह रोमांच का सफर बना अंतिम यात्रा….. टाइटेनिक जहाज का मलबा देखने गए पांच यात्रियों की मौत… क्या है पूरा घटना क्रम… पढ़िए और जानिए डंका राम की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में..
डेस्क/ टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने समुद्र में मीलों नीचे गए अरबपतियों के रोमांच सफर का दुखद अंत हो गया…समुद्र की अथाह गहराइयों में पनडुब्बी के लापता होने के बाद अब सभी यात्रियों को मृत घोषित कर दिया गया है….बताया जा रहा है कि समंदर की गहराइयों में पनडुब्बी में हुए एंप्लॉजन के बाद पनडुब्बी के टुकड़े-टुकड़े हो गए और उस पर सवार सभी लोगों की मौत हो गई…दरअसल सागर की तलहटी में समाए टाइटैनिक जहाज को देखने की सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनी ओशनगेट की पनडुब्बी से समुद्र की गहराई में पड़े टाइटेनिक के अवशेष को देखने की उत्सुकता हाल के दिनों में काफी ज्यादा बढ़ी थी…खास तौर पर दुनिया के अरबपति कहलाने वाले लोग इस सफर के साक्षी बन रहे थे… ओशनगेट कंपनी के दावों के मुताबिक पनडुब्बी के जरिए समुद में 4,000 मीटर की गहराई तक यात्रा की जा सकती है…बताया जा रहा है कि ओशनगेट का टाइटन सबमरीन 19 जून 2023 को पांच लोगों के साथ टाइटैनिक जहाज देखने के अभियान पर निकला था…
अब जानिए इस यात्रा पर कौन और कहां के लोग गए हुए थे…??और जानिए उनके नेटवर्थ के बारे में…???
👉समर्सिबल हादसे में मारे गए पांच यात्रियों में पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश अरबपति शहजादा दाऊद, उनके बेटे सुलेमान दाऊद, ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, फ्रांस के एक्सप्लोरर पॉल हेनरी और पनडुब्बी का संचालन करने वाली कंपनी ओशनगेट के सीईओ स्टॉकटोन रश शामिल थे…
यह पहली बार नहीं था जब वे ऐसे साहसिक अभियान का हिस्सा बने थे…उनके नाम अन्वेषण-आधारित गतिविधियों में शामिल होने के लिए तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं..वे बाहरी अंतरिक्ष में जानें वाले ब्लू ओरिजिन के अभियान में भी शामिल थे… मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हामिश हार्डिंग ही वह ब्रिटिश व्यवसायी थे जिन्होंने नामीबिया से आठ चीतों को भारत लाने में भारत सरकार की मदद की थी…58 वर्षीय हार्डिंग के परिवार में दो बच्चे, एक सौतेला बेटा और पत्नी लिंडा हार्डिंग हैं… वे सभी हार्डिंग के सकुशल लौटने की दुआएं कर रहे थे, पर दुखद रूप से ऐसा नहीं हो सका.
समुद्र की गहराईयों में जाने से पहले हार्डिंग ने अपना अनुभव इंस्टाग्राम पर साझा किया था और मिशन के जोखिमों के बारे में बताया था…उन्होंने कहा था, “न्यूफाउंडलैंड में 40 वर्षों में सबसे खराब सर्दियों के कारण, यह मिशन 2023 में टाइटैनिक के लिए पहला और एकमात्र मानवयुक्त मिशन होने की आशंका है…मौसम में थोड़ा सुधार हुआ है और हम कल गोता लगाने की कोशिश करने जा रहे हैं।” जोखिम भरे रोमांच के सफर का उन्होंने जो जिक्र किया था उससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि टाइटन पनडुब्बी से संचार कैसे डिस्कनेक्ट हो गया..
दूसरे और तीसरे यात्री के रूप में पाकिस्तानी मूल ब्रिटिश कारोबारी शहजादा दाऊद और उनके बेटे भी इस सफर का हिस्सा थे.. दाऊद पाकिस्तान के सबसे धनी परिवारों में से आते है…हालांकि वे ब्रिटेन में रहते थे… 20 जून 2023 को परिवार की ओर से एक बयान जारी किया गया था, जिसमे पनडुब्बी से संपर्क टूटने की बात कही गई थी..सेती इंस्टीट्यूट के ट्रस्टी शहजादा के परिवार में पत्नी क्रिस्टीन और बेटी अलीना है जिन्हे वे छोड़कर बेटे को साथ लेकर समुद्र के रोमांच भरे सफर पर निकले थे..बता दे कि इस सफर में उनके साथ गए सुलेमान उनके बेटे की उम्र महज 19 साल थी.
टाइटन पनडुब्बी में सबसे अनुभवी व्यक्ति फ्रांसीसी समुद्री गोताखोर पॉल-हेनरी नारजियोलेट थे…उन्हें मिस्टर टाइटैनिक कहा जाता था क्योंकि उन्होंने किसी भी अन्य खोजकर्ता की तुलना में टाइटैनिक जहाज के मलबे के साथ सबसे अधिक समय बिताया था… वह 1987 में मलबे के लिए पहले मानवयुक्त मिशन का भी हिस्सा थे…वे आरएमएस टाइटैनिक नाम की कंपनी में पानी के अंदर होने वाले अनुसंधान मामलों के निदेशक थे… इसी कंपनी के पास टाइटैनिक के मलबों से जुड़े अनुसंधान के अधिकार थे.उनकी उम्र 77 वर्ष थी… उनकी पत्नी की वर्षों पहले कैंसर से मृत्यु हो गई थी..
पॉल-हेनरी की नेटवर्थ लगभग 1.5 अरब डॉलर (1.23 खरब रुपये) होने का अनुमान है…पॉल-हेनरी वर्तमान में आरएमएस टाइटैनिक के अनुसंधान निदेशक के रूप में काम कर रहे थे…
5. ओशनगेट के सीईओ और पनडुब्बी के पायलट स्टॉकटोन रश…
👉हादसे का शिकार टाइटन पनडुब्बी में सवार पांचवें शख्स थे ओशनगेट कंपनी के सीईओ स्टॉकटोन रश…रश ही टाइटन समर्सिबल के पायलट भी थे. रश ने 2009 में ओशनगेट की स्थापना की, जिसमें “नवाचार के माध्यम से गहरे महासागर तक पहुंच बढ़ाना” का एक घोषित मिशन था…61 साल के रश का कहना था कि आकाश के बजाय समुद्र मानवता को जीवित रहने का सबसे अच्छा मौका देता है वहां जहां पृथ्वी की सतह निर्जन हो जाती है.. स्टॉकटोन की पत्नी वेंडी रश ओशनगेट में संचार निदेशक हैं..टाइटन के संचार की देखरेख भी वही करती थीं.. हालांकि इसकी पुष्ट नहीं हुई है पर वेंडी के फेसबुक से ऐसा प्रतीत होता है कि उनका और स्टॉकटोन का एक बेटा और एक बेटी है…टाइटन पनडुब्बी के पायलट स्टॉकटोन रश की पत्नी वेंडी रश 1912 में टाइटैनिक जहाज पर मारे गए एक दंपति की वंशज भी हैं… मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्टॉकटोन रश की कुल नेटवर्थ करीब 12 मिलियन डॉलर (98.33 करोड़ रुपये) है….
अब जानिए हादसे के बारे में..
टाइटन पनडुब्बी के यात्रियों ने कनाडा के न्यूफाउंडलैंड से 16 जून को अपने सफर की शुरुआत की थी..ये सभी लोग एक जहाज से पहले अटलांटिक महासागर में उस जगह पहुंचे, जहां टाइटैनिक जहाज का मलबा मौजूद है.. इसके बाद 19 जून को ये सभी यात्री समर्सिबल से पानी के अंदर उतरे.. सुबह 9 बजे ये लोग समुद्र की गहराई में उतरे और सुबह करीब 11.47 बजे ही पनडुब्बी से संचार संपर्क टूट गया…टाइटन पनडुब्बी एक मिनी वैन के आकार का था और इसके फर्श पर पांच से छह लोग ही बैठ सकते थे..टाइटैनिक के मलबे तक पहुंचने के लिए इसका अभियान आम तौर पर आठ घंटे तक चलता है, हालांकि टाइटन के पांच यात्रियों के लिए लगभग 96 घंटे की ऑक्सीजन उपलब्ध थी..पांचों यात्रियों को शाम 6.10 बजे सतह पर वापस लौटना था… जिसके बाद शाम 6.35 बजे बचाव कार्य शुरू किया गया…गुरुवार को अथॉरिटीज ने सभी यात्रियों को मृत घोषित कर दिया..और पनडुब्बी में इंप्लोजन होने का खुलासा किया..
अब जानिए एक्सपर्ट से की समंदर अंदर क्या हुआ होगा…?
एक्सपर्ट की माने तो टाइटन पनडुब्बी जब पानी के अंदर थी उस दौरान पनडुब्बी में लीकेज हुआ होगा… दरअसल टाइटन या पनडुब्बी की बनावट कुछ इस तरह की होती है समुद्र के पानी का प्रेशर उस पर नहीं पड़ता है जिसकी वजह से वह समुद्र की गहराई में बड़ी आसानी से गोता लगाती है… लेकिन पनडुब्बी में लीकेज की वजह से समुद्र के पानी का दबाव से पनडुब्बी में इंप्लोज़न हुआ होगा… हालाकि चूक की कुछ और वजह भी हो सकती है लेकिन अनुमान के तौर पर ऐसा हो सकता है…
*क्या है टाइटेनिक जिसे देखने की उत्सुकता 111 साल के बाद भी जारी है…*
हम सभी ने टाइटैनिक जहाज का नाम सुना है. अपने दौर के सबसे बड़े और पॉपुलर जहाज टाइटैनिक की लम्बाई करीब 269.1 मीटर और चौड़ाई 28 मीटर के आसपास थी. 14 अप्रैल, 1912 में रात के समय टाइटैनिक बर्फ के पहाड़ से टकराकर नॉर्थ अटलांटिक ओसियन में डूब गया था. जिसमे करीब 1517 लोगो की मौत हो गई थी जबकि इस जहाज में 2200 लोग सवार थे… इस जहाज पहली यात्रा ही अंतिम साबित हुई… पूरा का पूरा टाइटेनिक जहाज समुद्र में डूब गया था… टाइटेनिक जहाज इंग्लैंड के साउथ केंपटन से अमेरिका के न्यूयार्क की यात्रा पीआर जा रहा था ,लेकिन आइसबर्क से टकराने के बाद करीब दो घंटे के भीतर ही टाइटेनिक समुद्र की अथाह गहराई में समा गया था…टाइटेनिक के मलबे को 1985 में ढूंढा गया था. ओशनगेट नाम की एक कंपनी है जो लोगों को पनडुब्बी में बिठाकर टाइटैनिक का मलबा दिखाने समुद्र के भीतर ले जाने का काम करती है…
बहरहाल जिस तरह से टाइटेन का सफर रोमांच भरा था लेकिन मंजिल में पहुंचने से पहले ही अनंत सफर पर चला गया… कुछ वैसा ही टाइटेन पनडुब्बी के साथ भी हुआ… ये अलग है कि पनडुब्बी की ये पहली यात्रा नही थी… लेकिन टाइटेनिक जहाज के करीब ही पनडुब्बी का ऐसा हाल होगा ये किसी ने नहीं सोचा था …..✍️✍️✍️
विनोद कुशवाहा
एडिटर