बिलासपुर।एक दलित युवक की आत्महत्या का मामला सामने आने के बाद से एक बार फिर बिलासपुर पुलिस के दामन में दाग के छीटे पड़ने शुरू हो गए है । बिल्हा पुलिस की प्रताडना से तंग आकर रेल की पटरियों में अपना जीवन खत्म कर देने युवक की मौत के बाद एक बार फिर खाकी को शर्मशार होना पड़ रहा है । दलित युवक की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने बिल्हा थाने का घेराव करते हुए पुलिस अधिकारियों के सामने हो पुलिस प्रशासन के खिलाफ हल्लाबोलते हुए पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए .!
और मौत के लिए आरक्षक रूपलाल चंद्रा और बिल्हा पुलिस को ज़िम्मेदार बताया ..!
वही एक दलित युवक द्वारा पुलिस प्रताड़ना से तंग होकर इस तरह खुदखुशी के मामले ने राजनीति रंग भी लेना शुरू कर दिया है ।
यह कोई पहला मामला नही है जब बिल्हा पुलिस और आरक्षक रूपलाल पर इस तरह से गम्भीर आरोप लगे है । मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी और बिलासपुर रेंज के आईजी एसएसपी के पास भी बिल्हा थाना प्रभारी और आरक्षक के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा पहुच चुका है । मीडिया के माध्यम से भी बिल्हा थाना के चौकाने वाले खुलासे के बाद भी दोषियों पर कार्यवाही नही होने से कांनून व्यवस्था सन्देह के घेरे में रही है ।
बिल्हा थाना हमेशा से अपने कारनामो से चर्चित रहा है । बिल्हा थाना प्रभारी के खिलाफ और कुछ आरक्षकों के खिलाफ गम्भीर शिकायते सत्ता और विभाग के उच्च अधिकारियों से भी की गई थी । कुछ महीनों पहले जितेंद्र कुर्रे का सोशल मीडिया में वायरल हुई वीडियो में भी पीड़ित ने आरक्षक रूपलाल सहित बिल्हा थाने के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाते हुए रेल की पटरी में आत्महत्या करने की धमकी भी थी । पत्रों द्वारा की गई शिकायतों में आरक्षक रूपलाल को बिल्हा थाना प्रभारी का वसूली एजेंट के साथ साथ क्षेत्र में दारू , गांजा , जुआ , सट्टा और कई मामले में साठगांठ के गम्भीर आरोप भी लगे थे ।
बिलासपुर जिले की महिला कप्तान पारुल माथुर ने भी शिकायतों के बाद आरक्षक के बिल्हा थाना से तबादला भी कर दिया । लेकिन कई हफ़्तो तक थाना प्रभारी ने एसएसपी केआदेश की अवेहलना करते हुए आरक्षक को रिलीव नही किया हलाकि बाद में एसएसपी साहिबा ने तबादला आदेश निरस्त कर दिया ।
गौरतलब है कि रेलवे में नोकरी लगवाने के नाम पर कई लोगो से ठगी करने वाले आरोपी रूपेश कुमार को पैसा और गहने लेकर छोड़ने के गम्भीर आरोप एक वकील ने लगाए थे । वरिष्ठ वकील से मिली जानकारी के अनुसार प्रार्थी डोमन सिंह की शिकायत के बाद बिल्हा पुलिस ने रेलवे में नौकरी के नाम पर खरसिया से रूपेश कुमार को 48 घण्टे से भी ज्यादा अपनी हिरासत में रखा था और इस मामले की जानकारी बिलासपुर पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को भी देना मुनासिब नही समझा । सूत्रों की माने तो बिल्हा पुलिस द्वारा खरसिया से पकड़ कर लाये आरोपी रूपेश कुमार और अपने पति को छुड़ाने बिल्हा थाने आई उसकी पत्नी कहा लापता हो गए है ये भी बड़ा गंभीर सवाल है । रेलवे में नॉकरी लगाने के नाम पर आम जनता से लाखों रु ठगने वाले आरोपी फरार हो गए है या किसी साजिश का शिकार ? इस सवाल का जबाब कौन देगा ..?
जबकि बिल्हा पुलिस इस मामले में गम्भीरता से जांच करती तो एक बड़े गिरोह का खुलासा हो सकता था और पुलिस की वर्दी में चार चांद लग सकते थे । उम्मीद है कि पुलिस के ऊच्च अधिकारी इस मामले की गम्भीरता को समझेंगे और खरसिया पुलिस से तालमेल कर इस मामले के खुलासा करेगे । आखिर युवक की आत्महत्या मामले में क्यो उठ रहे पुलिस पर सवाल सुनिये नेताजी जी की जुबानी
पुलिस के ऊपर लगे गम्भीर आरोप से बिलासपुर पुलिस शर्मशार हो रही है और पुलिस पर गम्भीर सवाल खड़े हो रहे है .? यदि समय रहते उच्च अधिकारी गम्भीर शिकातयो पर निष्पक्ष जाँच कर देती तो शायद एक युवक की जान नही जाती .! बडा सवाल यह भी है कि पुलिस अपने विभाग के खिलाफ लगे आरोपों पर कार्यवही क्यो नही करती है .?जब कानून सबके लिए बराबर है तो खाकी के लिए अलग क्यो ..? बडा सवाल यह भी है कि क्या इस मामले में सिर्फ दोषियो को सिर्फ सस्पेंड कर देने या दूसरे थाने में तबादला कर देने से मृतक की आत्मा को शांति मिल जायेगी ..? या फिर पुलिस इस मामले में आम जनता की तरह कांनून के हिसाब से मामला दर्ज कर आरोप सिद्ध होने पर दोषी पुलिसकर्मियों को सलाखों के पीछे भेजेगी ..!