बिलासपुर।सरगांव निवासी युसूफ खान 50 वर्षों से बकरियां पाल रहे हैं जिनका पुत्र 15 सालों से बकरी चराने रोज खाली मैदान में ले जाते हैं रोज की तरह लगभग 50 बकरियों को तीन चरवाहे नेशनल हाईवे रोड से पार करवा रहे थे उसी समय तेज रफ्तार ट्रक ने कुल 19 बकरियों को रौंदते हुए पार कर दिया जिसमें 11 बकरियों की मौके पर ही मौत हो गई वहीं 8 बकरियों को चोट आया है।
जिसमें दो बकरियां की तुरंत इलाज ना होने के कारण हालत गंभीर स्थिति में बताया जा रहा है, साथ ही एक चरवाहे को भी तेज रफ्तार ट्रक ने अपनी चपेट में ले लिया है जिसका प्राथमिक उपचार जारी है सभी बकरियां सरगांव के ही थे जिसको दिनभर चारा चराने खुले मैदान के तरफ ले जाया गया था, रोज की तरह वापस घर 5:00 से 6:00 के बीच लाया जा रहा था, तीन चरवाहे रोड पर खड़ा होकर सभी बकरियों को रोड से पार करवा रहे थे
तभी अचानक एक ट्रक तेज रफ्तार से आते हुए दिखाई दिया जिसका ड्राइवर फोन पर किसी से बात कर रहा था तीनों चरवाहे के चिल्लाने पर भी उसको ध्यान नहीं आया और रोड के किनारे साइड पर बकरियों की झुंड पर गाड़ी चढ़ा दिया साथ ही एक चरवाहे को भी अपने चपेट में ले लिया वहां के कुछ लोगों और चरवाहों के चिल्लाने के बाद भी ट्रक ड्राइवर तेज रफ्तार से भोजपुरी टोल प्लाजा पहुंच गया और टोल पार करने का रसीद भी कटा चुका था
जिसका कुछ लोगों ने पीछा कर भोजपुरी टोल प्लाजा में पकड़ लिया जिसकी सूचना तत्काल सरगांव पुलिस को दिया गया एवं मौके पर से ट्रक ड्राइवर और ट्रक को थाना सरगांव लाकर उनके ऊपर पशु अधिनियम के तहत कार्यवाही किया गया है, खास बात यह है कि शाम लगभग 5:00 से 6:00 के बीच दुर्घटना हुई है जिसकी जानकारी पशु विभाग को तत्काल दे दिया गया था लेकिन पशु विभाग की कोई भी टीम वहां पर घायलों का इलाज करने नहीं पहुंचे जिसे दूसरे दिन सुबह 10:00 से 11:00 के बीच 11 मृत बकरियों का पीएम किया गया एवं घायल 8 बकरियों का निरीक्षण 12:00 बजे के आसपास किया गया, बकरी मालिक से मिली जानकारी के अनुसार पशु विभाग के अधिकारी और कर्मचारी के घोर लापरवाही के चलते तत्काल इलाज नहीं होने से दो बकरियो की स्थिति गंभीर बताया जा रहा है खास बात यह है कि उपस्थित पशु चिकित्सालय के अधिकारी और कर्मचारियों की घोर लापरवाही तब देखा गया की 11 बकरियों का पीएम कर 8 बकरियों का निरीक्षण किया गया लेकिन दूसरे दिन भी देर रात तक घायल बकरियों का किसी भी प्रकार का इलाज नहीं किया गया है इससे साफ-साफ कहा जा सकता है कि पशु चिकित्सालय के अधिकारी एवं कर्मचारियों को बाकी आठ बकरियों के मरने का इंतजार कर रहे हैं, सभी बकरियां उच्च नस्ल के सिरोही, सोजत, गुलाबी एवं जमुनापारी बकरी अधिकतर हादसे का शिकार हुए जिसकी जानकारी पशु विभाग के उपस्थित डॉक्टरों ने बताया है।