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दिल्ली में प्रदूषण पर सख्ती: BS-VI से नीचे निजी वाहनों की एंट्री पर रोक, ‘नो पीयूसी–नो फ्यूल’ नियम लागू



नई दिल्ली। राजधानी की बिगड़ती हवा को सुधारने के लिए दिल्ली सरकार ने गुरुवार से कड़े कदम लागू कर दिए हैं। अब दिल्ली के बाहर पंजीकृत ऐसे निजी वाहनों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, जो BS-VI मानकों पर खरे नहीं उतरते। इसके साथ ही वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) के बिना वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा।

इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। इनके जरिए वाहन नंबर की पहचान कर ली जा रही है और नियमों का उल्लंघन होने पर आवाज़ के माध्यम से अलर्ट भी दिया जा रहा है। परिवहन विभाग की टीमें पेट्रोल पंपों और दिल्ली की सीमाओं पर तैनात की गई हैं, जबकि पुलिस भी सहयोग कर रही है।

हालांकि यह प्रतिबंध CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों, सार्वजनिक परिवहन, आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों और जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले साधनों पर लागू नहीं होगा। वहीं, निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों पर GRAP-IV के तहत पूरी तरह से रोक रहेगी।

दूसरी ओर, दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (DPDA) ने इस व्यवस्था को लागू करने में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों की ओर सरकार का ध्यान दिलाया है। संगठन ने कहा कि वह प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों का समर्थन करता है, लेकिन पेट्रोल पंप किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई करने वाली एजेंसी नहीं हैं। कर्मचारियों द्वारा ईंधन देने से इनकार करने पर विवाद और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है।

एसोसिएशन ने यह भी तर्क दिया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत ईंधन की बिक्री रोकना कानूनी रूप से जटिल है, इसलिए पहले संबंधित नियमों में स्पष्टता लाई जानी चाहिए। DPDA ने ANPR सिस्टम की तकनीकी कमियों, पुराने उत्सर्जन जांच ढांचे और लाइव डेटा डैशबोर्ड की कमी का भी जिक्र किया। संगठन का कहना है कि जब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक यह अभियान पूरी तरह सफल नहीं हो पाएगा।

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