श्री सीमेंट फ़ैक्ट्री के विरोध में उग्र प्रदर्शन,…SP लक्ष्य शर्मा के साथ प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण उलझें ,हुआ लाठीचार्ज.! देखिए exclusive video…


डेस्क खबर ../ सीमेंट फेक्ट्री का विरोध करने पहुँचे ग्रामीणों द्वारा एसपी लक्ष्य शर्मा के साथ जमकर बहस बाजी हुई । जय स्तंभ में जुड़े ग्रामीण जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन की किसी बात से सहमत नजर नहीं आ रहे थे और प्रदर्शन की वजह से तक घंटों तक छुईखदान में चक्का जाम के चलते राजनांदगाव और खैरागढ़ कवर्धा सड़क मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया । इस दौरान ग्रामीणों को समझाइश देने पहुंचे जिले के एसपी से ग्रामीणों की तीखी नोंकझोंक हुई और हालत बिगड़ते देख पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया जिसके चलते स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है ।
खैरागढ़ जिले के छुईखदान ब्लॉक में प्रस्तावित श्री सीमेंट फ़ैक्ट्री को लेकर स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में आज हजारों की संख्या में किसान, महिलाएँ, युवा और बुजुर्ग लामबंद होकर सड़क पर उतर आए और परियोजना का कड़ा विरोध जताया। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने 11 दिसंबर को बुंदेली में होने वाली जनसुनवाई को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। विरोध का पैमाना इतना बड़ा रहा कि एसडीएम कार्यालय के बाहर सुरक्षा की विशेष व्यवस्था करनी पड़ी। बताया जा रहा है कि पंडरिया, भरदागोंड, बुंदेली समेत आसपास के लगभग 38 से 40 गांवों से लगभग 4 सौ ट्रैक्टरों में सवार 30 से 40 हजार ग्रामीण छुईखदान पहुंचे और एसडीएम कार्यालय का घेराव किया।
ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी उपजाऊ जमीन किसी भी कीमत पर बेचने के लिए तैयार नहीं हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि परियोजना के समर्थन में सक्रिय कुछ दलाल उन पर जमीन बेचने के लिए दबाव बना रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान लगातार नारेबाजी होती रही और ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे। लंबे इंतजार के बाद ग्रामीणों ने एसडीएम अविनाश ठाकुर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने के बाद भी भीड़ काफी देर तक वहीं डटी रही और एसडीएम कार्यालय का घेराव जारी रखा। प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर रहा। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया और आसपास के इलाकों में बैरिकेडिंग लगाई गई, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को रोका जा सके। पुलिस ने स्थिति को सामान्य करने के लिए उग्र हो रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज भी किया लेकिन उसके बाद भी ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जनसुनवाई रद्द नहीं होती, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।