

डेस्क खबर बिलासपुर../ बिलासपुर जिले का चकरभाटा थाना क्षेत्र इन दिनों सट्टा कारोबार का नया गढ़ बन चुका है। जहां कभी छोटे स्तर पर चलने वाला यह धंधा अब प्रदेश का सबसे बड़ा सट्टा नेटवर्क बन गया है। सूत्रों के अनुसार, रोजाना यहां लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन होता है। बताया जा रहा है कि पूरा कारोबार थाना स्तर की “सेटिंग” के सहारे संचालित होता है, जिसके कारण सटोरियों पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती। पहले रायपुर और भाटापारा को सट्टा का प्रमुख केंद्र माना जाता था, लेकिन अब धीरे-धीरे कारोबारियों ने चकरभाटा को सट्टा का नया अड्डा बना लिया है। यहां हर वर्ग के खिलाड़ी सक्रिय हैं—छोटे स्तर से लेकर बड़े सटोरियों तक सभी का ठिकाना अब चकरभाटा बन गया है। खास बात यह है कि यहां सट्टा के साथ-साथ अन्य अवैध गतिविधियां भी फल-फूल रही हैं, लेकिन पुलिस की चुप्पी से साफ है कि सब कुछ “सेट” है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि थाना क्षेत्र में सटोरियों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि अब आम नागरिक भी डरते हैं। कई बार शिकायतें होने के बावजूद पुलिस कार्रवाई नहीं करती। बताया जाता है कि थाना कर्मचारियों का भी इस कारोबार में हिस्सा तय है, जिसके बदले में सटोरियों को पूरी छूट मिली हुई है। परिणामस्वरूप, यह कारोबार इलाके में दिन-प्रतिदिन और मजबूत होता जा रहा है। सूत्रों की माने तो सट्टा कारोबारियों ने चकरभाटा को इस तरह केंद्र बिंदु बनाया है कि आसपास के शहरों—रायपुर, भाटापारा, बिल्हा और तखतपुर से लेकर बिलासपुर शहर तक इसका नेटवर्क फैला हुआ है। यहां पट्टी लिखने वाले एजेंट बड़ी संख्या में सक्रिय हैं, जो कमीशन के आधार पर काम करते हैं और अपने मालिकों को प्रतिदिन हजारों-लाखों की कमाई कर मालामाल बनाकर देते हैं।
इसके अलावा क्रिकेट सट्टा भी इस नेटवर्क का एक बड़ा हिस्सा है। हर क्रिकेट मैच के दौरान सटोरिए “बॉल टू बॉल” दांव लगवाते हैं। एक-एक रन, चौका, छक्का, विकेट और ओवर पर पैसा लगाया जाता है। कई लोग रातोंरात लाखों रुपये जीत या हार जाते हैं, लेकिन इस पर भी कोई नियंत्रण नहीं।
चकरभाटा का यह सट्टा नेटवर्क अब खुलेआम और निडर होकर चल रहा है। पुलिस की निष्क्रियता और कथित संरक्षण के चलते सटोरियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब यह इलाका प्रदेश का “सट्टा हब” बन चुका है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पुलिस की आंखों के सामने यह अवैध कारोबार कब तक चलता रहेगा और कौन लेगा इस अपराध के फैलाव की जवाबदेही?