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24 घंटों में बिलासपुर पुलिस ने किया मस्तूरी गोलीकांड का खुलासा.! युवा नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई से दहला बिलासपुर !!  सात आरोपी हथियारों सहित गिरफ्तार । सिविल लाइन का विवाद बना मुख्य वजह .??



डेस्क खबर बिलासपुर। बिलासपुर जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र में हुए सनसनीखेज गोलीकांड का पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है । इस वारदात के पीछे कांग्रेस से जुड़े युवक निष्कासित नेता विश्वजीत अनंत का नाम सामने आया है, जिसने जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह और उनके साथियों पर हमला करवाने की साजिश रची थी। घटना के पीछे की वजह राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई और जमीन के कारोबार से जुड़ा पुराना विवाद बताया जा रहा है।

एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देशन में एडिशनल एसपी अर्चना झा और अनुज कुमार के नेतृत्व में गठित छह विशेष टीमों ने लगातार जांच कर सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से देशी पिस्टल, कट्टा, मैगजीन, जिंदा कारतूस, खाली खोखे और मोबाइल फोन बरामद किए हैं।


राजनीतिक रंजिश ने ली गोलीकांड की शक्ल
पुलिस जांच में सामने आया है कि कांग्रेस के दो गुटों के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। युवक कांग्रेस नेता विश्वजीत अनंत और जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह के बीच विवाद की शुरुआत करीब दो साल पहले कांग्रेस भवन, बिलासपुर में हुई थी, जब दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद मैग्नेटो मॉल के सामने दोनों पक्षों में हिंसक मारपीट हुई थी, जिसमें विश्वजीत ने नितेश सिंह के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था। उस मामले में नितेश सिंह और उनके साथी जेल भी गए थे। जमानत पर रिहा होने के बाद से ही विश्वजीत अनंत अपने प्रतिद्वंदी नितेश सिंह से खुन्नस रखे हुए था। इसी रंजिश को निपटाने और मस्तूरी क्षेत्र में अपना राजनीतिक दबदबा स्थापित करने के लिए उसने अपने भाई और अन्य साथियों के साथ षड्यंत्र रचा।

28 अक्टूबर को अंजाम दी गई वारदात, पहले 25 को था प्लान

पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी पहले 25 अक्टूबर को ही वारदात को अंजाम देने की योजना बना चुके थे, लेकिन किसी कारणवश योजना फेल हो गई। इसके बाद 28 अक्टूबर की शाम करीब 6 बजे आरोपी दो मोटरसाइकिलों में सवार होकर मस्तूरी जनपद कार्यालय के पास पहुंचे, जहां नितेश सिंह अपने साथियों के साथ बैठे थे।

हमलावरों ने तिवारी होटल के सामने बाइक रोककर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। गवाहों के अनुसार करीब 12 से 15 राउंड गोलियां चलाई गईं। शुरुआत में लोगों को लगा कि पटाखे फूट रहे हैं, लेकिन जब गोली राजू सिंह के पैर और चंद्रकांत सिंह के हाथ में लगी, तब सभी समझ गए कि यह हमला है।

हमलावरों के निशाने पर सीधे नितेश सिंह थे, लेकिन मौके पर खड़ी कार की वजह से उनकी गोली लगने से बच गई। मौके पर मौजूद लोगों ने कुर्सियां फेंककर हमलावरों पर पलटवार किया। इसी बीच नितेश सिंह ने खुद अपने ऑफिस के अंदर रखी लाइसेंसी पिस्टल निकाली और जवाबी फायरिंग की। पलटवार होते देख हमलावर बाइक स्टार्ट कर बिलासपुर की ओर भाग गए।

घटना के बाद पुलिस की त्वरित कार्रवाई

गोलीकांड की सूचना मिलते ही एसएसपी रजनेश सिंह, एडिशनल एसपी अर्चना झा, एफएसएल टीम और पुलिस बल मौके पर पहुंचा। घटनास्थल से 13 खाली खोखे, 10 बुलेट, और अन्य सबूत बरामद किए गए। चारों तरफ नाकेबंदी कर दी गई और टीमों ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए।

करीब 100 से अधिक फुटेज की जांच में पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए आरोपियों की पहचान की। सभी आरोपी कुछ ही घंटों में धर दबोचे गए। पुलिस ने बताया कि तारकेश्वर पाटले ने विश्वजीत अनंत को एक लाख रुपये दिए थे, जिसे उसने अन्य आरोपियों में बांटा था। इस वित्तीय लेनदेन ने साजिश की पुष्टि कर दी।


पुलिस जांच में सामने आया है कि कांग्रेस के दो गुटों के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। युवक कांग्रेस नेता विश्वजीत अनंत और जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह के बीच विवाद की शुरुआत करीब दो साल पहले कांग्रेस भवन, बिलासपुर में हुई थी, जब दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद मैग्नेटो मॉल के सामने दोनों पक्षों में हिंसक मारपीट हुई थी, जिसमें विश्वजीत ने नितेश सिंह के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था। उस मामले में नितेश सिंह और उनके साथी जेल भी गए थे। जमानत पर रिहा होने के बाद से ही विश्वजीत अनंत अपने प्रतिद्वंदी नितेश सिंह से खुन्नस रखे हुए था। इसी रंजिश को निपटाने और मस्तूरी क्षेत्र में अपना राजनीतिक दबदबा स्थापित करने के लिए उसने अपने भाई और अन्य साथियों के साथ षड्यंत्र रचा।



28 अक्टूबर को अंजाम दी गई वारदात, पहले 25 को था प्लान

पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी पहले 25 अक्टूबर को ही वारदात को अंजाम देने की योजना बना चुके थे, लेकिन किसी कारणवश योजना फेल हो गई। इसके बाद 28 अक्टूबर की शाम करीब 6 बजे आरोपी दो मोटरसाइकिलों में सवार होकर मस्तूरी जनपद कार्यालय के पास पहुंचे, जहां नितेश सिंह अपने साथियों के साथ बैठे थे।

हमलावरों ने तिवारी होटल के सामने बाइक रोककर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। गवाहों के अनुसार करीब 12 से 15 राउंड गोलियां चलाई गईं। शुरुआत में लोगों को लगा कि पटाखे फूट रहे हैं, लेकिन जब गोली राजू सिंह के पैर और चंद्रकांत सिंह के हाथ में लगी, तब सभी समझ गए कि यह हमला है।


हमलावरों के निशाने पर सीधे नितेश सिंह थे, लेकिन मौके पर खड़ी कार की वजह से उनकी गोली लगने से बच गई। मौके पर मौजूद लोगों ने कुर्सियां फेंककर हमलावरों पर पलटवार किया। इसी बीच नितेश सिंह ने खुद अपने ऑफिस के अंदर रखी लाइसेंसी पिस्टल निकाली और जवाबी फायरिंग की। पलटवार होते देख हमलावर बाइक स्टार्ट कर बिलासपुर की ओर भाग गए।

घटना के बाद पुलिस की त्वरित कार्रवाई

गोलीकांड की सूचना मिलते ही एसएसपी रजनेश सिंह, एडिशनल एसपी अर्चना झा, एफएसएल टीम और पुलिस बल मौके पर पहुंचा। घटनास्थल से 13 खाली खोखे, 10 बुलेट, और अन्य सबूत बरामद किए गए। चारों तरफ नाकेबंदी कर दी गई और टीमों ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए।

करीब 100 से अधिक फुटेज की जांच में पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए आरोपियों की पहचान की। सभी आरोपी कुछ ही घंटों में धर दबोचे गए। पुलिस ने बताया कि तारकेश्वर पाटले ने विश्वजीत अनंत को एक लाख रुपये दिए थे, जिसे उसने अन्य आरोपियों में बांटा था। इस वित्तीय लेनदेन ने साजिश की पुष्टि कर दी।



गिरफ्तार आरोपी और बरामद हथियार

पुलिस ने जिन सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें शामिल हैं —

1. विश्वजीत अनंत (29 वर्ष), ग्राम मोहतरा


2. अरमान उर्फ बलमजीत अनंत (29 वर्ष), ग्राम मोहतरा


3. चाहत उर्फ विक्रमजीत अनंत (19 वर्ष), ग्राम मोहतरा


4. मोहम्मद मुस्तकीम उर्फ नफीस (29 वर्ष), भारतीय नगर, सिविल लाइन


5. मोहम्मद मतीन उर्फ मोंटू (22 वर्ष), अटल आवास, कोनी
6-7. दो विधि से संघर्षरत किशोर



इनसे 2 देशी पिस्टल, 1 कट्टा, 5 मैगजीन, 4 जिंदा कारतूस, 13 खाली खोखे, 10 बुलेट और 5 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं।

घायल अब भी अस्पताल में भर्ती

हमले में घायल राजू सिंह और चंद्रकांत सिंह को पहले मस्तूरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद अपोलो अस्पताल रेफर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार दोनों की हालत स्थिर है और पुलिस उनके बयान भी दर्ज करने की तैयारी कर रही है।

मामले में दर्ज अपराध और जांच जारी

थाना मस्तूरी में आरोपियों के खिलाफ अपराध क्र. 736/25 धारा 109, 3(5) बी.एन.एस. और 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या किसी और ने आर्थिक या राजनीतिक रूप से इस षड्यंत्र में सहयोग किया था।



राजनीतिक माहौल गरमाया

इस खुलासे के बाद जिले का राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। एक ही पार्टी के दो गुटों में इस तरह की हिंसक टकराहट ने कांग्रेस नेतृत्व को भी असहज स्थिति में डाल दिया है। स्थानीय स्तर पर यह चर्चा तेज है कि युवा नेताओं के बीच वर्चस्व की यह जंग आगे और बड़े विवाद का रूप न ले ले।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मस्तूरी क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। एसएसपी रजनेश सिंह ने स्पष्ट कहा है कि “कानून से ऊपर कोई नहीं, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से क्यों न जुड़ा हो।”

इस पूरे मामले ने न केवल बिलासपुर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल मचा दी है।

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