बिलासपुर

ताकि तबाह ना हो हसदेव अरण्य और बची रहे जल-जंगल और जमीन…..

बिलासपुर।हसदेव नदी,जल-जंगल व पर्यावरण को बचाने को लेकर बीते 2 अक्टूबर से चल रही विशाल पदयात्रा की मुहिम अब बिलासपुर जिला पहुंच चुकी है ।

यह पदयात्रा दस दिनों तक 300 किलोमीटर पैदल चलते हुए 13 अक्टूबर को रायपुर पहुंचेगी ।
हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति का कहना है कि यह बहुत दुखद है कि आदिवासी हितों का खुद को रक्षक बताने वाली पार्टी, संवैधानिक अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास करने वाली राजनीतिक दल के सत्ता में होने के बावजूद भी हमें अपने अधिकारों की रक्षा के लिए पदयात्रा निकालनी पड़ रही है । अडानी को जिस प्रकार मोदी सरकार देश के तमाम संसाधनों को सौंपने की कोशिश कर रही है उस प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ सरकार भी अपनी पूर्ण सहभागिता निभा रही है ।
हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति की पमुख मांगें…

• हसदेव अरण्य क्षेत्र की समस्त कोयला खनन परियोजना निरस्त की जाय ।
• बिना ग्रामसभा सहमति के हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल बेयरिंग एक्ट 1957 के तहत किए गए सभी भूमि अधिग्रहण को तत्काल निरस्त किया जाय ।
• पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में किसी भी कानून से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के पूर्व ग्रामसभा से अनिवार्य सहमति के प्रावधान को लागू किया जाय ।
• परसा कोल ब्लाक के लिए फर्जी प्रस्ताव बनाकर हासिल की गई वन स्वीकृति को तत्काल निरस्त किया जाय। ग्रामसभा का फर्जी प्रस्ताव बनाने वाले अधिकारी और कम्पनी पर FIR दर्ज हो ।
• घाट्बर्रा के निरस्त सामुदायिक वनाधिकार को बहाल करते हुए सभी गाँव में सामुदायिक वन संसाधन और व्यक्तिगत वन अधिकारों को मान्य माना जाय ।
• पेसा कानून 1996 का पालन हो ।

पदयात्रा आगामी 13 अक्टूबर को रायपुर पहुंचेगी और अपनी विभिन्न मागों को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के समक्ष रखेगी ।

error: Content is protected !!