

डेस्क खबर बिलासपुर…/ बिलासपुर के सबसे व्यस्तम माने जाने वाले नेहरू चौक के आसपास अतिक्रमण और यातायात जाम की समस्या को लेकर पुलिस और नगर निगम की गरीब ठेलो वालो पर की गई संयुक्त कार्रवाई चर्चा का विषय बन गई है। सोमवार को बिलासपुर पुलिस और यातायात विभाग ने सड़क किनारे लगने वाले फल, चाय और चाट ठेलों पर कार्रवाई करते हुए कई ठेले और सामान जब्त किए। प्रशासन का दावा है कि लगातार समझाइश देने के बावजूद ठेलेवाले नियमों का पालन नहीं कर रहे थे, जिससे नेहरू चौक क्षेत्र में बार-बार ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही थी।और लोगों को आवाजाही पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है ।
लेकिन कार्रवाई के बाद एक नई सनसनीखेज़ शिकायत सामने आई है। कई ठेलेवालों ने कैमरे के सामने यातयात विभाग के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए है । गरीब फल विक्रेताओं का आरोप है कि उनके जब्त सामनों का न तो पंचनामा किया ना ही उन्हें सही तरीके से निगम की गाड़ियों में बेरहमी से लाद दिया गया .. गरीबों का आरोप है कि लगायाजब्त किए गए फलों को निगम की गाड़ी में रखने के बजाय कुछ पुलिसकर्मी थैलियों में भरकर उन्हें यातायात विभाग की गाड़ी में लेकर अपने साथ ले गए। यह आरोप पुलिस की निष्पक्षता और कार्रवाई की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है।


हमारी टीम ने जब मौके पर पहुंचकर यातायात विभाग की गाड़ी का जायज़ा लिया, तो उसमें फलों से भरी थैलियां और कुछ अन्य सामग्री की तस्वीरें कैमरे में कैद हो गई जो कि यातायात विभाग की गाड़ी के अंदर काली थैलियों में रखी हुई थी जिससे ठेलेवालों की शिकायतों को बल मिला। इस मामले में जब मीडिया ने यातायात विभाग के एक सहायक सब इंस्पेक्टर से इन गंभीर आरोपों पर प्रतिक्रिया लेनी चाही, तो उन्होंने कोई जवाब देना उचित नहीं समझा और मजाकिया अंदाज पर हा यह फल गरीब ठेलेवालों का ही है जिसे हमने अपनी गाड़ी में रख लिया है कह कर टाल दिया ।

अब देखने वाली बात होगी कि गरीबों पर की गई जब्ती की कार्यवाही के बाद सामने आई तस्वीरों और गरीब ठेला संचालकों द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद जिला प्रशासन और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी क्या रुख अपनाते हैं। गरीब ठेलेवालों के आरोप अगर सही साबित होते हैं, तो यह न केवल खाकी की छवि को धूमिल करेगा, बल्कि आम लोगों के बीच शर्मिंदा भी करेगा और जनता के बीच न्याय और जवाबदेही को लेकर गरीबों पर की कई कार्यवाही पर भी गंभीर सवाल खड़े करेगा..?? वहीं इस मामले में निगम दस्ते के कर्मचारियों ने पूरे कार्यवाही को पुलिस की कार्यवाही बता के अपना पल्ला झाड़ लिया । वहीं आरोप लगाने वाले गरीब दुकानदार भी आरोप लगाने के बाद भय में दबी जुबान में यह कहते नजर आए कि मीडिया के सामने सच कहने के कारण जब्त समानों को खराब कर उनका आर्थिक नुकसान कर दिया जायेगा उन्हें बलि का बकरा बना दिया जाए क्योंकि वे गरीब है और गाड़ियों में फल रखने वाले अधिकारी सरकारी कर्मचारी ..??

