

डेस्क खबर ../ बिलासपुर नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के चलते और सत्ता के अनदेखी के चलते व्यापार विहार की 26 करोड़ की स्मार्ट रोड अब कुछ लोगों के लिए “स्मार्ट” सच में हो गई है — क्योंकि यहाँ सड़क जनता की नहीं, बल्कि कुछ लोगों के लिए खास हो गई है । कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त में जानकारी दी कि बिलासपुर मेयर पूजा विधानी के करीबी होटल संचालक सुमित विधानी के द्वारा होटल आनंदा के लिए स्पेशल एंट्री के लिए इस डिवाइडर को साजिश के तहत तोड़ा गया है । मेयर के करीबी होटल संचालक सुमित विधानी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इस मामले में संबंधित विभाग से बात करने की बात कही । होटल संचालक ने कहा कि इस डिवाइडर को परमिशन के तहत तोड़ा गया है या किसी की शरारत है उसके लिए होटल के बाहर लगे सीसीटीवी से मदद मिल सकती है ।
फिलहाल इन आरोपों पर शहर में चर्चा है कि नगर निगम, जिसे जनता के पैसे से ये सड़क बनानी थी, अब उन्हीं की जेब से निकले टैक्स से “VIP रास्ते” तैयार करवा रहा है। निगम अधिकारी मौन हैं, आयुक्त सफाई दे रहे हैं, और पुलिस एनओसी दे रही है — यानी सिस्टम पूरा “आनंद” में है।
सोचिए, अगर कल को हर नागरिक अपने घर या दुकान के सामने इसी तरह डिवाइडर तोड़ दे तो शहर नहीं, मलबा बन जाएगा। लेकिन जब नियम तोड़ने वाला “संबंधित” हो, तो कानून भी आंख मूंद लेता है।

कहते हैं, स्मार्ट सिटी का सपना था – “सड़कें चमकेंगी, व्यवस्था सुधरेगी।” लेकिन यहां तो व्यवस्था ही संदेह के घेरे में है । सवाल ये नहीं कि डिवाइडर टूटा — सवाल ये है कि “किस हिम्मत से टूटा?” और “किसकी अनुमति से?”
जनता अब पूछ रही है — क्या ये नगर निगम है या निजी प्रॉपर्टी डिवेलपमेंट कंपनी? क्या यही है वो स्मार्ट सिटी जहाँ नेता और उनके करीबी नियमों को रबर की तरह खींच-तानकर अपनी सुविधा के हिसाब से ढाल लेते हैं?

अंत में बस एक बात:
अगर ये ‘स्मार्ट सिटी’ है, तो जनता बेवकूफ़ नहीं, बस बेहद ‘सहनशील’ है। क्योंकि वो अब भी देख रही है — कानून साइड में खड़ा है और सत्ता “आनंद” में मग्न है। अब देखना होगा कि इस मामले को निगम आयुक्त कितनी गंभीरता से लेते है और मामले की जांच में क्या सच निकल कर सामने आता है । पूरे मामले पर नगर निगम के सभापति विनोद सोनी ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यह जानबूझकर किया गया कृत्य प्रतीत होता है। प्रशासन को मामले की सख्त जांच कर दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। कुछ मीडिया में प्रसारित खबरों के अनुसार इस डिवाइडर को तोड़ने में कई हरे भरे पेड़ों की भी बलि दे दी गई और साथ ही डिवाइडर में लगी आयरन रेलिंग तक उखाड़ तक ले गए ।