पार्ट– 22: राशन घोटाला : आ गया चावल तस्करो और कालाबाजरियो का त्यौहार , क्या फिर मिलेगा चावल चोरों को विभागीय और राजनैतिक संरक्षण ..?? प्रदेश सचिव ऋषि उपाध्याय राशन के बदले नगद पैसा देते पुत्र सहित कैमरे में हुआ था कैद .।
खाद्य विभाग की जांच में पुष्टि ! पति ऋषि उपाध्याय पत्नी सत्यशीला उपाध्याय और सचिव पुष्पा दीक्षित ने किया दंडनीय अपराध .!!


डेस्क खबर बिलासपुर./ केंद्र सरकार द्वारा देश की गरीब जनता को मुफ्त में राशन देने की योजना की आड में प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर में सरकारी चावल की खुलेआम जमकर कालाबाजारी और तस्करी की जा रही है । तीन महीने के एक साथ राशन देने की योजना के बाद अगस्त महीने में है चावल के उठाव में भारी गिरावट देखने को भी मिली जबकि जिले में एपीएल कार्डधारियों को अगस्त महीने का राशन उपलब्ध भी नहीं हो पाया था। वहीं सितम्बर महीने का सरकारी राशन दुकानों में पहुंचते ही जिले में चावल की हेरा फेरी और कालाबाजारी करने वाले दुकान संचालकों की बांछे खिल उठी हुई है। खाद्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और साठगांठ के चलते अब यह कालाबाजारी दुकानदार गरीब के निवाला पर डाका डालने के लिए संगठित होकर सक्रिय हो गए है । गौरतलब है कि हम लगातार इन चावल तस्करो और कालाबाजारियों के खिलाफ मुहिम चला रहे है और इस मुहिम को रोकने के लिए तमाम तरह के प्रलोभन भी आ रहे है सरकारी चावल तस्करो के मुखबिरों से मिली सूचना के अनुसार लगातार सीरीज चलने से कालाबाजारियों में हड़कंप मचा हुआ है और वे नए नए तरीके खोज रहे है । सूत्रों की माने तो इन कालाबाजारियों को खाद्य विभाग और पुलिस विभाग सहित राजनैतिक संरक्षण भी मिला हुआ है जिसके चलते सितम्बर माह में भी सरकारी राशन की हेराफेरी और कालाबाजारी की जुगत में संगठित होकर चावल चोर गिरोह सक्रिय हो गया है । जिनपर मीडिया की पैनी नजर रहेगी ।
गौरतलब है चावल विक्रेता संघ के का प्रदेश सचिव ऋषि उपाध्याय और उसका पुत्र वैभव महिला समिति के नाम पर संचालित उचित मूल्य की दुकान में पुरुष हमाल के साथ कैमरे में कैद हो चुका है । इतना ही नहीं बिलासपुर शहर विक्रेता संघ अध्यक्ष ऋषि उसकी पत्नी सत्यशीला उपाध्याय और सचिव पुष्पा दीक्षित के कृत्य को तत्कालीन खाद्य अनुराज भदौरिया के नेतृत्व में सहायक खाद्य अधिकारी अजय मौर्य और निरीक्षक श्याम वस्त्रकार की जांच टीम ने दंडनीय अपराध मानते हुए इनके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत मामला दर्ज करने की बिलासपुर कलेक्टर से अपने प्रतिवेदन में अनुशंसा भी की थी । लेकिन तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण द्वारा सरकारी राशन में हेराफेरी करने वाले कालाबाजारियों और दुकान संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश के बाद भी खाद्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल महीनों पहले तैयार जांच प्रतिवेदन के आधार पर अब तक सरकारी राशन में हेराफेरी करने के पुख्ता प्रमाण होने के बाद भी अब तक कालाबाजरियो के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करवा पा रहे है .??

विभागीय सूत्रों की माने तो ऋषि उपाध्याय ने खाद्य विभाग द्वारा अपनी दुकान के निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी और अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत के कारण चावल के बदले नगद पैसा देते हुए कैमरे में कैद हुए ऋषि उपाध्याय द्वारा संचालित जय महालक्ष्मी महिला सहायता समूह का निलबंन रद्द कर दिया गया है ।विभागीय सूत्रों की माने तो खाद्य विभाग ने कोर्ट के सामने याचिकाकर्ता के खिलाफ अपनी जांच रिपोर्ट (जिस आधार पर दुकान का निलबंन किया गया था) उस जांच रिपोर्ट के अनुसार मौके पर लिए गए बयान , पंचनामा और स्टॉक की जांच के बाद की दुकान से चावल, शक्कर और नमक की में हेराफेरी और गड़बड़ी पाए जाने की जांच रिपोर्ट पेश नहीं की है जिसके फायदा याचिकाकर्ता को मिला सूत्र दावा करते है कोर्ट ने इस प्रकरण में जांच कर रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने की बात भी अपने आदेश में लिखी है । अब देखना होगा विभाग द्वारा दुकान के खिलाफ की गई जांच रिपोर्ट कब तक कोर्ट के सामने पेश कर एक बार फिर दुकान निलंबित की जाती है और कब जिम्मेदार अधिकारी जांच प्रतिवेदन के आधार पर बिलासपुर कलेक्टर से अनुशंसा करवा कर जय महालक्ष्मी महिला समूह के अध्यक्ष , सचिव और निज सहायक के खिलाफ कब तक सिविल लाइन में अपराध दर्ज करवा पाते है ..??


विभागीय सूत्रों से मिले दस्तावेजों और जानकारी के अनुसार चावल विक्रेता संघ का अध्यक्ष ऋषि उपाध्याय बीजेपी का कार्यकर्ता है और अधिकारियों पर राजनैतिक दबाव बना कर मामले को दबा के रखा हुआ है जिसके चलते सरकार की साख और गरीबों का हक दोनों दांव पर लगा है और सरकार की छबि धूमिल हो रही है । अब देखना होगा कि बिलासपुर कलेक्टर कितनी जल्दी इस मामले को गंभीरता से लेते और कब तक खाद्य विभाग द्वारा की जांच प्रतिवेदन के आधार पर अनुशंसा कर सरकारी चावल दुकान में दंडनीय अपराध करने वालो के खिलाफ कब तक मामला दर्ज करवा पाते है ।