

डेस्क खबर बिलासपुर../ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट और कलेक्टर के रेत चोरो के खिलाफ सख्त कार्यवाही के आदेश देने के बाद भी बिलासपुर जिले मे रेत चोरो का आतंक थमने का नाम नही ले रहा है। कोटा मे कुछ दिनों पहले गोली चलने की घटना के बाद अब कोटा क्षेत्र से ही रेत घाटों में अवैध वसूली और दबंगई के वीडियो सामने आ रहे हैं। लमेर और रतखंडी स्थित रेत घाटों में हथियारों और लाठियों से लैस लोगों द्वारा खुलेआम वसूली की जा रही है। इंटरनेट मीडिया पर वायरल एक वीडियो में रतखंडी घाट पर वसूली की का काला सच सामने आया है , जहां लोगों को अवैध रेत के लिए प्रति ट्रैक्टर 100 रुपये निजी ज़मीन मालिक को देने को कहा जा रहा है।
वीडियो में रेत घाट पर मौजूद व्यक्ति यह कहता सुना जा रहा है कि किसी भी समस्या पर सरपंच और “यासीन” का नाम लेना, जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है की रसुखदारो का इन बदमाशो को संरक्षण मिला हुआ है और तमाम दावो के बाद भी जिला प्रशासन , खनिज विभाग और पुलिस विभाग भी इस पर लगाम नही लगा पा रहा है जिसके चलते कोटा और कोनी थाना क्षेत्र में अरपा नदी से अवैध रेत खनन बदस्तूर जारी है। स्वीकृत घाटों में भी भारी मशीनों से रेत निकाली जा रही है और अवैध घाटों में रात के समय मशीनें उतारी जा रही हैं। कई बार विवाद और मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।

पचपेड़ी क्षेत्र से भी दबंगई की खबर है। गोडाडीह निवासी रूपचंद राय ने शिकायत की है कि लोहर्सी के सरपंच अनिल साहू ने उन्हें 7 मई को भिलौनी रेत घाट बुलाया और वहां जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने सरपंच के खिलाफ मामला दर्ज किया, लेकिन भिलौनी घाट से प्रतिदिन 50 से अधिक ट्रैक्टर और हाईवा से रेत की आपूर्ति बदस्तूर जारी है।

इधर कोटा के पंडरापथरा में मोहम्मद फारुख नामक बुजुर्ग के साथ रेत माफिया ने मारपीट की। आरोप है कि उनकी निजी जमीन से रेत निकाल रहे युवकों ने विरोध पर बेलचा से हमला कर दिया और जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित ने कोटा थाने में शिकायत की है। लमेर घाट में गोलीकांड के बाद चार आरोपी गिरफ्तार हुए, लेकिन चर्चा है कि घाट का संचालन भाजपा नेता के रिश्तेदार द्वारा किया जा रहा है। यही वजह है कि पुलिस और प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई से बच रहे हैं। केवल ट्रैक्टर चालकों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति की जा रही है। गौरतलब है की प्रति टैक्टर और हाइवा के हिसाब से महिना की वसूली हो रही है जिसकी जानकारी जिले मे बैठे उच्च अधिकारियों को भी है लेकिन इन रेत चोरो के आगे पुरा अमला नतमस्तक नजर आ रहा है।

