

डेस्क खबर…/ बिलासपुर– छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रदेशभर में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को मुफ्त व सस्ती दरों पर चावल और अन्य खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन इन योजनाओं का लाभ असली हितग्राहियों तक पहुंचाने के बजाय कुछ राशन दुकान संचालक इस पर जमकर अफरा-तफरी मचा रहे हैं। खुलेआम दुकानदार सरकारी चावल के बदले हितगृहियों को राशन के बदले नगद भुगतान कर सरकारी राशन को खरीद रहे है। अधिकारियों के संरक्षण और मामले मे दुकान संचालको के खिलाफ सख्त कार्यवाही नही होने से मुफ्त और सस्ता चावल बाजार मे महंगे दामो मे बिक रहा है। नया वीडियो सामने आया है जो की कुदुदंड स्थित शासकीय उचित मूल्य दुकान का है जिसमें दुकान संचालक एक हितग्राही को चावल की जगह पैसा देते हुए मोबाइल कैमरे में कैद हो गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने विभागीय कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बिलासपुर समेत पूरे प्रदेश में इन दिनों शासकीय उचित मूल्य दुकानों का भौतिक सत्यापन कार्य किया जा रहा है। एक माह पूर्व ही संचालकों को इसकी सूचना दे दी गई थी, जिसके चलते उन्होंने रिकॉर्ड में गड़बड़ियों को छिपाने की तैयारी शुरू कर दी थी। इस बीच कई संचालक जांच के नाम पर हितग्राहियों को खाद्यान्न देने की बजाय सीधे पैसे थमाते नजर आ रहे हैं, जिससे कालाबाजारी की आशंका और गहराती जा रही है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों को इस तरह की गड़बड़ियों की जानकारी होने के बावजूद अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। यही वजह है कि संचालकों के हौसले बुलंद हैं और वे खुलेआम सरकारी योजना के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।लगातार सामने आ रही ऐसी शिकायतों और वीडियो के बावजूद विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे उनकी भूमिका पर भी संदेह गहराता जा रहा है।


