बिलासपुर

पार्ट –1   रसूखदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई न होने से उठे सवाल..!
किसके संरक्षण मे खेला जा रहा है गेमनानी को बचाने का गेम..!

बिलासपुर– छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार के एक वर्ष पूरे होने के बाद प्रदेश भर में सुशासन और विकास के वादे को लेकर उत्सव मनाया जा रहा है। हालांकि, सत्ता में आते समय भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और अफसरशाही के खिलाफ मोर्चा खोला था, लेकिन एक साल बाद भी वही अफसरशाही सत्ता में बनी हुई है। यह मामला बिलासपुर के एक शासकीय दफ्तर से जुड़ा है, जहां एक अधिकारी, जो कांग्रेस शासन काल में प्रतिनियुक्ति पर आया था, आज भी अपनी ताकत के साथ विभाग में जमे हुए हैं।

इस अधिकारी का नाम मयूर गेमनानी है, जो टी.एन.सी. विभाग में वरिष्ठ योजना सहायक के पद पर कार्यरत हैं। मयूर गेमनानी का मूल विभाग जिला पंचायत है, और उन्हें 2018 में टी.एन.सी. विभाग में दो साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था। हालांकि, आज तक वह उसी विभाग में बने हुए हैं। उनके खिलाफ सैकड़ों शिकायतें आई हैं, जिनमें विभागीय अनियमितताओं और अनुशासनहीनता के आरोप हैं। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे सवाल खड़े हो रहे है..?


साल 2020 में उनके खिलाफ पुख्ता dastaकी शिकायतों के आधार पर एक जांच समिति का गठन किया गया था, जिसने उन्हें विभागीय अनियमितताओं और अनुशासनहीनता का दोषी पाया था। जांच रिपोर्ट के बाद समिति ने आदेश दिया था कि मयूर गेमनानी को तत्काल अपने मूल विभाग जिला पंचायत में भेज दिया जाए, लेकिन आज तक यह आदेश लागू नहीं हो सका है। इसके बजाय, सन 2024 में अरपा साडा विभाग के प्रभार का जिम्मा भी मयूर गेमनानी को सौंप दिया गया।

इससे भी गंभीर बात यह है कि मयूर गेमनानी को अरपा साडा विभाग का प्रभार देने के लिए नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से अनुमति की आवश्यकता थी, जो उन्हें प्राप्त नहीं हुई। बावजूद इसके, भानुप्रताप पटेल, प्रभारी संयुक्त संचालक के द्वारा मयूर गेमनानी को गलत तरीके से अरपा साडा विभाग का प्रभार सौंपा गया।

इन सभी घटनाओं को देखते हुए यह सवाल उठता है कि आखिर मयूर गेमनानी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। क्या यह सब किसी बड़े सरंक्षण में हो रहा है? क्या सत्ता में बैठे लोग इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, या फिर यह भ्रष्टाचार और अफसरशाही के खेल का हिस्सा है?

अब यह देखना होगा कि भाजपा सरकार इस अधिकारी के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाती है या इस मामले को यूं ही ठंडे बस्ते में डाल देती है। क्या मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनके नेतृत्व में यह मामला सुलझेगा, या भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी को खुली छूट दी जाएगी?
कैसे कांग्रेस शासन मे नियमतीकरण मे 300 करोड़ के घोटालो मे गेमनानी ने निभाई एजेंट की भूमिका..?
मोदी का चर्चित मामले का खुलासा अगले अंक मे

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