बिलासपुर

पिछले कुछ सालों में शहर में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं – कलेक्टर अवनीश शरण.! बिलासपुर की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हुई मजबूत , प्रेस क्लब में पत्रकारों से हुए रूबरू .!

बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण ने कहा कि पिछले कुछ सालों में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं । बिलासपुर की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान लगातार मजबूत हो रही है और बिलासपुर को अपनी उपलब्धियो के चलते एक के बाद एक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो रहे हैं । पिछले 10-12 सालों में बिलासपुर का काफी विस्तार हुआ है। जो क्षेत्र पहले ग्रामीण माने जाते थे, उन्हें भी नगर निगम में शामिल किया गया है। वर्तमान में 70 वार्ड और 10 जोन है। एक ही शहर होने के बावजूद शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की अपनी-अपनी पृथक समस्याएं हैं।

प्रेस क्लब के पहुना कार्यक्रम में कलेक्टर अवनीश शरण ने कहा कि शहर में जहां ट्रैफिक अव्यवस्था को वे सबसे बड़ी कमजोरी मानते हैं तो वही शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में आज भी बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं हो पाई है। पिछले कुछ सालों में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं । बाईपास सड़कों से यातायात व्यवस्था मजबूत हुई है , लेकिन शहरी यातायात को बेहतर करने के लिए रिंग रोड की आवश्यकता पर उनका जोर है । वे इसे भविष्य की मांग मानते हैं। कलेक्टर अवनीश शरण ने बताया कि यह बिलासपुर का सौभाग्य है कि यह राज्य के केंद्र में है और रेल ,हवाई एवं सड़क मार्ग से हर तरफ से जुड़ा हुआ है। इसलिए बिलासपुर को अनदेखा नहीं किया जा सकता। उनका मानना है कि बिलासपुर तेजी से एजुकेशन हब भी बनता जा रहा है और यहां के विद्यार्थियों में भी पूरी क्षमता है, जिन्हें प्रशासनिक मदद की आवश्यकता है, जिसके बाद यहां से भी बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारी निकल सकते हैं ।

उनका मानना है कि बिलासपुर शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर चिंतित पुलिस और प्रशासन अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन कर रहा है लेकिन इसी के साथ आम लोगों में भी जागरूकता की आवश्यकता है। लोगों में सिविक सेंस की कमी की बात कहते हुए उन्होंने बताया कि आम लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं । आईटीएमएस से भी काफी बदलाव आया है। एक तरफ ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ जुर्माने की कार्यवाही की जा रही है तो वही बैठक और अन्य आयोजन कर आम लोगों में जागरूकता पैदा करने की कोशिश भी जारी है। ट्रैफिक समस्या के अलावा बिलासपुर में पेयजल संकट पर भी काफी हद तक काबू पाने का उन्होंने दावा किया। उनका मानना है कि अमृत मिशन योजना से बिलासपुर की वाटर सप्लाई बेहतर हुई है, आने वाले 1- 2 सालो में यह व्यवस्था और सुधरेगी। उन्होंने विकास के साथ सेवा को भी जन-जन तक पहुंचाने पर जोर देने की बात कही। वे इस बात से सहमत नहीं है कि शहर के विकास का पैमाना पेरिस इंग्लैंड या इटली होना चाहिए। इस तुलना की बजाय वे चाहते हैं कि यह देखा जाना चाहिए कि पिछले 10- 12 सालों में हम कहां से कहां तक पहुंचे हैं। उनका मानना है कि बिलासपुर हर लिहाज से बेहतर हुआ है। लेकिन अभी संभावनाये और भी है। शहर विस्तार के साथ यहां एक के बाद एक बन रहे कंपलेक्स शहर को विकसित होने की पहचान दे रहे हैं ।उन्होंने बताया कि बिलासपुर में नए शामिल ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन संबंधी विवाद जरूर है और इसके पीछे कुछ जमीन दलालों की भूमिका है । कई स्थानों का मैप नहीं है, इस कारण सीमांकन में भी परेशानी आ रही है, लेकिन उनका मानना है कि कानून व्यवस्था के लिहाज से यह शहर बेहद शांत और सुकून भरा है। अधिकांश समस्याओं का समाधान बातचीत से निकल आता है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को बेहतर बनाने पर जोर दिया ।पर माना कि यह अभी भी चुनौती भरा काम है। उनका मानना है कि इन योजनाओं के बीच से बिचौलियों को हटाना उनकी प्राथमिकता है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कलेक्टर ने माना कि जिले की सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा दुर्घटनाओं की वजह है। इसे लेकर हाई कोर्ट के निर्देश पर हर 15 दिन में सचिव स्तर पर बैठक हो रही है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में इस समस्या से निपटने अलग-अलग प्रयास किये जा रहे हैं । एक तरफ जहां सड़क पर मौजूद मवेशी को हटाकर गौशाला पहुंचाया जा रहा है तो वहीं पंचायत में चौपाल आयोजित कर प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि, ग्रामीणो को जागृत कर मवेशियों को इस मौसम में घर पर ही रखने को राजी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मोपका में गायों को रखने के लिए गौशाला निर्मित की गई है ,जहां उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान की जा रही है । बिलासपुर में ट्रैफिक रूल को लेकर उन्होंने कहा कि नियम कायदे धीरे-धीरे लागू किए जाएंगे ।वे व्यवहारिक पक्ष के पक्षधर नजर आए। उन्होंने कहा कि आज भी कोई स्वेच्छा से हेलमेट नहीं पहनता। इसे अगर अनिवार्य कर दिया जाए तो यह कई लोगों के लिए बड़ी समस्या बन जाएगी, इसलिए इसे धीरे-धीरे लागू किया जाएगा। लोगों में जागरुकता आएगी तो वे पुलिस के डर से नहीं बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनने लगेंगे । उन्होंने बताया कि आइटीमएस के जरिए ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर लगातार जुर्माना किया जा रहा है और जुर्माने से हासिल रकम करोड़ तक जा पहुंची है। इससे जन चेतन भी जागृत हो रही है । पत्रकारों को जानकारी देते हुए कलेक्टर अवनीश शरण ने बताया कि अरपा रिवर व्यू आने वाले दिनों में शहर का पर्यटन केंद्र बनकर उभरेगा। यहां की सजावट, नौका विहार जैसी भविष्य की तस्वीरें बेहद लुभावनी है। बिलासपुर में वाटर हार्वेस्टिंग और फायर सेफ्टी को लेकर भी उन्होंने किए जा रहे कार्यों से पत्रकारों को अवगत कराया।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि बलरामपुर कलेक्टर रहने के दौरान वे उस वक्त पूरे देश में चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला एक सरकारी स्कूल में कराया था। इस विषय में जानकारी देते हुए अवनीश शरण ने बताया कि एक तो बलरामपुर में कोई बेहतर निजी स्कूल था नहीं, सबसे अच्छा स्कूल सरकारी ही था, इसलिए उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला सरकारी स्कूल में किया था । वही उनका निजी विचार है कि हर बच्चे को प्राथमिक शिक्षा किसी सरकारी स्कूल में ही लेना चाहिए जो उसके व्यक्तित्व में सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करता है। उनका निजी अनुभव भी यही रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी 10 साल की बेटी सरकारी स्कूल में आरंभिक पढ़ाई करने की वजह से बेहद विनम्र, संवेदनशील और सरल है। वह कभी भी अपना स्कूल मिस नहीं करना चाहती। उनका मानना है कि नई शिक्षा नीति के तहत सबको अपनी मातृभाषा में शिक्षा दी जाएगी और मातृभाषा में शिक्षा के लिए सरकारी स्कूल से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता। विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखने के अलावा पत्रकारों के सवालों का जवाब देने वाले पहुना का बिलासपुर प्रेस क्लब के पदाधिकारियो ने शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देखकर अभिनंदन किया। बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली, कोषाध्यक्ष प्रतीक वासनिक, सहसचिव दिलीप जगवानी, कार्यकारिणी सदस्य गोपी डे ने कलेक्टर अवनीश शरण का अभिनंदन किया।

error: Content is protected !!