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तीन बच्चों को करीबी रिश्तेदार ने बेचा पड़ोसी राज्य में, महिला  आरोपी गिरफ्तार.दिल्ली ले जाकर बेचने की थी तैयारी !



डेस्क खबर /  माता-पिता की मौत के बाद नाना के घर रह रहे तीन नाबालिक बच्चों को उनकी करीबी महिला रिश्तेदार ने मानव तस्करी करते हुए पड़ोसी राज्य में बेच दिया। एसपी शशि मोहन सिंह की तत्परता से तीनों बच्चों को सकुशल बरामद कर महिला आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

जशपुर। तीन नाबालिक बच्चों को पड़ोसी राज्य में बेचने वाले करीबी रिश्तेदार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। माता– पिता की मौत के बाद  अपने करीबी रिश्तेदार के घर रहते थे। जिन्हे उनके करीबी रिश्तेदार के द्वारा बहला फुसला कर पड़ोसी राज्य  में बेच दिया गया था। जिसे पुलिस ने सुरक्षित बरामद  कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। साथ ही अन्य आरोपियों की पता तलाश की जा रही है। मामला तपकरा थाना क्षेत्र का है।

तपकरा थाना क्षेत्र में रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग के नाती की 8 वर्ष पहले एक्सीडेंट से मृत्यु हो गई थी। उनके नाती की पत्नी ने पति के देहांत के बाद अपने तीन बच्चों को छोड़कर दूसरे जगह शादी कर ली थी। जिन में सबसे बड़ी लड़की की उम्र 14 साल मछली लड़की की 12 साल एवं सबसे छोटा लड़का 10 साल का है।  बड़ी लड़की ने कक्षा छठवीं तक पढ़ाई कर पढ़ाई छोड़ दी है। बुजुर्ग के बड़े भाई के घर तीनों बच्चे रहते हैं बुजुर्ग व्यक्ति बीच-बीच में जाकर अपने नाती– नातिन से मिल आता है। 12 अप्रैल को बुजुर्ग को शाम 4:00 बजे सूचना मिली कि उसके पड़ पोते – पड़ पोती  बिना किसी को बताए कही चले गए है।  पत्तेसाजी करने पर पता चला कि  तीनों बच्चे उनके करीबी महिला रिश्तेदार के साथ स्कूटी में बैठ कर कही गए है। बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा करीबी रिश्तेदार समझ कर फोन नहीं किया। प्रतिदिन तक जब बच्चे नहीं लौटे तब बुजुर्ग ने रिश्तेदार से फोन कर पूछताछ की तब रिश्तेदार बच्चों को अपने पास रखने से मुकर गई।

इसके बाद 18 अप्रैल को बुजुर्ग ने तपकरा थाना में अपराध दर्ज करवाया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने तत्काल बगीचा एसडीओपी निमिषा पांडे के नेतृत्व में टीम का गठन कर बच्चों की पत्तासाजी कर सकुशल बरामदगी के निर्देश दिए। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एसपी शशि मोहन सिंह स्वयं मामले की मॉनीटरिंग कर रहे थे।

पुलिस टीम ने अंबिकापुर से तीनों बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस ने तीनों बच्चों से पूछताछ की।  पूछताछ में बच्चियों ने बताया कि घटना  के 02 दिन पूर्व उनकी रिश्तेदार उनके घर में आई थी और बोली कि मेरे साथ चलो, तो वह घर में बिना   किसी को बताए दोनों बच्चियों को व बच्चे को अपने साथ लेकर अपने घर  आई। दो दिन अपने साथ रखी फिर  12 अप्रैल  को उसने अपने स्कूटी वाहन से दोनों बहनों को उनके घर तपकरा क्षेत्र स्थित घर में लेकर आई और बोली कि-”तुम्हारे पिताजी का पैसा निकलेगा, तुम लोग साथ में रहोगे तब मिलेगा, तुम लोग बाहर जाकर काम करोगे तो उसका भी पैसा मिलेगा और तुम लोगों का अमीर घर में विवाह करा दूंगी। जिंदगी अच्छे से कटेगा, तुम्हारे भाई को भी ले जायेंगे“ कहकर चुपचाप चलना है किसी को नहीं बताना है कहते हुये अपनी बातों में लेकर तीनों भाई-बहन को स्कूटी वाहन में बैठाकर तपकरा आई और उन्हें बोली कि बस से कुनकुरी बस स्टैंड जाना फिर वहां से दूसरा बस पकड़कर कांसाबेल जाना है, मैं भी आती हूं। कांसाबेल बस स्टैंड में उसकी सहेली मिलेगी कहकर वह बस किराये के लिये 500 रू. दी। फिर वह एक बस में बैठाई एवं कुनकुरी में बस बदलकर कांसाबेल पहुंचने पर उनकी रिश्तेदार एवं उसके साथी मिले। रिश्तेदार की साथी ने उन्हें पुनः बस में बैठाकर अम्बिकापुर ले गई उसके बाद रेल्वे स्टेशन अंबिकापुर में ले जाकर अब मेरे साथ रहना है कहते हुये ट्रेन के माध्यम से अनुपपुर होते हुये अपने घर छतरपुर (मध्य प्रदेश) ले गई। रिश्तेदार की साथियों ने दोनों बहनों को कहा कि-तुम लोग दिल्ली जाकर काम करना, अच्छा पैसा मिलेगा तुमलोगों का शादी भी कराना है, तुम्हारा भाई हमलोगों के पास रहेगा, वे लोग तीनों भाई-बहन को 3-4 दिन अपने पास बंधक बनाकर रखे थे, किसी से बातचीत नहीं करने देते थे। इसी दौरान एक दिन उनके पास एक लड़का को शादी करने के लिये बुलाये, बच्ची द्वारा शादी करने से मना करने पर वह वहां से चला गया।

इसी दौरान उन्हें पुलिस की सक्रियता के संबंध में जानकारी मिली एवं दबाव पड़ने पर वह अंबिकापुर तक उन बच्चों को छोड़ दिए। जशपुर जिले के एक गांव में निवासरत उक्त रिश्तेदार आरोपिया को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर बताई कि वह योजनाबद्ध तरीके से उक्त तीनों बच्चों को बहला-फुसलाकर अपने साथ घर में बिना किसी को बताये ले गई एवं दोनों बच्चियों को शादी करा दूंगी कहकर अपने साथियों को सौंप दी थी। रिश्तेदार ने बच्चियों की शादी कराने के लिये 03 लाख में सौदा कर लिया था। जिसका एडवांस वह 20 हजार ले चुकी थी, 10 हजार रू. खर्च हो गये एवं शेष नगदी 10 हजार रू. नगद, स्कूटी वाहन एवं 01 नग मोबाईल को पुलिस द्वारा जप्त  है। साथ ही 35 वर्षीया आरोपी को अपराध पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।

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