वन मंडल में अनियमितता का मामला । पक्ष विपक्ष का दिखा एक जैसा सुर । तखतपुर विधायक धर्मजीत ने नेता प्रतिपक्ष के सवाल के समर्थन में कहा-कुछ भी कर लीजिएगा मगर रेंजर को डीएफओ मत बना दीजियेगा ।


रायपुर। आज विधानसभा सत्र में वन मंत्री, राजस्व मंत्री पीडबल्यूडी एवं नगरीय प्रशासन मंत्री सवालों का सामना कर रहे थे। तब नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने वन विभाग में अनियमितता का मामला उठाया। चरणदास महंत ने वन विभाग में हुए घोटालों खासकर मरवाही वन मंडल में अनियमितता का मामला उठा जांच की स्थिति पर प्रश्न दागे।
महंत ने कहा कि 2020 में 6 मामलों में अनियमितता की शिकायत हुई थी। जिसमे 15 दिनों में जांच करने की बात कही गई थी। पर आज दिनांक तक जांच कंप्लीट नहीं हुई है। 2021 के 21 शिकायत लंबित हैं 2022 के 30 शिकायत लंबित है और 2023 के 15 शिकायत लंबित हैं। यह सभी मरवाही वन मंडल के हैं। जिसमें 40 करोड़ के धोखाधड़ी का आरोप है। वन विभाग में जांच में इसमें असाधारण देरी की है जांच अब तक के खत्म नहीं हुई है। वन मंत्री महोदय यह बताएंगे कि यह किसकी मेहरबानी से हो रहा है यह पुराने मुख्यमंत्री की मेहरबानी है या नए मुख्यमंत्री की मेहरबानी है या फिर मरवाही की गरीब जनता इसके लिए जवाबदार है।

जिसके जवाब में वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि नेताजी ने अपने प्रश्न में ही स्पष्ट कर दिया है कि पुराने मुख्यमंत्री या नए मुख्यमंत्री की मेहरबानी थी। यह मामला अब तक कका और चाचा के चक्कर में टल रहा था। 72 मामलों में वर्तमान में जांच चल रही है जिसमें जल्द से जल्द कार्यवाही की जाएगी।
मंत्री का जवाब मिलने के बाद नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा कि मंत्री जी सीरियस नहीं दिख रहे हैं । 2020 में 6 शिकायत तो की जांच 15 दिनों में की जानी थी पर अब तक की इसकी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। मैं यह नहीं कहता कि आपकी वजह से देरी हो रही है, आप विभाग के मंत्री हैं मैं यह नहीं कहता कि आप दोषी हो, आप अभी आए हो, मैं यह नहीं कहता कि 40 करोड़ में आपका कोई हिसाब है, मैं तो बस आपके विभाग के मेहरबानियो के बारे में जानना चाहता हूं। मरवाही वनमण्डल में कोई भी काम नहीं हुआ है। यहां तक कि रोजगार गारंटी योजना के साढ़े चार करोड रुपए का भी कोई काम नहीं हुआ है। कोई हिसाब नहीं है।

जिसके जवाब में वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छह मामलों में 35 अधिकारियों के खिलाफ जांच संस्थित की गई है। इनके खिलाफ विभागीय जांच प्रक्रियाधीन है। बाकी 72 मामलों में भी हम कोशिश करेंगे की 6 माह में जांच पूरी हो जाए और दोषियों को सजा मिल जाए। महंत ने पूछा कि 35 में कितने वही मरवाही में है,कितने संलग्न है,कितने निलंबित है। जिस पर अध्यक्ष ने मंत्री को जवाब बाद में उपलब्ध करा देने की व्यवस्था दी।

मंत्री के जवाब के बाद नेता प्रतिपक्ष के सवाल का समर्थन करते हुए तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि वन मंत्री महोदय से मै भी एक प्रश्न पूछना चाहता हूं। आगे धर्मजीत सिंह ने कहा कि यह जो मामला मरवाही का चल रहा है उसमें बताना चाहूंगा कि मरवाही वन मंडल ही एक ऐसा अजूबा वन मंडल है जिसमें रेंजर और डिप्टी रेंजर को डीएफओ के पद पर बैठाया गया। वहां जंगल समझ के पता नहीं क्या-क्या किया गया। उन्होंने वन मंत्री से कहा कि आप तो आदिवासियों के मसीहा है मंत्री जी आपको किसी से डरने की क्या जरूरत आपका कार्यकाल का मामला भी नहीं है आप कड़क जांच करवा दीजिए। वैसे भी महंत जी सदन के सम्मानित नेता प्रतिपक्ष है उनका सम्मान हमारी सरकार सर्वोपरि कर रही है। इसलिए जांच करवा दीजिए लेकिन रेंजर को डीएफओ बनाने की गलती मत कीजिएगा मैं आपको बता दूं कि दुबई से भी आदमी आकर बैठे थे और मरवाही में काम कर रहे थे आपको जांच के लिए दुबई तक जाना पड़ेगा। ईडी की तरह आपको जांच का दायरा विस्तृत करना पड़ेगा। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि मंत्री जी आपका इशारा समझ गए हैं। वह जांच करवा देंगे।

