

डेस्क खबर बिलासपुर। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत इस बार गरीबों को तीन महीने का राशन एक साथ वितरित किया जा रहा है। प्रत्येक कार्डधारी को 105 किलो चावल मिल रहा है। लेकिन इस योजना का लाभ वास्तविक हितग्राहियों की बजाय शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के संचालक उठा रहे हैं। और आपदा को अवसर में बदलकर खुलेआम सरकारी राशन की जगह नगद पैसा देते नजर आ रहे है ।

नाम न छापने की शर्त पर एक कार्डधारी ने बताया कि पहले सोसायटी संचालक प्रति किलो चावल 20 से 22 रुपये तक में खरीदते थे, लेकिन अब वही चावल 16 रुपये प्रति किलो के भाव में उठाया जा रहा है। दरअसल, पहले कार्डधारी अपना अनाज ट्रेडिंग व्यापारियों या सामान्य राशन दुकानों में बदलकर बारीक चावल या अन्य सामान लेते थे। अब कार्यवाही के डर से यह रास्ता बंद हो गया है, लेकिन सोसायटी संचालकों को थोक में चावल आसानी से मिल रहा है। सरकारी बोरियो के चावल को दूसरी सफेद बोरियो में भरकर गाड़ियों के जरिए कई बड़े दुकानदारों को बेचा जा रहा है जहां से गरीबों को दिए जाने वाला चावल बिल्हा सिरगिट्टी तखतपुर सहित बिलासपुर जिले के राइस मिलो के अलावा जिले से लगे अन्य जिलों में भी भेजे जा रहे है ।


एक सोसायटी कर्मचारी ने खुलासा किया कि करीब 80% कार्डधारी अनाज की जगह नगद रुपये ले रहे हैं। ऐसे में सोसायटी संचालक कम से कम कीमत पर चावल खरीदकर मोटी कमाई कर रहे हैं।
यह खेल सिर्फ गांवों तक सीमित नहीं है, बल्कि शहर की लगभग हर सोसायटी में यह गड़बड़ी खुलेआम चल रही है। हैरानी की बात यह है कि इतने बड़े स्तर पर हो रही हेराफेरी की जानकारी खाद्य विभाग को भी है , हीं है — या फिर जानबूझकर अनदेखी की जा रही है



स्थिति यह है कि अन्यत्र PDS चावल की बिक्री पर रोक के चलते कार्डधारी अपने-अपने क्षेत्र की सोसायटी में ही औने-पौने दाम पर चावल बेचने को मजबूर हैं, और इसका सारा लाभ संचालकों की जेब में जा रहा है। सरकारी राशन की दुकानों में हो रही अफरातफरी की जांच में भी विभाग के अफसरों को गड़बड़ी मिली है लेकिन उसके बाद भी कालाबाजारी करने वाले दुकान संचालकों के खिलाफ ठोस कार्यवाही नहीं होने से राशन दुकानों में चावल से भरे ऑटो नजर आ रहे है ।




विभागीय सूत्रों और दुकानदारों से मिली से जानकारी के अनुसार राशन दुकानों को दिए जाने वाले चावलो को दुकानों में नहीं भेज कर चुनिंदा दो से चार जगह बड़े रसूखदार खुलेआम ट्रकों से अन्य राशन दुकानों का चावल खाली करवा कर प्रतिदिन लाखों का वारा न्यारा कर रहे है तमाम जानकारी होने के बाद भी अधिकारियों के कार्यवाही के नाम पर हाथ पांव कांप रहे है । जबकि तत्कालीन कलेक्टर ने सरकारी राशन में गड़बड़ी करने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश जारी किए थे लेकिन जिले में आए नए नवेले खाद्य अधिकारी भी अभी तक कालाबजारियों के खिलाफ कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे है ।
कहा खाली होता है अन्य दुकानों का राशन ..क्या है पूरा खेल.?? जल्द खुलासा आगामी अंकों में



नोट ..खबर में प्रसारित वीडियो 27 ,28 जून के आसपास का है जो कि सूत्रों के द्वारा नाम न छापने की शर्त में दिया गया है ..यह वीडियो मुक्तिधाम के आसपास की राशन दुकान का बताया जा रहा है

