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दोस्तों से लगी बाजी लगाना पड़ा महंगा …. साबुत अंडा निगलने की शर्त ने ले ली एक दोस्त की जान…..
परिजनों ने जताई हत्या की आशंका ..!

डेस्क खबर — कहते है संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे…लेकिन अंडे खाने का एक अपना नियम कायदा होता है ..उत्तर प्रदेश के हापुड़ में एक अजीब मामला सामने आया है। साबुत अंडा निगलना किशोर की जान ले गया। दोस्तों के साथ साबुत अंडा निगलने की शर्त लगाना किशोर की जान पर भारी पड़ गया। गले में अंडा फंसने से सांस रुक गई और किशोर की मौत हो गई। वहीं, किशोर के पिता ने दोस्तों पर अंडे में कुछ मिलाकर खिलाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, इस अजीब शर्त की चर्चा हो रही है। लोग इस प्रकार की शर्त को पागलपन करार दे रहे हैं।

डॉक्टरों ने घोषित किया मृत

विशानत को आनन- फानन रामा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, अंडा अटकने से उसकी सांस रुक गई थी। इसी वजह से किशोर की मौत हो गई। उधर, विशानत के पिता कुलदीप ने उसके दोस्तों पर अंडे के साथ कुछ मिलाकर खिलाने का आरोप लगाया है। साथ ही पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। सीओ जितेंद्र शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, धौलाना क्षेत्र के मोहल्ला बड्डा के रहने वाले कुलदीप का बेटा विशानत (17) गुरुवार रात बाजार गया था। वहां वह एक अंडे की ठेली पर पहुंचा। बताया जा रहा है कि वहां उसके दो दोस्त भी थे। बातों ही बातों में तीनों दोस्तों में साबुत अंडा निगलने की शर्त लग गई। शर्त के अनुसार, विशानत ने उबला हुआ गर्म साबुत अंडा मुंह में रखकर निगलने की कोशिश की, लेकिन वह गले में अटक गया। उसकी हालत बिगड़ती देख वहां मौजूद लोगों में खलबली मच गई।

डॉक्टर बोले- आहार नली में फंसा अंडा

सीनियर ईएनटी सर्जन डॉ. नवनीत वर्मा का कहना है कि हो सकता है कि साबुत अंडा निगलने के दौरान वह आहार नली में फंस गया हो। इसके कारण सांस की नली बंद हो गई और युवक सांस नहीं ले सका। सांस रुकने के कारण फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है शरीर में ऑक्सिजन की सप्लाई रुक जाती है। ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक की आशंका सबसे अधिक होती है। इसके कारण हार्ट अटैक से जान जा सकती है। लिहाजा उन्होंने ऐसा न करने की सलाह दी है।

डॉ. नवनीत वर्मा कहते हैं कि अगर अंडा सांस की नली में फंसता तो खांसी आती और मौत से पहले वह बुरी तरह खांसता। यदि किशोर साबुत अंडा निगल लेता तो एक दो दिन तक उसके पेट में दर्द रहता। लेकिन, उसकी जान बच जाती। पेट में धीरे-धीरे अंडा गल जाता। आहार नली में फंसने के कारण सांस ही रुक गई। यदि अंडा सांस नली में नहीं फंसा होता तो शायद युवक की जान बच सकती है ..फिलहाल इस अनोखी शर्त के कारण अंडे के चलते हुई युवक की मौत से लोग सत्ब्ध है ।

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