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मोबाइल में की थी मेयर ने दिल की बात…और…नोटिस मिलने के बाद कह दी मन की बात…!
प्रदेश प्रभारी शैलजा,विजय,शैलेष की बढ़ा दी मुसीबत…!
आडियो वायरल पर पीसीसी ने मांगा 24 घंटो में जवाब ..! सुनिए मेयर ने क्या दिया जवाब।

बिलासपुर।चुनावी समर में बिलासपुर मेयर रामशरण यादव का ऑडियो वायरल होने के बाद से ही राजनैतिक भूचाल आ गया है । कांग्रेस के लिए जवाब देना मुश्किल होता जा रहा है । तमाम बड़े मीडिया संस्थान और सोशल मीडिया में खबर प्रसारित होने के बाद वायरल ऑडियो पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संज्ञान लिया है,जिसपर मेयर रामशरण यादव को पीसीसी ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। पीसीसी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर मेयर से स्पष्टीकरण मांगा है । टिकट वितरण को लेकर मेयर का कथित वायरल ऑडियो के मद्देनजर यह नोटिस जारी किया गया है ।

गौरतलब है कि प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा पर लगाए गए गंभीर आरोप से पार्टी की फजीहत हो रही है और बिलासपुर से कांग्रेस प्रत्याशी शैलेष पांडेय पर भी विधायक निधि में कमीशनाखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं । साथ ही विधायक के कार्यकाल में शहर के लिए किए गए 5 कार्यों को लेकर जवाब लेने की बात पर अरुण तिवारी से कही थी जिसके बाद से बीजेपी प्रत्याशी अमर अग्रवाल इस आडियो को लेकर शैलेश पांडेय पर तीखे हमले कर कड़े मुकाबले में विधायक की पोल खोल कर उनसे जवाब मांग रहे है ।
वहीं रामशरण यादव के वायरल आडियो से बेलतरा से कांग्रेसी प्रत्यासी केशरवानी की भी परेशानी बढ़ा दी है, बेलतरा में कांग्रेस की गुटबाजी जगजाहिर है । गौरतलब है कि बेलतरा सीट से टिकट के लिए सबसे दावेदारों ने ताल ठोकी थी और कई दावेदार सर्वे में भी विजय से आगे थे वावजूद इसके विजय को टिकट दिया गया था,जिसके बाद कुछ नेताओं ने खुल कर विरोध किया था । हालांकि बाद में किसी ने विजय के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ा था लेकिन इस आडियो के बाद उनकी खिलाफत का असर इस सीट पर कांग्रेस की अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है ।

जानकारी दें कि बिलासपुर में ठीक चुनाव के समय कांग्रेस के पूर्व विधायक अरुण तिवारी के सनसनीखेज खुलासे व मेयर के साथ बातचीत का ऑडियो सामने आने के बाद सियासी गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है। ऑडियो में किए गए बातों और आरोपों को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में आरोपों और वायरल ऑडियो को लेकर बिलासपुर मेयर रामशरण यादव ने अब मिडिया में सफाई भी दी है। उनका कहना है कि, पूर्व विधायक अरुण तिवारी उनके वार्ड के रहवासी हैं जो समय-समय पर वार्ड के काम को लेकर उनसे संपर्क करते हैं, फोन के जरिए भी उनसे बात होती है। मेयर होने के नाते जब भी कोई फोन आता है वे लोगों से बात करते हैं। अरुण तिवारी से भी भाईचारे के नाते कई बार बात हुई है, लेकिन अब जिस तरह ऑडियो के जरिए उनपर आरोप लगाया जा रहा है, वो सब निराधार है।

ऑडियो में स्पष्ट रूप से रामशरण यादव द्वारा टिकट को लेकर प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा पर टिकट के एवज में 4 करोड़ रु का बड़ा लेनदेन का आरोप लगाया गया है। ऑडियो में बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय के कामकाज को लेकर भी टिप्पणी की गई है । अरुण तिवारी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा है कि उन्होंने इस बात की शिकायत बकायदा पार्टी फोरम में भी की है और कुमारी शैलजा से लेकर प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व को विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराया लेकिन उनकी कहीं भी सुनी नहीं गई । अरुण तिवारी ने बताया कि मीडिया के माध्यम से वो पार्टी के इन गतिविधियों को उजागर करना चाहते हैं ताकि ये बातें ऊपर तक जाए और उनकी सुनवाई हो । जारी ऑडियो में टिकट ना मिलने से नाराज कांग्रेसी नेता रामशरण यादव ने रोष जाहिर करते हुए कहा है कि वो एलआईवी रिपोर्ट में सबसे आगे थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला । कल प्रेसवार्ता में अरुण तिवारी ने मीडिया से कहा भी था कि रामशरण फिलहाल डरे हुए हैं इसलिए वो खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं और रामशरण यादव ने ही उन्हें इन सब मुद्दो को पब्लिक के सामने रखने को कहा था और अरुण तिवारी ने इस आडियो की पूरी तरह जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा को खुली चुनौती देते हुए आडियो की जांच तक की बात कह डाली थी !

इस वायरल आडियो ने न सिर्फ रामशरण यादव की मुश्किलें बढ़ी है,बल्कि कहीं न कहीं शैलेश पांडेय और विजय केशरवानी को भी जनता के सामने कटघरे में खड़े कर दिया है,जिससे चुनावी रेस में बीजेपी को आगे जाने का मार्ग भी सुगम हो गया है।

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