छत्तीसगढ़बिलासपुर

सड़क मार्ग से आना मतलब जमीनी हकीकत को टटोलना और रेलगाड़ी से लौटना मतलब रद्द हो रही ट्रेनों के कारण जनता के दर्द से जुड़ना !
राहुल गाँधी की परिपक्व राजनीति ।

बिलासपुर । बीते दो दिनों से राहुल गांधी के आगमन को लेकर गहमागहमी मची हुई थी । कोई कहे कि राहुल आकाशमार्ग से आ रहे हैं तो किसी ने कहा नहीं-नहीं वो सड़क मार्ग से ही आएंगे । मीडिया जगत में तो और ज्यादा बेचैनी बढ़ी हुई थी । आखिरकार आज राहुल गांधी सड़क मार्ग से बिलासपुर पहुंचे और तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के सकरी स्थित परसदा मैदान में एक विशाल सम्मेलन को सम्बोधित किया ।

अब जब राहुल गांधी खुद रायपुर से सड़क मार्ग से बिलासपुर पहुंचे तो सीएम भूपेश बघेल भी सड़क मार्ग से ही आए,इसमें आश्चर्य वाली कोई बात भी नहीं है ! आवास न्याय योजना सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे राहुल का आतिशी स्वागत हुआ । हमारी पैनी नजर मंच पर विराजे राहुल गाँधी पर बनी हुई थी । राहुल के ठीक बगल में कुमारी शैलजा बैठीं हुईं थी और दूसरी ओर सूबे के मुखिया भूपेश बघेल । एक बात जो बारबार मंच पर बैठे राहुल गाँधी में देखने को मिला कि वो अपने इर्दगिर्द बैठे नेताओं से कुछ ना कुछ चर्चा कर रहे थे । हम तो दूर से ही उन्हें निहार रहे थे । लेकिन दूर से ही ऐसा लग रहा था कि वो बातचीत के क्रम में या तो कुछ जानने की कोशिश कर रहे थे या फिर बारबार कुछ निर्देश दे रहे थे । मंचासीन विशिष्ट नेताओं के सामान्य हावभाव से राहुल का बॉडी लैंग्वेज कुछ हटके था,जो हमें आकर्षित कर रहा था । ऐसा लग रहा था कि वो मंच पर अपनी विशिष्टता को ओढ़कर नहीं बल्कि साधारण जिज्ञासु बनकर पहुंचे हुए हैं । अब आई भाषण की बारी । राहुल गाँधी का भाषण भी शॉर्ट एंड स्वीट था । राहुल के भाषण में जय और जिंदाबाद की औपचारिकता ना के बराबर थी । अपने संक्षिप्त उद्बोधन में राहुल ने सबसे पहले अपने पुराने किये गए वादे और उसको पूरा करने की बात दोहराई । फिर आवास न्याय योजना के तहत हितग्राहियों तक मनी ट्रांसफर के मर्म को भी समझाया राहुल ने ।

राहुल ने चुटीले अंदाज में मोदी सरकार के रिमोट कंट्रोल को भी बताया । कुल मिलाकर राहुल गाँधी ने आज एक बेहद परिपक्व नेता की तरह संवाद किया । वो सीधे तौर पर अवाम से वोट नहीं मांग रहे थे लेकिन आगे उनकी पार्टी का साथ छत्तीसगढ़ की जनता क्यों दे,वो यह समझाते नजर आ रहे थे । जनता को अपनी ओर आकर्षित करने का यह मैच्योर्ड व इनडाइरेक्ट अप्रोच है । राहुल ने अपने संक्षिप्त भाषण में जातिगत जनगणना के जरूरत को भी बखूबी समझाया । इसे करवाने की मंशा को बताते हुए मोदी सरकार के नियत पर भी सवाल उठाया ।

चुनावी साल में जातिगत जनगणना की बात छेड़ने के पहल को भी दूर की सोच मानी जा सकती है । अब राहुल का भाषण खत्म हो चुका था । राहुल गाँधी के प्रस्थान को लेकर सड़क मार्ग का अनुमान लगाया जा रहा था,लेकिन एकबार फिर राहुल ने लगाए जा रहे अनुमान को ठेंगा दिखा दिया । इसबार वो ट्रेन से स्लीपर क्लास में रायपुर के लिए रवाना हुए । साथ में सीएम भूपेश बघेल भी थे । मैं फिर दुबारा कहूंगा कि इसमें कोई आश्चर्य वाली बात नहीं है ! राहुल यहाँ भी आगे निकल गए । वो प्रदेश में लगातार रद्द हो रही ट्रेनों के तकलीफ़ को ख़ूब समझ रहे होंगे । सम्भवतः उन्होंने साधारण लोगों के बीच जाकर ट्रेन के सफर को इसलिए चुना ताकि जनता के सेंटिमेंट से वो सीधे कनेक्ट हो सकें ।

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